हर भारतीय के लिए यह गर्व की बात है कि भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला 10 जून 2025 को एक्सिओम-4 मिशन के तहत अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन अर्थात ISS की यात्रा करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बनेंगे। उनके साथ कुल तीन अंतरिक्ष यात्री और होंगे।
शुभांशु शुक्ला कौन हैं?
शुभांशु शुक्ला एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री एवं इंडियन एअर फोर्स के पाइलट हैं। उनका जन्म अक्टूबर 1985 में उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हुआ था। उनकी पत्नी का नाम कामना है, जो पेशे से डॉक्टर हैं। उनका एक पुत्र भी है। उनके पिता का नाम शंभू दयाल शुक्ला एवं माँ का नाम आशा शुक्ला हैं।
वे बचपन से ही देश प्रेमी एवं भारतीय सेना में जाने के इच्छुक थे। अतः संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली राष्ट्रीय रक्षा अकादमी की परिक्षा पास कर वे वायुसेना में शामिल हो गए। उस समय वे केवल 16 साल के थे। इनसे उनके सेना में शामिल होने के जुनून का साफ पता चलता है। सेना में रहते हुए उन्होने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी से कंप्यूटर विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। सेना में उनकी नियुक्ति फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में हुई। उनके पास एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर ऑफ़ टेक्नोलॉजी की डिग्री भी थी जो उनके करियर को आउर आगे ले गए एवं एक अंतरिक्ष यात्री बनने में सहायक सिद्ध हुआ।
उन्हें कई विमानों जैसे Su-30 MKI, MiG-21, MiG-29, JDornier 228, An-32., जगुआर, हॉक, आदि में फ्लाइंग का गहन अनुभव है। उन्हें इन विमानों को 2000 से अधिक घंटों का उड़ाने का अनुभव है।
एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला और एक्सिओम मिशन 4
एक्सिओम मिशन 4 एक अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा, एलन मास्क का स्पेसएक्स और भारतीय स्पेश एजेंसी इसरो की एक महत्वकांक्षी स्पेस मिशन हैं। भारत के मानव अंतरिक्ष मिशन कार्यक्रम के तहत भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला को पायलट के रूप में चुना गया है। इसके तहत स्पेस एक्स के यान क्रू ड्रैगन से अंतरिक्ष यात्रियों को ISS तक ले जाएगा। अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन -ISS एक अंतरिक्ष यान है एवं विज्ञान की प्रयोगशाला है, वैज्ञानिकों एवं अंतरिक्ष यात्रियों के अनुसंधान एवं प्रयोग के लिए समर्पित है।
एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला सहित कुल 4 अंतरिक्ष यात्री फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स रॉकेट पर सवार होकर 10 जून को ISS के लिए उड़ान भरेंगे। एक्सिओम मिशन 4 नाम से ही स्पष्ट है कि इससे पहले 3 और मिशन लॉंच हो चुके हैं जो वर्ष 2022, 2023 एवं 2024 में पूरे किए गए थे।
एक्सिओम मिशन 4 का लक्ष्य
इस मिशन का मुख्य लक्ष्य है वैज्ञानिक अनुसंधान, प्राइवेट स्पेस यात्रा एवं स्पेस रिसर्च को बढ़ावा देना है। इसके अलावा स्पेस टेक्नॉलॉजी में नवाचार को बढ़ावा देना भी इसमें शामिल है।
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