होली के बाद रंग पंचमी का त्योहार प्रत्येक वर्ष चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है तथा यह वह दिन है जब भगवान कृष्ण ने राधा रानी के साथ होली खेली थी। रंग पंचमी का यह त्योहार खासकर होली के ठीक पाँच दिन बाद महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, वृंदावन तथा राजस्थान में बड़े ही धूम-धाम से मनाई जाती है।
रंग पंचमी को कृष्ण पंचमी, श्री पंचमी तथा देव पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि रंग पंचमी का त्योहार मनाने से पति-पत्नी के बीच के रिश्ते मज़बूत होते है और उनका वैवाहिक जीवन खुशहाल से व्यतीत होता है।
साल 2025 में रंग रंग पंचमी कब है? (Happy Rang Panchami 2025)
इस साल यानी साल 2025 में रंग पंचमी 19 मार्च, दिन- बुधवार को मनाया जा रहा है। रंग पंचमी त्योहार की शुरुआत आज से लगभग कई साल पहले यानी द्वापर युग में हुई थी और तब से लेकर अब तक रंग पंचमी त्योहार की धूम अभी भी देखी जा रही है। हिंदू पंचांग में यह बताया गया है कि रंग पंचमी के दिन ही भगवान कृष्ण ने राधा रानी के साथ होली खेली थी तथा इस अद्भुत दृश्य को देखने के लिए सभी देवता पृथ्वी पर आए थे।
रंग पंचमी के दिन क्या करना चाहिए?
- रंग पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठ कर नहा धो कर फ़्रेश हो जाए, उसके बाद साफ तथा स्वच्छ कपड़े धारण कर भगवान कृष्ण और राधा रानी की पूजा-अर्चना करे। अब उन्हें गुलाल अर्पित करे, घी का दीपक जलाए और इनकी आरती करे
- रंग पंचमी के दिन भगवान कृष्ण तथा राधा रानी को खीर, मिठाई, पंचामृत या फिर फलों का भोग लगाए.
- भगवान कृष्ण के मंत्रों का जाप करे और हाथ जोड़ कर इनसे प्रार्थना करे।
- रंग पंचमी के दिन कई घरों में हवन का आयोजन किया जाता है क्योंकि हवन करने से हमारे घरों से नकारात्मकता दूर होती है और इस तरह हमारे घरों में ख़ुशहाली तथा सकारात्मकता बनी रहती है।
- रंग पंचमी के दिन ग़रीबों तथा जरुरतमंदों की मदद जरुर करनी चाहिए क्योंकि ऐसा करने से हमें उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।
रंग पंचमी की धूम:
हवाओं में उड़ाए जाते है गुलाल:
मथुरा तथा ब्रज में रंग पंचमी का त्यौहार बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है. कहा जाता है कि यह वह दिन है जब भगवान कृष्ण ने राधा रानी के साथ होली खेली थी और देवी-देवताओं ने उन पर फूलों की वर्षा की थी। तभी से रंग पंचमी के दिन लोग एक-दूसरे को गुलाल लगाते है और इस दौरान हवाओं में गुलाल तथा अबीर उड़ाने की भी परम्परा है. ताकि भक्तों को गुलाल के रूप में इश्वर का आशीर्वाद प्राप्त हो सके.

रंग पंचमी के दिन शोभा यात्रा:
महाराष्ट्र में भी रंग पंचमी काफी धूम-धाम और हर्षों उल्लास के साथ मनाया जाता है इस दिन ढोल नगाड़े के साथ शोभा यात्रा निकाली जाती है और इस दौरान आसमान में रंग तथा गुलाल उड़ाए जाते है। साथ ही साथ कई जगहों पर धार्मिक अनुष्ठान भी किए जाते है।
हवन का आयोजन किया जाता है:
रंग पंचमी के दिन उत्तर प्रदेश के कई मंदिरों में हवन समारोह का आयोजन किया जाता है तथा ऐसा करने से नकारात्मकता और बुड़ी शक्तियों का विनाश होता है.
रंग पंचमी का महत्व:
रंग पंचमी के दिन लोग एक-दूसरे को गुलाल तथा अबीर लगाकर इनकी बधाइयाँ देते है। कई जगहों पर इस दिन शोभा यात्रा निकाली जाती है। मान्यता है कि रंग पंचमी के दिन सभी देवी-देवता धरती पर आते है और अपने भक्तों के साथ होली खेलते है. इस दौरान पूरी धरती रंगों में रंगी हुई तथा बहुत ही सुन्दर प्रतीत होती है.
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