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    Sawan Shivratri 2024 : जानें सावन शिवरात्रि, सावन सोमवार व्रत कथा, धार्मिक महत्व, सावन पूर्णिमा तिथि के बारे में।

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    Sawan Shivratri 2024 : हिंदू धर्म में सावन के महीना का विशेष महत्व है तथा भोलेनाथ के भक्त बड़ी बेसब्री से सावन माह का इंतज़ार करते है। सावन का महीना भगवान शिव की पूजा एवं आराधना से जुड़ा हुआ है तथा इस महीने में भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है एवं भगवान भोलेनाथ अपने सभी भक्तों की मनोकामनायें पूर्ण करते है। साल 2024 में सावन माह की शुरुआत जुलाई के सोमवार से हो रही है।

    सावन का महीना कैसा रहता है ?

    सावन का महीना भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना माना जाता है तथा यह वह महीना है जब भगवान शिव धरती पर निवास करते है तथा इस साल सावन का महीना जुलाई से शुरू हो रहा है और इसकी समाप्ति अगस्त में है। सावन का महीना ग्रीष्म ऋतु के बाद आता है तथा इस दौरान सावन के महीने में बहुत बारिश होती है और मौसम बड़ा ही सुहावना हो जाता है। सावन का महीना आते ही पेड़-पौधे खिल जाते है तथा चारों तरफ़ हरियाली छा जाती है।

    वर्ष 2024 में सावन की शिवरात्रि कब है? (Sawan Shivratri 2024 )

    हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष का पांचवा महीना सावन का महीना होता है तथा ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार हर साल सावन का महीना जुलाई तथा अगस्त के बीच पड़ता है। एक वर्ष में कुल 12 शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है उनमें से एक शिवरात्रि सावन के महीने में आता है। सावन की शिवरात्रि सावन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है तथा इस दौरान भगवान शिव के मंदिरों में हज़ारों संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है।

    साल 2024 में सावन का महीना 22 जुलाई से शुरू होने जा रही है और 19 अगस्त को सावन माह का अंतिम सोमवार है और इस तरह इस दिन सावन माह की समाप्ति होगी। इस बार सावन में कुल पाँच सोमवार आएंगे।

    सावन पूर्णिमा की तिथिसावन मास का पूर्णिमा 19 अगस्त 2024
    हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष का पांचवा महीना सावन
    (जुलाई तथा अगस्त के बीच)
    सावन माह की आरंभ तिथि22 जुलाई, 2024
    सावन माह की समाप्ति तिथि19 अगस्त, 2024
    सावन सोमवारी 2024सावन का पहला दिन तथा पहला सोमवार 22 जुलाई 2024 को है।
    सावन का दूसरा सोमवार का व्रत 29 जुलाई को है।
    सावन का तीसरा सोमवार का व्रत 05 अगस्त को है।
    सावन का चौथा सोमवार का व्रत 12 अगस्त को है।
    सावन का आखरी तथा पांचवा सोमवार का व्रत 19 अगस्त को है।

    2024 में सावन पूर्णिमा कब है?

    इस साल सावन मास का पूर्णिमा 19 अगस्त 2024 को है तथा इस दिन रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाता है जो भाई बहन के पवित्र रिश्तों का बंधन है।

    Sawan Shivratri 2024 : जानें सावन शिवरात्रि, सावन सोमवार व्रत कथा, धार्मिक महत्व, सावन पूर्णिमा की आरंभ तिथि और समाप्ति तिथि के बारे में।
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    सावन सोमवार व्रत कथा (Sawan somvar vrat katha)

    पौराणिक कथाओं के अनुसार सावन के इस पावन माह पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु योग निद्रा में रहते है और इस तरह पूरे संसार का संचालन भगवान शिव द्वारा किया जाता है। हज़ारों वर्ष पूर्व सावन के महीने में समुद्र मंथन हुआ था और समुद्र मंथन के दौरान निकले विष को भगवान भोलेनाथ ने मानव कल्याण के लिए अकेले ही ग्रहण कर लिया था।

    भगवान भोले विषपान करते हुए इस सृष्टि की रक्षा की और इस तरह भगवान शिव का कंठ नीला पड़ गया। विष की जलन को कम करने के लिए सभी देवी-देवता भगवान शिव के ऊपर जल डाले और इस तरह भगवान शिव का नाम नीलकंठ महादेव पड़ा।

    सावन का महीना भगवान शिव का सबसे प्रिय माह कहा जाता है और मान्यता है कि सती के अपने जीवन त्यागने के कई हज़ारों वर्ष बाद माता पार्वती का जन्म हुआ और इस दौरान सावन के महीने में ही माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए काफी कठोर तपस्या की थी।

    अपनी तपस्या के दौरान ही माता पार्वती ने भगवान शिव को प्रसन्न की थी तथा भगवान शिव ने पार्वती की मनोकामना पूरी कर उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया और इस तरह शिव और शक्ति का मिलन आरंभ हुआ।

    मंगला गौरी व्रत

    हिंदू पंचांग के अनुसार सावन के हर मंगलवार को मंगला गौरी का व्रत रखा जाता है तथा इस साल कुल चार मंगला गौरी का व्रत रखे जाएँगे। सावन के इस पावन महीने में पहला मंगला गौरी का व्रत 23 जुलाई को है।

    सावन का सोमवार (Sawan Shivratri)

