विकसित भारत 2047 क्या है?- ‘विकसित भारत’ शब्द का अर्थ है ‘भारत को विकसित देश’ बनाने से है। भारत को विकासशील देश की श्रेणी से ऊपर भारत को विकसित बनाने की भारत सरकार की यह एक महत्वकांक्षी अभियान है।
जानें विकसित भारत 2047 क्या है?
विकसित भारत की अवधारणा भारत को 2047 तक एक सम्पूर्ण विकसित राष्ट्र के रूप में उभारने की एक योजना है। वर्ष 2047 में भारत अपनी स्वतन्त्रता की 100 वीं वर्षगांठ मनाएगा एवं ऐसी परिकल्पना है कि इस अवधि तक नवप्रवर्तन एवं प्रौद्योगिकी प्रयोग कर भारत अग्रणी देश बन जाएगा एवं हमारे देश का चहुंमुखी विकास होगा।
इसके तहत भारत के सम्पूर्ण विकास की परिकल्पना की गयी है अर्थात सभी प्रकार के सामाजिक, आर्थिक गतिविधियों में आधुनिकीकरण, नवाचार गतिविधियों एवं प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना शामिल है। इसमें आर्थिक विकास, सामाजिक विकास के साथ पर्यावरण एवं शासन में भी पारदर्शिता लाने का संकल्प है।
भारत के बारे संक्षिप्त दृष्टि
भौगोलिक स्थिति | उत्तर में हिमालय, पूर्व में बंगाल की खाड़ी, दक्षिण में हिंद महासागर, पश्चिम में अरब सागर से घिरा हुआ है एवं यह उत्तरी गोलार्ध में स्थित है। |
क्षेत्रफल | 3.3 मिलियन वर्ग किमी |
लिंग अनुपात | 940 |
जीवन प्रत्याशा दर | 65.8 वर्ष (पुरुष); 68.1 वर्ष (महिलाएं) |
राज्यवार स्थिति | 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश। |
देश का नाम | भारत गणराज्य; रिपब्लिक ऑफ इंडिया |
जनसंख्या | 140 करोड़ लगभग |
धर्म | हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन और अन्य |
सीमावर्ती देश | उत्तर में चीन, भूटान एवं नेपाल, पूर्व में म्यांमार, और पश्चिम बंगाल के पूर्व में बांग्लादेश, उत्तर-पश्चिम में अफ़गानिस्तान एवं पाकिस्तान। श्रीलंका भारत से पाक जलडमरूमध्य और मन्नार की खाड़ी द्वारा निर्मित एक संकीर्ण समुद्री चैनल द्वारा पृथक |
समुद्र तट | 7,516.6 किमी |
कार्यपालिका विधायिका न्यायपालिका | राष्ट्र प्रमुख के रूप में भारत का राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख एवं मंत्रिपरिषद लोकसभा (लोगों का सदन) और राज्यसभा (राज्यों की परिषद) शामिल हैं जो संसद के दोनों सदनों का गठन करते हैं। न्यायपालिका के रूप में भारत का सर्वोच्च न्यायालय शीर्ष निकाय है, एवं अन्य उच्च न्यायालय और अधीनस्थ न्यायालय भी हैं। |
शिक्षा की स्थिति | साक्षरता दर 74.04 प्रतिशत – पुरुषों – 82.14 प्रतिशत और महिलाओं – 65.46 प्रतिशत |
विकासशील एवं विकसित देश में क्या अंतर होता है?
‘विकसित भारत 2047′ में ,’विकसित’ शब्द का प्रयोग किया गया है, यह शब्द विकासशील शब्द का विपरितार्थक है। अतः पहले हमें यह जनना आवश्यक है कि विकासशील एवं विकसित देश में क्या अंतर होता है-
विकासशील देश | विकसित देश |
प्रति व्यक्ति उच्च सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) कम होता है, लोगों की आय कम होती है जैसे अमेरिका, जापान | प्रति व्यक्ति उच्च सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) ज्यादा होता है अतः लोगों की आय ज्यादा होती है, चीन, भारत |
कम साक्षरता दर- अफ़गानिस्तान में लगभग 70% साक्षरता | उच्च साक्षरता दर – जैसे नॉर्वे में लगभग 100% साक्षरता |
ऐसे देशों में अक्सर बुनियादी ढाँचे की कमी होती हैं, जिससे आर्थिक विकास और जीवन की गुणवत्ता प्रभावित होती है। | उन्नत बुनियादी ढाँचा (जैसे, परिवहन, प्रौद्योगिकी)। |
प्रायः राजनीतिक अस्थिरता, कमज़ोर शासन और भ्रष्टाचार का बोलबाला रहता है। | इन देशों में राजनीतिक एवं सुशासन व्यवस्था अत्यंत ही सुदृढ़ होती है । |
विकासशील देश की अर्थव्यवस्था कृषि और कच्चे माल पर अधिक निर्भर करते हैं, औद्योगीकरण विकासशील अवस्था में होती है। | जबकि अर्थव्यवस्था पूरी तरह से उधोग, सेवाओं और प्रद्योगिकी पर आधारित होती है। |
स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता में कमी एवं जीवन प्रत्याशा कम होती है, नाइजीरिया की लगभग 54 वर्ष है | आम तौर पर उन्नत स्वास्थ्य सेवा की व्यवस्था, जीवन प्रत्याशा अधिक होती है जैसे जापान की लगभग 84 वर्ष है |
विकसित भारत का लक्ष्य क्या है?
