भारत में हर साल 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस (National Safety Day) मनाया जाता है। प्रतिवर्ष 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के दिन कार्यस्थलों एवं कारख़ानों में काम करने वाले मजदूरों एवं कर्मचारियों को सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस दिन सभी तरह के सुरक्षा उपायों के बारे में आम लोगों में जागरूकता बढ़ाई जाती है। कहा भी गया है -‘Awareness is the key to safety
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस (National Safety Day)
सुरक्षा दिवस एक महत्वपूर्ण दिवस है जो दुनिया भर में कार्यस्थलों पर सुरक्षित और स्वस्थ परिवेश के बारे में हमें जागरूक करता है। दुनिया भर की सरकारें इस विषय को लेकर अत्यंत गंभीर है। इस संबंध में अंतरराष्ट्रीय श्रम मानकों, कानूनों और विनियमों को लागू किए जाने के प्रयास किए जा रहे है।
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस प्रतिवर्ष 4 मार्च को पूरे देश में मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य पूरे देश में राष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने एवं दुर्घटनाओं की रोकथाम एवं सभी सुरक्षा उपायों के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाना है। कहा भी गया है -‘जागरूकता ही संरक्षा की कुंजी है।‘
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एवं अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO )
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO ) के वर्ष 2000 के आंकड़ों के अनुसार से कार्यस्थल पर हुए दुर्घटनाओं और बीमारियों के कारण हर साल बीस लाख मजदूरों एवं कार्मिको की मृत्यु हो जाती है। काम से संबंधित इस जानलेवा दुर्घटनाओं से लाखों ज़िंदगी बर्बाद हो जाती है। प्रति दिन के हिसाब से यह मौत के ये आंकड़े 5,000 से अधिक है। वैश्विक स्तर पर यह एक गंभीर चिंता का विषय हैं।
वैश्विक स्तर पर विश्व सुरक्षा दिवस का अनुपालन
वैश्विक स्तर पर प्रतिवर्ष 28 अप्रैल को विश्व सुरक्षा दिवस पालन किया जाता है। संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) ने वैश्विक स्तर पर दुर्घटनाओं की रोकथाम एवं कार्यस्थलों पर सुरक्षा और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रतिवर्ष 28 अप्रैल को विश्व सुरक्षा दिवस घोषित किया विश्व सुरक्षा दिवस मुख्य उद्देश्य विश्व के लोगों में सुरक्षा (Safety), स्वास्थ्य (Health) और पर्यावरण (Environment) के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देना है।
History of the National Safety Day राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का इतिहास
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का इतिहास राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना से ही जुड़ा हुआ है। अतः राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के इतिहास को समझने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की भी जानकारी आवश्यक है। वर्तमान में पूरे देश में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस से संबंधित विभिन्न अभियानों को गति एवं कार्यान्वयन यही परिषद करता है।
National Safety Council (NSC) राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद
तत्कालीन सरकार की इच्छा थी कि कार्यस्थलों पर सुरक्षा संबंधी जागरूकता फैलाने, जागरूक एवं जिम्मेदार होकर इन दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए एक संस्था का गठन हो। अतः राष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए 4 मार्च, 1966 को श्रम मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना की गई थी।
