हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व है। साल 2025 में चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से शुरू होने जा रही है तथा चैत्र नवरात्रि में माँ दुर्गा के नौ रूपों की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है तथा इस दौरान लोग अपने घरों में कलश यानि घट की स्थापना करते है।
चैत्र नवरात्रि 2025 में कब है?(Chaitra Navratri 2025)
साल 2025 में चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 30 मार्च से होने जा रही है तथा चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होने वाली नवरात्रि को चैत्र नवरात्रि कहा जाता है। चैत्र नवरात्रि में माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है और साथ ही साथ कलश स्थापना की जाती है इस दौरान चैत्र नवरात्रि में पूरे नौ दिनों तक व्रत रखा जाता है। चैत्र नवरात्र के साथ ही हिंदू नववर्ष का आरम्भ हो जाता है।
साल में दो बार नवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। पहला चैत्र नवरात्रि और दूसरा शारदीय नवरात्रि। चैत्र नवरात्रि मार्च तथा अप्रैल के महीनों में मनाया जाता है। वहीं शारदीय नवरात्र सितम्बर तथा अक्टूबर के महीनों में मनाया जाता है। शारदीय नवरात्र के दौरान पश्चिम बंगाल के कोलकाता शहर में धूम-धाम से दुर्गा पूजा का त्योहार मनाया जाता है।
चैत्र नवरात्रि में माँ दुर्गा का स्वरूप:(Chaitra Navratri 2025)
चैत्र नवरात्रि | तारीख़ | दिन | माँ दुर्गा का स्वरूप |
प्रथम दिन | 30 मार्च, 2025 | रविवार | माँ शैलपुत्री |
द्वितीया | 31 मार्च, 2025 | सोमवार | माँ ब्रह्मचारिणी |
तृतीया | 01 अप्रैल, 2025 | मंगलवार | माँ कुषमांडा |
चतुर्थी | 02 अप्रैल, 2025 | बुधवार | माँ स्कंदमाता |
पंचमी | 03 अप्रैल, 2025 | गुरुवार | माँ कात्यायनी |
षष्ठी | 04 अप्रैल, 2025 | शुक्रवार | माँ कालरात्रि |
सप्तमी | 05 अप्रैल, 2025 | शनिवार | माँ महागौरी |
अष्टमी | 06 अप्रैल, 2025 | रविवार | माँ सिद्धिदात्री और राम नवमी |
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त:
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है तथा इस साल 30 मार्च दिन रविवार को कलश स्थापित की जाएगी। कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 13 मिनट से लेकर 10 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। चैत्र नवरात्रि का आठवां तथा नौवा दिन काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। क्योंकि इस दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है।
इस साल चैत्र नवरात्रि आठ दिन की है:
साल 2025 में चैत्र नवरात्रि आठ दिन की है क्योंकि इस बार अष्टमी और नवमी तिथि एक ही दिन पड़ रहा है। पंचमी तिथि का क्षय होने के कारण इस बार की चैत्र नवरात्रि 8 दिन की होगी। शास्त्रों के अनुसार यह बताया जा रहा है कि इस बार माँ शेरावाली हाथी पर सवार होकर पृथ्वी पर अपने भक्तों को दर्शन देगी तथा विजया दशमी के दिन ही हाथी पर बैठकर ही स्वर्ग लोक में प्रस्थान करेगी।
चैत्र नवरात्रि में मनाया जाता है भगवान राम का जन्मदिवस:
साल 2025 में राम नवमी 06 अप्रैल को मनाई जाएगी तथा इस दौरान अयोध्या में भगवान राम को सूर्याभिषेक किया जाता है और साथ ही साथ भव्य मेला का आयोजन भी किया जाता है। भगवान राम का जन्म इसी तिथि पर हुआ था तथा इस शुभ अवसर पर राम नवमी का त्योहार मनाया जाता है।
चैत्र नवरात्रि से जुड़ी पौराणिक कथा:
पौराणिक कथा के अनुसार, रम्भासुर का पुत्र महिषासुर जो बेहद ही शक्तिशाली था तथा महिषासुर को भगवान ब्रह्मा जी का वरदान प्राप्त था। कि महिषासुर की मृत्यु सिर्फ़ स्त्री के हाथों ही हो सकती है। जिसके कारण महिषासुर तीनों लोकों पर अत्याचार करना शुरू कर दिया।
महिषासुर के शासन से देवताजन काफी परेशान होने लगे। अंत में सभी देवताओं ने माता दुर्गा से प्रार्थना करने लगे कि वह महिषासुर नामक राक्षस का वध करे। देवताओं की प्रार्थना पर माता दुर्गा, महिषासुर का वध करने के लिए तैयार हो गई। नौ दिनों तक चले इस घमासान युद्ध के बाद महिषासुर का वध किया गया और इस शुभ अवसर के रूप में चैत्र नवरात्रि का पर्व मनाया जाने लगा।
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