वैश्विक दृष्टिकोण के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेज अर्थव्यवस्था है। इसमें विकास की अपार संभावना है। वर्ष 2047 तक भारत में शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और बुनियादी ढाँचे में अभूतपूर्व विकास देखने को मिल सकता है। 2047 तक भारत को विकसित करने के लिए कई लक्ष्य हासिल करने होंगे: जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, तकनीकी, कृषि, एवं पर्यावरण, तथा इंफ्रास्ट्रकचर में विकास एवं प्रगति, इनमें से कुछ प्रमुख का विवरण इस प्रकार है –
विकसित भारत का लक्ष्य -भारत का आर्थिक विकास, रोजगार एवं इनोवेसन
वर्ल्ड बैंक ग्रुप के अनुसार “चुनौतीपूर्ण वैश्विक परिस्थितियों के बावजूद, भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है।” कहा जा रहा है कि अगर सही रणनीति के साथ काम किया जाए, भारत के पास 2075 तक दुनिया की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की क्षमता है।
स्किल डेवलेपमेंट के माध्यम से युवाओं को सशक्त करना
राष्ट्र का निर्माण राष्ट्र के नागरिकों खासकर युवाओं के विकास से होता है, अतः यह जरूरी है कि लोग अपनी क्षमताओं को विकसित करे एवं भारत को विकसित करने के लिए आगे आए। इसलिए सरकार युवाओं की क्षमताओं को विकसित करने के लिए स्किल डेवलेपमेंट जैसे कार्यक्रम की शुरुआत की है। इसके तहत 1.4 करोड़ लोगों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। लोगों में उधम को बढ़ावा देने के लिए पीएम मुद्रा योजना के तहत 43 करोड़ लोन दिया जा चुका है।
विकसित भारत का लक्ष्य -भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था
ई-गवर्नेंस, डिजिटल भुगतान, ई-कॉमर्स, डिजिटल भुगतान और ऑनलाइन शिक्षा को प्रोत्साहन दिया जा रहा है, ताकि विकसित देशों की तरह यहाँ भी डिजिटल अर्थव्यवस्था पूरी तरह से विकसित किया जाए। UPI के उदाहरण के तौर पर हम समझ सकते हैं कि UPI ने शहरी एवं ग्रामीण आबादी को एक साथ लाकर खड़ा कर दिया है। पूरे देश में वित्तीय समावेशन में यूपीआई की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता। इससे भुगतान अत्यंत ही सरल हुआ है।
हम बता दें कि UPI का विकास इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा किया गया है एवं भुगतान का एक इलेक्ट्रानिक माध्यम है। आज देश मे लाखों- करोड़ों का ट्रानजैक्सन यूपीआई के माध्यम से ही रहा है।
विकसित भारत का लक्ष्य -इनोवेसन
विकसित अर्थव्यवस्था में उद्यमशीलता एवं नवाचार को बढ़ावा दिया जाता है। भारत में भी इस प्रकार की गतिविधियों को “मेक इन इंडिया” के तहत बढ़ावा दिया जा रहा है। स्टार्टअप और छोटे व्यवसायों को बढ़ावा देकर इन क्षेत्रों में लाखों नौकरियों का सृजन किए जाने के प्रयास किए जा रहे है। इसके लिए भरात में व्यवसाय करने के लिए उचित परिवेश का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए कौशल विकास और नौकरियों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना भी शामिल है।
विकसित भारत का लक्ष्य -इंफ्रास्ट्रकचर का विकास
भारत को 2047 तक विकसित भारत के श्रेणी में आने के लिए सड़कों, रेलवे और हवाई अड्डों सहित परिवहन नेटवर्क का पूर्ण विस्तार, स्मार्ट शहरों का विकास, और आधुनिकीकरण करना आवश्यक है एवं यह विकसित भारत के लक्ष्य में भी शामिल है। जैसे कि उड़ान योजना के तहत मौजूदा हवाई अड्डों का विस्तार एवं नए हवाई अड्डों का तेजी से विकास किया जा रहा है, ताकि विकसित भारत का सपना पूरा हो सके।
सरकारी सेवाओं में सुधार हेतु सरकारी कर्मचारियों को कर्मयोगी पोर्टल के माध्यम से आधुनिक एवं डिजिटल ज्ञान अपडेट किया जा रहा है, ताकि सार्वजनिक सेवाओं को बेहतर किया जा सके। विश्व स्तर वाले इंफ्रास्ट्रकचर का विकास सरकार की प्राथमिकता है।
विकसित भारत का लक्ष्य -स्वास्थ्य सेवा को आधुनिक एवं उन्नत बनाना