इसीलिए इस दिनअर्थात 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाता है। उस समय राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद को सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत एक सोसायटी के रूप में पंजीकृत किया गया था और बाद में बॉम्बे पब्लिक ट्रस्ट अधिनियम, 1950 के तहत एक सार्वजनिक ट्रस्ट के रूप में पंजीकृत किया गया था।
भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस कैसे मनाया जाता है? (Important activities on National Safety Day)
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के तहत आम लोगों को सुरक्षा नियमों की जानकारी के लिए सेमिनार, कार्यशालाएं, सुरक्षा अभ्यास, प्रशिक्षण सत्र, सुरक्षा पर निबंध लेखन, प्रशंमंच, सेफ़्टी प्लेज और जागरूकता अभियान का आयोज्न किया जाता है।
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के अवसर पर विभिन्न जागरूकता अभियान कार्यक्रमों का आयोजन:
सड़क सुरक्षा, औद्योगिक सुरक्षा, विद्युत सुरक्षा और अग्नि सुरक्षा सहित सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी देने के लिए विभिन्न जागरूकता अभियान आयोजित किए जाते हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय अभियानों का विवरण इस प्रकार है :
अग्नि से सुरक्षा हेतु राष्ट्रीय अभियान :
हमारे देश में प्रतिवर्ष 14 अप्रैल अग्निशमन दिवस अथवा राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा दिवस के रूप में मनाया जाता है एवं इसी दिन से प्रारम्भ होकर अगले एक सप्ताह तक के लिये अग्नि संरक्षा सप्ताह भी मनाया जाता है। इसके आयोजन का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को आग से होने वाली क्षति के प्रति जागरूक करना, आग की रोकथाम एवं आग से बचाव के उपायों के संबंध में शिक्षित करना है।
“अग्नि दुर्घटना से है जबर्दस्त नुकसान, अग्नि बचाव को बनाये जन-जन का अभियान।”
भारत को एक विकासशील देश माना जाता है एवं इस विकास के साथ आग से संबंधित दुर्घटनाओं की संख्या भी बढ़ी है। अतः आग की रोकथाम से संबंधित उपायों को ध्यान में रखकर हम अपने कार्यालय एवं आवास को सुरक्षित रख सकते हैं। पर इसके लिए अनिवार्य है कि हमारे पास ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एक उचित प्रबंध हो। जानकारी के अभाव में ही बड़ी–बड़ी दुर्घटनाएँ हो जाती हैं। अतः इस विषय में पर्याप्त जानकारी भी होना अनिवार्य है। इसके अतिरिक्त, इस संबंध में लोगों की इच्छा शक्ति एवं उनकी जागरूकता से काफी हद तक आग से होने वाली दुर्घटनाओं को रोक सकते हैं।
सड़क सुरक्षा अभियान
भारत में सबसे ज्यादा सड़क हादसे होते हैं। भारत सड़क दुर्घटना के मामले में पहले स्थान पर, अमेरिका और चीन से आगे है। सड़क संरक्षा उपायों का प्रमुख लक्ष्य सभी प्रकार की दुर्घटनाओं को कम करना है। एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2020 में 43.6 फीसदी दोपहिया वाहन चालक हुए हादसों का शिकार हुए। एनसीआरबी के अनुसार लॉकडाउन के बावजूद हर दिन 328 लोगों की मौत सड़क दुर्घटना से हुई।
पर नियमों का जानकारी एवं जागरूक रहकर इन दुर्घटनाओं से हम अपने आप को एवं अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं। इस अभियान के तहत मोटर चालकों और पैदल यात्रियों को सूचनात्मक सामग्री, जैसे पैम्फलेट और ब्रोशर का वितरण किया जाता है।
कहा गया है –“सुरक्षित कार्य है कर्त्तव्य हमारा, सुरक्षित जीवन से जुड़ा है परिवार हमारा”
विद्युत सुरक्षा अभियान
सरकारी आँकड़ों के अनुसार, अग्नि के 60 प्रतिशत से ज्यादा मामले विद्युत की शॉटसर्किट, ओवरहोल्डिंग, गैर मानकीकृत उपकरणों का प्रयोग, लापरवाही एवं अज्ञानता आदि के कारण होते हैं। अतः इस विषय में पूरी सावधानी बरतना अनिवार्य है। भारतीय मानक संस्थान द्वारा प्रमाणित विद्युतीय उपकरणों का ही सदैव प्रयोग करें। आग लगने पर शुष्क रेत, कार्बन डाई ऑक्साइड, शुष्क पाऊडर अथवा एबीसी प्रकार के अग्निशामकों का प्रयोग करें।
साइबर सुरक्षा अभियान:
