सॉफ्टवेयर इंजीनियर, बिजनेसमैन एवं टेक इनोवेटर एवं ट्विटर के भूतपूर्व सीईओ पराग अग्रवाल (Parag Agrawal) का नया इनोवेशन Deep Research API चर्चा का विषय बना हुआ है। Deep Research API के आने से टेक और AI इंडस्ट्री में बदलाव आने की संभवना है। तो आइए जानते हैं पराग अग्रवाल के जीवन, शिक्षा एवं करियर तथा उनके नए नोवेशन Deep Research API के बारे में : –
Parag Agrawal और Deep Research API में उनकी भूमिका

Parag Agrawal का जन्म वर्ष 1984 में अजमेर (राजस्थान), भारत में हुआ था। उनके पिता भारत के परमाणु ऊर्जा विभाग में कार्यरत थे एवं उनकी माता मुंबई के एक कॉलेज में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर के पद पर थी। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा भी परमाणु ऊर्जा विभाग के अधीन परमाणु ऊर्जा शैक्षणिक संस्थान में ही हुई। बचपन से ही वे मेधावी छात्र रहें है। उन्हें 2001 में तुर्की में सम्पन्न अंतर्राष्ट्रीय भौतिकी ओलोंपियाड में गोल्ड मेडल मिला था। कहा जाता है कि प्रसिद्ध गायकारा श्रेया घोषाल के क्लासमेट भी रहे हैं।
उन्होने IIT बॉम्बे Computer Science में B.Tech किया एवं तत्पश्चात वे आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका चले गए एवं वहीं Stanford University से Computer Science में PhD की उपाधि ग्रहण की। पराग अग्रवाल की पत्नी का नाम विनिता अग्रवाल है एवं दोनों अपने परिवार के साथ अमेरिका में रहते हैं।
Deep Research API एवं उनका करियर
ट्विटर के सीईओ के पद ग्रहण करने से पहले उन्होने माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च एवं याहू रिसर्च में अपने करियर की शुरुआत की एवं वे नवंबर 2021 में ट्विटर के सीईओ बने, जिसके फलस्वरूप उनकी ख्याति बढ़ने लगी। वर्ष 2022 में जब अमेरिका के प्रसिद्ध बिजनेसमैन एलन मास्क ने ट्विटर का अधिग्रहण किया तो पराग को सीईओ के पद से हटा दिया।
Parag Agrawal का हमेशा से ही यह प्रयास रहा है कि AI को हर किसी के लिए सुलभ और उपयोगी हो। AI और मशीन लर्निंग प्रोजेक्ट्स में उनकी रुचि पहले ही थी, उनकी यह सोच एक AI कंपनी में तब्दील हुई। उन्होने वर्ष 2023 में पैरेलल वेब सिस्टम्स नामक एक AI स्टार्टअप की स्थापना की।
Deep Research API क्या है?
Deep Research API एक ऐसा एआई एडवांस्ड टूल है जो रिसर्च, डेटा एनालिसिस और डेटा सेट्स से उपयोगी जानकारी निकालने में मदद करती है। यह API ब्लॉगर्स, डेवलपर्स, मार्केट एनालिसिस और रिपोर्टिंग के लिए बेहतर साबित होगी। माना जा रहा है कि आने वाले समय में ChatGPT एवं अन्य AI टूल को कड़ी टक्कर देगी।
उनका मानना है कि एआई की मदद से हम सूचना को बेहतर ढंग से विश्लेषण कर सकते है। जैसे कि मनुष्य द्वारा इन्टरनेट में सर्च कर किसी सूचना को देखना एक सीमित विकल्प है जबकि AI की मदद से हम पूरे इन्टरनेट में संबंधित सूचना का सार देख सकते हैं। एक ही सूचना को हर जगह बार -बार देखने की कोई गुंजाइश नहीं बचेगी।
Deep Research API के आने से AI टूल्स और स्मार्ट एप्लिकेशन्स का दायरा और भी बढ़ेगा। ऐसा माना जा रहा है कि यह API आने वाले समय में Google Search और ChatGPT जैसी टेक्नोलॉजीज को टक्कर दे सकती है।
कहा जा सकता है कि भारत से पढ़कर दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में CEO बनना अपने आप में बड़ी उपलब्धि है । Forbes और Fortune जैसी मैगज़ीन ने उन्हें टेक इंडस्ट्री के उभरते सितारों में गिना। पराग अग्रवाल ने साबित किया है कि भारतीय वैश्विक टेक्नोलॉजी में किसी से पीछे नहीं है। Deep Research API न केवल रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए उपयोगी होगी, बल्कि यह आने वाले समय में AI इंडस्ट्री का नया मानक भी बन सकती है।
मनोरंजन संबंधी
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