स्वास्थ्य सेवा को आधुनिक एवं उन्नत बनाना विकसित भारत अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, क्योंकि स्वास्थ्य ही धन है। स्वास्थ्य सेवा में प्रौद्योगिकी और अनुसंधान को बढ़ावा दिया जाएगा। सभी को किफायती स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराई जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं एवं इंफ्रास्ट्रकचर में सुधार किया जाएगा। इसके तहत महिलाओं के स्वास्थ को प्राथमिकता देते हुए कई योजनाएँ भी चलाई जा रही है। जैसे आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य कवर दिया जा रहा है।
विकसित भारत का लक्ष्य -सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा
विकसित भारत के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए जरूरी है कि भारत आधुनिक ज्ञान विज्ञान के अनुकूल शिक्षा प्रदान करे अतः व्यावसायिक प्रशिक्षण और कौशल विकास सहित सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित किए जाने का प्रयास किया जा रहा है। कौशल विकास, डिजिटल साक्षरता और व्यावसायिक प्रशिक्षण पर जोर दिया जाएगा।
महिलाओं में उच्च शिक्षा का नामांकन 10 वर्षों में 28 प्रतिशत बढ़ा है। शिक्षा, रोजगार एवं सामाजिक सुधारों के माध्यम से महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसे आगे भी जारी रखा जाएगा।
विकसित भारत का लक्ष्य -सामाजिक विकास
देश में गरीबी को कम करने और जीवन स्तर में सुधार करने के लिए प्रभावी कल्याण कार्यक्रमों को लागू करना सराकर की प्राथमिकता है। यह कहा जा रहा है कि गरीब का कल्याण देश के कल्याण से जुड़ा हुआ है। आकड़ों के अनुसार लगभग 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर आ चुके है। इन्हें सरकारी योजना का लाभ दिया जा रहा है।
विकसित भारत का लक्ष्य -ई-गवर्नेंस एवं सुशासन में पारदर्शिता
ई-गवर्नेंस एवं सुशासन में पारदर्शिता लाने के लिए सभी लोकतांत्रिक संस्थाओं को डिजिटल रूप दिया जा रहा है। जनता का सरकार में विश्वास बढ़ाने के लिए पारदर्शी शासन सुनिश्चित करना भारत का लक्ष्य है। इसके लिए सरकारी सेवाओं को सुव्यवस्थित करने, उन्हें अधिक सुलभ और कुशल बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा रहा है।
सरकारी कर्मचारियों के कार्यदक्षता बढ़ाने के लिए आधुनिक प्रशिक्षण कि व्यवस्था की गयी है। इसके लिए ‘कर्मयोगी’ नाम से आधुनिक भारत के अनुरूप प्रशिक्षण की व्यवस्था की गयी है। सभी कर्मचारियों के लिए यह प्रशिक्षण पूरा करना अनिवार्य है।
विकसित भारत का लक्ष्य – पर्यावरण का संरक्षण
विकसित भारत के तहत में ग्रीन और क्लीन एन्वाॅयर्नमेंट, बायोडायवर्सिटी को बचाना, प्राकृतिक संसाधनों को सुरक्षित रखते हुए सभी विकास संबंधी गतिविधियों को कार्यान्वित किया जाना है। कहा जाता है कि विकसित देशों की स्थिति पर्यावरण के अनुकूल नहीं।
एक अनुमान के मुताबिक चीन का वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन 27% है, जो कि पूरे विश्व में सबसे बड़ा उत्सर्जक है, दूसरे में संयुक्त राज्य अमेरिका 12.5%। जबकि भारत का ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन 7 % के लगभग है। विकसित भारत बनने के लिए भारत पर्यावरण हितैषी नीतियाँ अपना रहा है, ताकि इस क्षेत्र में पर्यावरण को बिना क्षति किए विकास की राह पर आगे जा सके।
आज भी भारत की गणना विकासशील देशों की श्रेणी में की जाती है एवं सरकार हमेशा से ही प्रयास करते आई है कि भारात विकासशील न होकर एक विकसित राष्ट्र हो। इसी का परिणाम है ‘विकसित भारत 2047’ की संकल्पना।”विकसित भारत 2047″ के लिए अग्रसर होने के लिए हमें अर्थव्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, आदि बुनियादी क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
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