चैत्र माह की मासिक शिवरात्री कब है? जाने मार्च में मनाए जाने वाले मासिक शिवरात्री की तिथि, पूजन विधि एवं शुभ मुहूर्त के बारे में.

चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की चतुरदर्शी तिथि को मासिक शिवरात्री का व्रत रखा जाता है तथा इस दिन भगवान शिव की उपासना की जाती है. मान्यता है कि मासिक शिवरात्री का व्रत रखने से हमारे जीवन में सुख-समृद्धि तथा धन-वैभव की प्राप्ति होती है.

प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दर्शी तिथि को मासिक शिवरात्री का व्रत रखा जाता है तथा सुहागन महिलाओं के लिए मासिक शिवरात्री का व्रत विशेष महत्वपूर्ण होता है. क्योंकि सुहागन महिलाओं द्वारा मासिक शिवरात्री का व्रत रखने से उनका वैवाहिक जीवन खुशहाल से व्यतीत होता है तथा मासिक शिवरात्री का यह दिन भगवान शिव को समर्पित है.

चैत्र माह में मासिक शिवरात्री कब है?

चैत्र माह की मासिक शिवरात्री 27 मार्च, दिन-गुरुवार को मनाई जाएगी. मासिक शिवरात्री की शुभ मुहूर्त 27 मार्च को रात 11 बजकर 03 मिनट पर शुरू होगी तथा इसके अगले दिन 28 मार्च को शाम 07 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगी. अर्थात् मासिक शिवरात्री की पूजा निशाकाल में की जाती है. इस तरह चैत्र माह की शिवरात्री 27 मार्च को मनाई जाएगी.

मासिक शिवरात्री की पूजा कैसे करे?

  • मासिक शिवरात्री के दिन सुबह जल्दी उठकर नहा धोकर फ्रेश हो जाए. उसके बाद साफ तथा स्वच्छ कपडे धारण करे. व्रत का संकल्प लेते हुए भगवान शिव की पूजा की शुरुआत करे.
  • पूजा शुरू करने से पहले भगवान शिव को गंगाजल, दूध, दही, घी और शहद से उनका अभिषेक करे.
  • पूजा के दौरान भगवान शिव को लोरी, चन्दन, बेल पत्र, भांग, धतूरा, अक्षत तथा फूल चढाये. उसके बाद धूप तथा अगरबत्ती दिखाते हुए भगवान शिव को खीर, फल, मिठाई तथा हलवा का भोग लगाए तथा भगवान शिव के समक्ष घी का दीपक जलाए. मासिक शिवरात्री के दिन शिव परिवार की भी पूजा की जाती है.
  • पूजा के बाद मासिक शिवरात्री की व्रत कथा जरुर सुने. मासिक शिवरात्री के दिन गरीबों तथा जरुरत मंदों को दान-दक्षिणा करे, जिससे आपको उनका आशीर्वाद प्राप्त हो.
  • मासिक शिवरात्री के दिन विशेष रूप से रात्रि के समय भगवान शिव के मंत्रों का जाप किया जाता है. साथ ही साथ शिव महापुराण की कथा सुनी जाती है.
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मासिक शिवरात्री तथा महा शिवरात्री में क्या अंतर है?

मासिक शिवरात्री हर महीने मनाई जाती है जबकि महा शिवरात्री साल में एक बार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दर्शी तिथि को मनाई जाती है. महा शिवरात्री वह दिन है जब भगवान शिव ने वैराग्य जीवन को छोड़कर वैवाहिक जीवन को अपनाया था. जिसके कारण महा शिवरात्री का दिन भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह की वर्ष गांठ के रूप में भी मनाया जाता है.

मासिक शिवरात्री का महत्व:

हिन्दू धर्म में मासिक शिवरात्री का विशेष महत्व है तथा मासिक शिवरात्री के दिन भगवान शिव की पूजा करने से सादक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. इस दिन निशिता काल में भगवान शिव के मंत्रों का जाप करने से हमारे सारे दुःख दूर होते है.

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