Visheshan in Hindi: जानें विशेषण की परिभाषा, शुद्ध प्रयोग, 4 भेद एवं उदाहरण (Visheshan in Hindi grammar)

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विशेषण की परिभाषा

visheshan in hindi grammar : हिंदी व्याकरण में विशेषण सबसे ज़्यादा प्रचलित नाम है। विशेषण का प्रयोग किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, भाव को सीमित या विशेष बनाने के लिए किया जाता है। उदाहरण के तौर पर – ‘राम के पास एक सफेद कार है।’ जब हम कार कहते हैं, तो सभी तरह के कार का बोध होता है, लेकिन जब इसे सफेद या लाल कार कहते हैं तो यह विशेष बन जाता है, दूसरे शब्दों में इसका अर्थ सीमित हो जाता है। जब संज्ञा या सर्वनाम शब्दों को विशेष बनाया जाता है तो हम इसे विशेषण कहते है।

विशेषण किसे कहते हैं? (Visheshan in Hindi)

विशेषण की सर्वमान्य परिभाषा यही है कि ऐसे शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम को विशेष बनाया या उसकी विशेषता बताए उसे ही विशेषण कहा जाता है। विशेषण से व्यक्ति, वस्तु के गुण-दोष, रंग-रूप, आकार अर्थात् उसकी विशेषता का बोध होता है।

इसे उदाहरण द्वारा समझा जा सकता है:

  1. तुर्की घोड़ों की माँग पूरे विश्व में है।
  2. अभी-अभी एक सफेद बिल्ली इधर से गई।

पहले वाक्य में तुर्की घोड़ों अर्थात् तुर्की के घोड़ों के बारे में कहा गया है, जहां तुर्की विशेषण है जो संज्ञा शब्द घोड़ों की विशेषता बता रहा है। जबकि दूसरे वाक्य में सफेद बिल्ली अर्थात् बिल्ली का रंग सफेद है, जहां सफेद विशेषण है जो संज्ञा शब्द बिल्ली की विशेषता बता रहा है।

विशेषण के 10 उदाहरण

  1. इस हत्या को अंजाम देने के लिए नुकीले हथियार का इस्तेमाल किया गया।
  2. राम, मोहन से लम्बा है।
  3. रानी दिखने में दुबली-पतली है।
  4. पंजाब में अधिकतर पंजाबी लोग रहते हैं।
  5. विष्णु भगवान की पूजा में पीले वस्त्र का उपयोग होता है।
  6. कुछ लोग आपस में बातें कर रहे थे कि आज बरसात होने वाली है।
  7. राम का घर उस पुल के बाईं ओर है।
  8. रामायण एक अच्छी पुस्तक है।
  9. उसके जूते पुराने है।
  10. सीमा अमीर लड़की है।

विशेष्य किसे कहते हैं? विशेषण और विशेष्य में क्या अंतर है? (visheshy ki paribhasha)

किसी वाक्य में जिस संज्ञा या सर्वनाम शब्द की विशेषता बतायी जाती है उसे विशेष्य कहते है अर्थात् किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, भाव के नाम को हम विशेष्य कह सकते है, जैसे काला घोड़ा, सफेद ख़रगोश। इसमें घोड़ा विशेष्य है, जबकि काला विशेषण। वहीं ख़रगोश विशेष्य है जबकि सफेद विशेषण।

विशेष्य एवं विशेषण के 10 उदाहरण

विशेषण विशेष्य
अच्छीकिताब
सफेदक़मीज़
चारगाड़ियाँ
गरीबलड़की
पुरानेजूते
लम्बाघोड़ा
चालाकलोमड़ी
प्राचीनभारत
कड़वा सत्य

विशेषण और विशेष्य के प्रयोग में होने वाली ग़लतियाँ एवं इसके शुद्ध प्रयोग –

– विशेषण और विशेष्य का सही मेल होना आवश्यक है, वरना अनर्थ हो सकता है। हमें विशेष्य के प्रयोग में आधुनिक शब्दों का इस्तेमाल करना चाहिए, न कि संस्कृत निष्ठ जैसे परम कार्य की जगह अनिवार्य कार्य। जैसे -कुछ उदाहरण प्रस्तुत है-