आज के इस डिजिटल युग के बढ़ते खतरों से निपटने के लिए, सुरक्षा दिवस में साइबर सुरक्षा को संबोधित करने वाले कार्यक्रम भी शामिल किए जाते हैं इसके तहत सेमिनार और वेबिनार सुरक्षित ऑनलाइन लेन देन, साइबर खतरों से सुरक्षा और डेटा गोपनीयता के महत्व पर प्रकाश डालते हैं।
पर्यावरण सुरक्षा अभियान:
व्यक्तिगत सुरक्षा के अलावा, राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर्यावरण सुरक्षा पर भी जोर दे सकता है। इसके तहत अपशिष्ट निपटान, प्रदूषण नियंत्रण आदि के बारे में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के अवसर पर पोस्टर एवं सूचनापत्रों का वितरण:
सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए निम्नलिखित प्रचार सामाग्री का सहारा लिया जाता है: पोस्टर, पुस्तिकाएं, बैनर, पॉकेट बुकलेट, सुरक्षा फिल्में, प्रचार साहित्य और सुरक्षा पर आलेख आदि। इनमें सुरक्षा प्रदर्शन, सूचनात्मक सामग्री का वितरण एवं लोगो की सहभागिता को शामिल महत्व दिया जाता हैं।
उपरोक्त अभियानों को प्रभावी ढंग से आयोजित करने के लिए, यह विशेष रूप से डिज़ाइन की गई प्रचार सामग्री लाता है:
1) बैज, सूचना पुस्तिकाएं
3) कपड़े के बैनर
4) पोस्टर, पॉकेट गाइड / बुकलेट
6) विशिष्ट सुरक्षा संदेशों को ले जाने वाले विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए प्रचार साहित्य और उपयोगी लेख एवं सुरक्षा से संबंधित फिल्में
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के अवसर पर सुरक्षा के संबंध मे जागरूकता फैलाना-
कार्यस्थलों एवं कारखानो में कार्यरत सभी कर्मचारियों एवं आम जनता में सुरक्षा के संबंध मे जागरूकता बढ़ाया जाता है। विभिन्न संगठनों को सुरक्षा के बारे में जागरूक किया जाता हैं। विभिन्न राष्ट्रीय अभियानों द्वारा लोगों को सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जाता है ताकि दुर्घटनाओं को समय रहते रोक कर आर्थिक नुकसान को रोका जा सके एवं किसी के जीवन को बचाया जा सके।
जानकारी के अभाव में ही बड़ी-बड़ी दुर्घटनाएँ हो जाती हैं। अतः इस विषय में पर्याप्त जानकारी भी होना अनिवार्य है। इसके अतिरिक्त, इस संबंध में लोगों की इच्छा शक्ति एवं उनकी जागरूकता से काफी हद तक दुर्घटनाओं को रोक सकते हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के अवसर पर थीम जारी किया जाना
भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर प्रत्येक वर्ष, एक थीम जारी किया जाता जो महत्वपूर्ण सुरक्षा से जुड़े विषयों पर आधारित होता है। थीम पर आधारित कई गतिविधियों, चर्चाओं और अभियानों का आयोजन किया जाता है। जिसमें सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करना, दुर्घटनाओं और घटनाओं को रोकना और कार्यस्थलों और दैनिक जीवन में सुरक्षा को बढ़ावा देना शामिल है।
सेफ़्टी प्लेज
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के अवसर पर सेफ़्टी प्लेज का भी सभी कार्यालयों में अनुपालन किया जाता है ताकि कार्यस्थलों में सुरक्षा को प्राथमिकता मिले एवं सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करें।
फास्ट एड ट्रेनिंग
प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण सत्र आमतौर पर राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर आयोजित किए जाते हैं, जिससे व्यक्तियों को बुनियादी जीवन-रक्षक कौशल से लैस किया जाता है। इससे दुर्घटनाओं या आपात स्थिति के मामले में तत्काल सहायता मिलती है।
इमरजेंसी मैनेजमेंट अभ्यास
कुछ संगठन राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस को सही तौर पर अमल में लाने के आप्तकालीन स्थिति से निपटने के लिए कैसे कार्य किया जाता है, कैसे कठिन परिस्थितियों से निपटा जाता है, आदि पर इमरजेंसी मैनेजमेंट का आयोजन करते हैं। ये अभ्यास प्रत्याशित आपातकालीन स्थितियों का अनुकरण कर समस्याओं से निपटने के लिए किया जाता है ताकि अगर सही में ऐसी स्थिति आ जाए तो तुरंत समाधान हो। अभ्यास के तहत इसमें टीमों का गठन किया जाता है प्रत्येक टीम को कुछ विशेष टास्क दे दिया जाता है।