    प्रत्येक वर्ष सावन में चार या पाँच सोमवार पड़ते है तथा हिंदू धर्म में सावन के महीने में पड़ने वाले सोमवार का विशेष महत्व होता है और मान्यता है कि सावन के सोमवार का व्रत रखने से भगवान भोले तथा माता पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है तथा सोमवारी पर्व को पूरी श्रद्धा भाव से करने पर भगवान शिव बेहद प्रसन्न होते है और अपनी भक्तों की सभी मनोकामनायें पूर्ण करते है।

    सावन का सोमवार कुँवारी कन्याओं के लिए बेहद ही खास होता है तथा यह मान्यता है कि कुँवारी कन्याओं के लिए 16 सोमवार का व्रत करने से भगवान शिव जैसा जीवन साथी प्राप्त होता है।

    1. सावन का पहला दिन तथा पहला सोमवार 22 जुलाई 2024 को है।
    2. सावन का दूसरा सोमवार का व्रत 29 जुलाई को है।
    3. सावन का तीसरा सोमवार का व्रत 05 अगस्त को है।
    4. सावन का चौथा सोमवार का व्रत 12 अगस्त को है।
    5. सावन का आखरी तथा पांचवा सोमवार का व्रत 19 अगस्त को है।

    सावन सोमवारी के पुजा में किन -किन सामग्री की आवश्यकता पड़ती है?

    सावन के सभी सोमवार का विशेष महत्व होता है तथा इस दौरान व्रत रखने वाली सभी श्रद्धालुओं को विशेष सामग्री की आवश्यकता पड़ती है। जैसे

    • बेल पत्र,
    • धतूरा,
    • गंगा जल,
    • भांग,
    • कच्चा दूध,
    • चंदन,
    • जनेऊ,
    • तुलसी पत्ता,
    • कपूर,
    • रुई,
    • दही,
    • शुद्ध घी,
    • शहद,
    • लड्डू आदि।

    सावन शिवरात्रि की पूजा कैसे करें ?

    हिंदू धर्म में सावन के महीने को एक त्योहार के रूप में मनाया जाता है और इस तरह सावन के महीने में पड़ने वाले सभी सोमवार श्रद्धालुओं के लिए बेहद ही खास माना जाता है और मान्यता है कि सोमवारी के व्रत में की गई पूजा-पाठ से व्यक्ति को सुख की प्राप्ति होती है और सभी मनोकामनायें पूर्ण होती है।

    सावन के इस खास महीने में भगवान शिव तथा माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इतना ही नहीं सावन के सभी सोमवार में भगवान शिव को जल तथा दूध से अभिषेक किया जाता है और सावन के इस पावन महीने में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए धतूरा तथा भांग अर्पित किया जाता है।

    • सोमवारी के दौरान सुबह जल्दी उठ कर स्नान करे तथा साफ और स्वच्छ कपड़े धारण करे।
    • घर के मंदिरो को साफ कर दीप तथा धूप बत्ती जलाए।
    • भगवान शिव को गंगा जल तथा दूध से अभिषेक करे और उसके बाद बेल पत्र, धतूरा, भांग तथा पुष्प अर्पित करे।
    • उसके बाद भगवान शिव को भोग चढ़ाए तथा घी का दीपक जलाते हुए भगवान शिव की आरती करे।
    • उसके बाद भगवान शिव की मंत्र का जाप करते हुए ध्यान करे।

    सावन के महीने में क्या नही करना चाहिए?

    1. सावन के महीने में मास-मदिरा का उपयोग नहीं करना चाहिए तथा इस महीने में बैंगन का सेवन करना भी वर्जित माना जाता है।
    2. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सावन के महीने में शरीर पर तेल नहीं लगाना चाहिए तथा इस पावन महीने में बाल और दाढ़ी भी नहीं काटनी चाहिए।
    3. सावन के महीने में कांसे के बर्तन में खाना नहीं बनाना चाहिए तथा इस महीने में हमें अपने माता-पिता और गुरुओं का अनादार भी नहीं करना चाहिए।

    सावन माह का धार्मिक महत्व

    • कहा जाता है कि जब भगवान शिव ने विष ग्रहण किए थे तो विष के एक घूँट से ही भगवान शिव का कंठ नीला पड़ गया था और सभी देवी-देवताओं ने विष के प्रभाव को कम करने के लिए भोले शंकर पर जल अर्पित किए और तब से शिवलिंग पर जल चढ़ाया जाने लगा।
    • हिंदू धर्म वाले लोगों के लिए सावन का महीना बेहद ही खास होता है तथा इस दौरान भगवान शिव के मंदिरों पर काफी भीड़ उमड़ती है और लोग इस खास महीनो में उपवास तथा व्रत रखते है तथा इस दौरान भगवान शिव के भक्तों द्वारा कांवड़ यात्रा की जाती है।
    • खास कर सावन के महीने में सोमवार का विशेष महत्व होता है तथा सावन के इस शुभ अवसर पर हमें शुद्ध तथा सात्विक भोजन ही ग्रहण करना चाहिए।
    • मान्यता है कि सावन के महीने में सोमवार का व्रत करने से भगवान शिव जल्द ही प्रसन्न होते है और सभी श्रद्धालुओं की मनोकामनायें पूर्ण होती है
    • सावन का महीना हिंदू धर्म में बेहद ही खास होता है क्योंकि इस दौरान सावन के महीने में नाग पंचमी, रक्षा बंधन तथा हरियाली तीज का त्योहार मनाया जाता है।
    • सावन का महीना किसानों के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इस दौरान किसान विभिन्न प्रकार की अनाज जैसे धान, ज्वार, बाजरा तथा सूरजमुखी की बुआई कर खेती करते है।
    • सावन का यह महीना मनुष्य, पशु-पक्षी तथा पूरे वातावरण में ख़ुशियाली का मौसम लेकर आता है।

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