उसकी बातों से मुझे महान कष्ट हुआ। -गलत

उसकी बातों से मुझे बड़ा कष्ट हुआ।-सही

– वह अति चालक आदमी है, उसकी आँख में धूल नहीं झोका जा सकता है। -गलत

वह बड़ा चालक आदमी है, उसकी आँख में धूल नहीं झोका जा सकता है। -सही

-वह श्वेत साड़ी पहनी हुई है। -गलत

वह सफेद साड़ी पहनी हुई है।-सही

विशेषण के भेद एवं प्रकार

विशेषण के मुख्यतः चार भेद होते हैं जो इस प्रकार है: –

  1. सार्वनामिक विशेषण
  2. गुणवाचक विशेषण
  3. परिमाण वाचक विशेषण
  4. संख्यावाचक विशेषण
सार्वनामिक विशेषणजो विशेषण सर्वनाम शब्दों के मेल से बनते हैं जैसे – वह आदमी
गुणवाचक विशेषणगुण-दोष, रंग, आकार -प्रकार, दशा, दिशा, स्वाद आदि का बोधा हो -काली गाय
परिमाणवाचक विशेषणमात्रा, माप का बोध होता है, जैसे : एक लिटर दूध
संख्यावाचक विशेषणसंख्या का बोध, जैसे दो लोग, तीन आदमी

सार्वनामिक विशेषण किसे कहते है?

जो विशेषण सर्वनाम शब्दों अर्थात् यह, वह, ये, कौन, कोई, क्या, कैसे, वैसे, वैसी, वे, उसका, उसकी, ऐसे -वैसे से बनाए जाते हैं उसे सार्वनामिक विशेषण कहते हैं। जैसे ये लोग, कैसा घर, कौन लड़की, यह नौकर आदि। इसमें लोग, घर, नौकर संज्ञा है तथा इन्हीं शब्दों से पहले सर्वनाम का प्रयोग हुआ है- ये, कैसा, कौन, यह का प्रयोग हुआ है तो इसे सार्वनामिक विशेषण कहेंगे।

सार्वनामिक विशेषण के 10 उदाहरण

  1. कोई आदमी राम को खोज रहा है।
  2. जैसी करनी वैसी भरनी।
  3. जैसा काम वैसा ही दाम होगा।
  4. जितनी चादर है उतनी ही पैर फैलानी चाहिए
  5. वहाँ कौन लड़की खड़ी है?
  6. वे लोग ऐसे-वैसे घर से नहीं है, बड़ा ही अमीर घराना है।
  7. वह गाय वहाँ घास के मैदान में चर रही है।
  8. वह घोड़ा तेज़ी से दौड़ रहा है।
  9. यह राम है, वह श्याम है।
  10. वह नौकर अभी तक नहीं आया।

सार्वनामिक विशेषण के भेद

सार्वनामिक विशेषण के दो भेद माने गए हैं –

  1. मूल या मौलिक सार्वनामिक विशेषण
  2. यौगिक सार्वनामिक विशेषण

1- मूल या मौलिक सार्वनामिक विशेषण

ऐसे सर्वनाम जो अपने मूल रूप में, बिना रूप परिवर्तित किए किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान आदि के पहले आए उसे मौलिक सार्वनामिक विशेषण कहा जाता है।

दूसरे शब्दों में कहें तो ऐसे सर्वनाम जो अपने मूल रूप में, संज्ञा शब्दों के पहले आते हैं, तो उसे मौलिक सार्वनामिक विशेषण कहा जाता है। जैसे वह गाय, यह घर

2- यौगिक सार्वनामिक विशेषण

जब सर्वनाम वाले शब्दों में कोई प्रत्यय लगाया जाता है, तो उसे यौगिक सार्वनामिक विशेषण कहा जाता है, जैसे- जैसा देश वैसा भेष, कैसा मित्र, जैसा राम।

गुणवाचक विशेषण की परिभाषा एवं उदाहरण

जिस विशेषण शब्द से संज्ञा अर्थात् व्यक्ति, वस्तु या भाव के गुण-दोष, रंग, आकार -प्रकार, दशा, दिशा, स्वाद आदि का बोधा हो, उसे गुणवाचक विशेषण कहा जाता है। जैसे काला लड़का। ईमानदार आदमी। इसमें लड़के का रंग काला है एवं आदमी ईमानदार है। अतः काला एवं ईमानदार शब्द गुणवाचक विशेषण है।

गुणवाचक विशेषण के 10 उदाहरण

  1. गरीब लोगों की मदद करनी चाहिए।
  2. रमेश ने आज काला कपड़ा पहना है।
  3. खजूर का पेड़ लम्बा है।
  4. चौड़ी सड़क राजमार्ग दिल्ली की ओर जाती है।
  5. हमें बुरी बातें नहीं करनी चाहिए।
  6. राम ने पुरानी क़मीज़ पहनी है।
  7. वे गीले कपड़े पहने हुए हैं।
  8. पूजा के लिए पीले फूल लेकर आओ।
  9. प्राचीन भारत का इतिहास गौरवशाली रहा है।
  10. दही खट्टा है।

गुणवाचक विशेषण के उदाहरण एवं वर्गीकरण

  1. रंग : लाल, काला, पीला
  2. गुण : सच्चा, अच्छा, दानी
  3. दोष : बुरा, ख़राब, कुटिल
  4. समय : प्राचीन, नवीन, आधुनिक
  5. स्वाद: मीठा, खट्टा, कड़वा,
  6. नागरिक : चीनी, भारतीय, अमेरिकी
  7. दिशा: पूरब, पश्चिम, उतर
  8. दशा: रोगी, बीमार, चंगा
  9. स्पर्श : मुलायम, कठोर, नरम
  10. आकार-प्रकार: लम्बा, नाटा, छोटा

संख्यावाचक विशेषण किसे कहते हैं?