Safety Training-सुरक्षा प्रशिक्षण
कार्यस्थलों में सुरक्षित वातावरण बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है कि कार्मिकों को सुरक्षा से संबंधित सभी सुरक्षा प्रशिक्षण दिए जाए। इस प्रशिक्षण में प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण, अग्नि सुरक्षा प्रशिक्षण और खतरनाक वस्तुओं को संभालने का प्रशिक्षण शामिल है।
Personal Protective Equipment (PPE) व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) की जानकारी
कार्मिकों को खतरों से बचाने के लिए उन्हें व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) एवं प्रशिक्षण प्रदान करना आवश्यक है। तभी वे सुरक्षित रूप से काम कर सकेंगे।
Security Audit-सुरक्षा ऑडिट
सुरक्षा संबंधित ऑडिट करने से कार्यस्थल में सुरक्षा खतरों और जोखिमों (Risk) की पहचान करने में मदद करते हैं और जोखिम मूल्यांकन से संभाविर खतरों की पहचान की जा सकती है।
Importance of National Safty Day – राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का महत्व :
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की संकलपना अत्यंत ही विस्तृत है। इसके अंतर्गत आग से सुरक्षा, सड़क सुरक्षा, विद्युत सुरक्षा, आग से संबंधी दुर्घटनाओं की रोकथाम, मनुष्य द्वारा निर्मित गतिविधियों से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचे इसीलिए पर्यावरण सुरक्षित करने वाली कार्य प्रणाली को बढ़ावा दिया जाता है।
इसके अतिरिक्त सड़क सुरक्षा नियमों के अनुपालन हेतु सड़क सुरक्षा सप्ताह/दिवस एवं विद्युत से होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए राष्ट्रीय विद्युत सुरक्षा सप्ताह एवं दिवस का अनुपालन शामिल है। भारत में सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रतिवर्ष जनवरी माह में सड़क सुरक्षा दिवस मनाया जाता है। भारत में सबसे ज्यादा सड़क हादसे होते हैं।
भारत सड़क दुर्घटना के मामले में पहले स्थान पर, अमेरिका और चीन से आगे है। सरकारी आकड़ों के अनुसार सड़क दुर्घटना से होने वाली मौतों की संख्या के मामले में 199 देशों की सूची में भारत पहले स्थान पर है और दुनिया में सड़क दुर्घटना से होने वाली मौतों में लगभग भारत का 11% हिस्सा है।
Conclusion-निष्कर्ष
निष्कर्ष के रूप में यह कहा जा सकता है कि भारत को एक विकासशील देश माना जाता है एवं इस विकास के साथ दुर्घटनाओं की संख्या भी बढ़ी है अतः सुरक्षा उपायों को ध्यान में रखकर हम अपने कार्यालय एवं आवास को सुरक्षित रख सकते हैं।
पर इसके लिए अनिवार्य है कि हमारे पास ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एक उचित प्रबंध हो। सुरक्षा उपायों का प्रमुख लक्ष्य सभी प्रकार की दुर्घटनाओं को कम करना है। एक साथ काम करके, हम दुनिया भर में सुरक्षा की संस्कृति को बढ़ावा दे सकते हैं और काम से संबंधित चोटों और बीमारियों को रोक सकते हैं।
सड़क सुरक्षा हो या स्वास्थ्य और पर्यावरण पर सुरक्षा या कार्यस्थलों पर सुरक्षा हो, हम जागरूक रहकर काफी हद अपने एवं परिवार को सुरक्षित कर सकते हैं। सड़कों पर बढ़ती दुर्घटनाओं का मुख्य कारण तेज रफ्तार एवं लापरवाही है। कहा भी गया है कि ‘जो नियमों से जोड़ेगा नाता, वही समझदार कहलायेगा
National Safety Day-FAQ
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस कब मनाया जाता है?
4 मार्च
विश्व सुरक्षा दिवस कब मनाया जाता है?
प्रतिवर्ष 28 अप्रैल को विश्व सुरक्षा दिवस घोषित किया है।
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस क्यों मनाया जाता है?
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पूरे देश में राष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने एवं दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए मनाया जाता है।