जिस विशेषण से संज्ञा या सर्वनाम की संख्या का बोध होता है, उसे संख्यावाचक विशेषण कहा जाता है। जैसे दो केले, एक दर्जन केले, कुछ, थोड़ा, बहुत आदि

संख्यावाचक विशेषण के भेद एवं प्रकार

संख्यावाचक विशेषण दो प्रकार के होते हैं : (1)निश्चित संख्यावाचक विशेषण (2) अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण

(1) निश्चित संख्यावाचक विशेषण किसे कहते हैं?

जिस विशेषण से संज्ञा या सर्वनाम की किसी निश्चित संख्या का बोध होता है, उसे निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहा जाता है। जैसे 20 किलो आम, दस घोड़े आदि।

निश्चित संख्यावाचक विशेषण के भेद

निश्चित संख्यावाचक 6 प्रकार के होते हैं :

  1. गणना वाचक – इससे गिनती का बोध होता है जैसे-एक, दो, तीन, चार ।
  2. क्रम वाचक – ऐसे विशेषण जो क्रम संख्या का बोध कराता हो, जैसे- पहला, दूसरा, तीसरा
  3. आवृत्ति वाचक – ऐसे विशेषण जो आवृति संख्या का बोध कराता हो, जैसे-दस गुना, तिगुना, चौगुना
  4. समुदाय वाचक – ऐसे विशेषण जो वस्तु की सामुदायिक संख्या का बोध कराता हो, जैसे-दो जोड़ी, एक दर्जन पुस्तक
  5. प्रत्येक वाचक या वीपसावाचक – ऐसे विशेषण जो प्रत्येक संख्या या संख्या की व्यापकता का बोध कराता हो, जैसे-प्रत्येक घंटे, हरेक व्यक्ति
  6. संग्रह वाचक: ऐसे विशेषण जो सभी संख्याओं के संग्रह का बोध कराता हो, जैसे- दसों आदमी, ग्यारह पुस्तकें

(2) अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण किसे कहते हैं?

जिस विशेषण से संज्ञा या सर्वनाम की किसी अनिश्चित संख्या का बोध होता है, उसे अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहा जाता है। जैसे जरा सी चटनी, थोड़ा गेहूं, सभी लोग, कुछ लोग, बहुत लोग, अनेक लड़के ।

परिमाण वाचक विशेषण किसे कहते है?

परिमाणवाचक विशेषण से संज्ञा के परिमाण अर्थात् मात्रा, माप, का बोध होता है, इसमें विशेषकर द्रव्य वाचक संज्ञाओं की माप-तौल का उपयोग होता है जैसे : एक लिटर दूध, कुछ घी, दो लिटर फ़्रूटी आदि।

परिमाण वाचक विशेषण के 10 उदाहरण

  1. राम रोज़ एक लिटर दूध पीता है।
  2. राम के घर में बहुत धन है।
  3. उसके घर में बहुत घी है।
  4. सब काम करना है।
  5. काम करो कुछ काम करो, जग में रहकर कुछ नाम करो।
  6. समिति के सभी सदस्य ने धन को बाँट लिया था।
  7. उस घर में बहुत ख़ज़ाना है।
  8. राम के पास बहुत सारे आम थे।
  9. आधा किलो चावल लेकर आओ।
  10. थोड़ा गेहूं लेकर आओ।

प्रविशेषण किसे कहते है? प्रविशेषण के 10 उदाहरण ?

प्रविशेषण ऐसे विशेषण को कहा जाता है जो वाक्य में विशेषण की विशेषता बतलाए। जैसे-‘राम बहुत धीरे-धीरे आ रहा है।’ इस वाक्य में ‘धीरे -धीरे’ विशेषण है जबकि ‘बहुत’ प्रविशेषण।

प्रविशेषण के 10 उदाहरण

  1. राम अत्यंत ही भला आदमी है।
  2. सूरज बहुत तेज चमक रहा है।
  3. राम आर्थिक रूप से अत्यंत ही गरीब है।
  4. वह महिला बहुत सुंदर है।
  5. रेलगाड़ी बहुत तेज चल रही है।
  6. राम आज अत्यंत ही सुस्त दिखाई पड़ रहा है।
  7. पानी जीवन का अत्यंत महत्वपूर्ण अंग है।
  8. ईमानदारी सबसे अच्छी नीति है।
  9. वह काफी कमजोर है।
  10. वह पढ़ने में बहुत तेज है।

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