More

    वाल्मीकि जयंती : जानें वाल्मीकि की जीवन कथा, रचना, जयंती एवं महत्व के बारे में।

    Share

    वाल्मीकि जयंती 2024: वाल्मीकि की जयंती प्रतिवर्ष ग्रीगोरियन कैलेंडर के अनुसार अक्तूबर माह में एवं हिन्दू कैलेंडर के अनुसार अश्विन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। वर्ष 2024 में वाल्मीकि जयंती 17 अक्टूबर (गुरुवार) को मनाया जाएगा।

    वाल्मिकी जयंती कब है?

    हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार वाल्मिकी जयंती अश्विन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। भारत में महर्षि वाल्मीकि जयंती को वाल्मीकि धार्मिक समुदाय के लोगों द्वारा प्रगट दिवस के रूप में मनाया जाता है।

    जानें महर्षि वाल्मीकि कौन थे?

    आदि कवि वाल्मीकि  -वाल्मीकि जयंती 2024 : जानें आदि कवि वाल्मीकि  की जयंती,  महत्व एवं तिथि के बारे में।
    इमेज स्रोत -Canva

    वाल्मीकि भगवान श्री राम के परम भक्त, ज्योतिष शास्त्र एवं खागोल शास्त्र के ज्ञाता एवं संस्कृत भाषा के महान कवि थे तथा इन्होंने ही पवित्र ग्रंथ रामायण की रचना की। वाल्मीकि ने संस्कृत भाषा में अपनी कालजयी रचना ‘रामायण’ का सृजन किया था। हामरे देश में भगवान राम की प्रथम जीवनी ‘वाल्मीकि रामायण’ जग प्रसिद्ध है जिसकी रचना आदि कवि महर्षि वाल्मीकि ने ही की थी। उनके जन्मतिथि को ही श्रद्धालु प्रतिवर्ष वाल्मीकि जयंती के रूप में मनाते हैं।

    वाल्मीकि की जीवन कथा:

    वाल्मीकि के जन्मतिथि एवं जन्मस्थान के बारे मे सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं है, पर यह माना जाता है कि उनका समय 500 ईसापूर्व रहा होगा। उनकी रचनाओं ने भारतीय संस्कृति पर एक अमिट छाप छोड़ी है जो आज के युवा पीढ़ी को भी प्रेरित करती है।

    वाल्मीकि के कवि बनने में कई कथाएँ प्रचलित है, उनमें से एक प्रमुख है कि कवि वाल्मीकि का मूल नाम रत्नाकर था एवं उन्होंने गरीबी से तंग होकर अपराध का रास्ता अपना लिया था, जब वाल्मिकी की मुलाक़ात भगवान नारद मुनि से हुई तो इनके जीवन में बड़ा बदलाव आया। ऋषि मुनियो की बात सुनते हुए तथा सत्य का मार्ग अपनाते हुए भगवान राम का अनुसरण करना शुरू किए और उसके बाद कई सालो तक ध्यान किए। वर्षों के ध्यान के बाद, उन्हें दिव्य प्रेरणा मिली। ऐसा कहा जाता है कि उन्हें “राम” मंत्र का ज्ञान हुआ, जिससे प्रभावित होकर उन्होने माहाकाव्य रामायण की रचना की।

    एक और कहानी वाल्मीकि और “क्रौंच” पक्षी की है जो रामायण की एक मार्मिक कहानी है। जो यह संदेश देती है कि कैसे प्रसिद्ध ऋषि वाल्मीकि के समक्ष एक अत्यंत ही दुखद घटना घटी, जिसने उनके जीवन को पूरी तरह बदल दिया। कहानी कुछ इस प्रकार है –

    एक दिन, ऋषि वाल्मीकि जंगल में एक सुंदर क्रौंच पक्षी के एक जोड़े को देखकर कुछ सोच रहे थे, क्रौंच पक्षी एक दूसरे के प्रेम में मग्न थे। तभी एक शिकारी ने अपने तीर से नर क्रौंच पक्षी को मार गिराया। यह दृश्य देखकर मादा पक्षी, ज़ोर -जोर से चीखने लगी, अपने साथी की यह दुर्दशा उसे नहीं भाया। यह दृश्य देखकर ऋषि वाल्मीकि दुःख और क्रोध से भर गए, वे अत्यंत ही द्रवित हो गए एवं उस शिकारी को यह शाप दिया कि –

    मा निषाद प्रतिष्ठां त्वंगमः शाश्वतीः समाः। यत्क्रौंचमिथुनादेकं वधीः काममोहितम्॥

    अर्थात जिस प्रकार दुर्दशा इस पक्षी का किया है, वही दुर्दशा तुम्हारी होगी, तुम्हें भी यही दर्द झेलना होगा।

    वाल्मीकि की रचना

    ऋषि वाल्मीकि की प्रसिद्ध कृति ‘रामायण ‘ है। इसके अलावा उन्होने दार्शनिक ग्रंथ योगवाशिष्ट, की भी रचना की है।

    वाल्मीकि रामायण का संक्षिप्त परिचय

    रामायण वाल्मीकि की सबसे प्रसिद्ध रचना है, यह पाठ सात पुस्तकों (कांडों) में विभाजित है एवं इसमें 24,000 से अधिक श्लोक हैं।

    कवि का नामवाल्मीकि
    प्रसिद्ध रचना का नामरामायण
    रचना का मुख्य विषयभगवान राम, उनकी पत्नी सीता, हनुमान एवं रावण की कहानी के माध्यम से धर्म, प्रेम, बलिदान, नैतिकता, व्यवहार, भक्ति का संदेश
    कुल श्लोक24000
    कुल शब्द480002 लगभग
    कुल कांड7 भागों में
    उपाधिआदि कवि, महर्षि, प्रथम कवि
    साहित्यिक रचनायोगवाशिष्ट, वाल्मीकि संहिता आदि

    वाल्मिकी जयंती कैसे मनाया जाता है?

    वाल्मीकि जयंती 2024 : जानें आदि कवि वाल्मीकि  की जयंती,  महत्व एवं तिथि के बारे में।
    इमेज स्रोत -Canva

    वाल्मीकि जयंती हामरे देश का महत्वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार देशभर में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है तथा इस दिन राम मंदिरों के अलावा वाल्मीकि मंदिरों को भी अत्यंत ही भव्य तरीके के साथ सजाया जाता है। मंदिरों में पूजा -अर्चना की जाती है। वाल्मीकि जयंती में शोभायात्रा एवं जुलूस का विशेष महत्व है।

    इस दिन प्रतिवर्ष ऋषि वाल्मीकि को श्रद्धा पूर्वक याद करते हुए शोभायात्राएँ निकाली जाती है। जरूरतमंदों को दान एवं भोजन कराया जाता है। इस दिन रामायण का पाठ भी किया जाता है।

    वाल्मीकि जयंती पर अमृतसर, पंजाब में स्थित वाल्मीकि मंदिर को फूलों से सजाया जाता है एवं पूजा अर्चना की जाती है।

    वाल्मीकि जयंती का महत्व

    अगर ध्यान से गौर करें तो पाएंगे कि वाल्मीकि जयंती हामारे देश में एक प्रकार का सांस्कृतिक त्योहार है। यह त्योहार लोगों में नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देता है। देश के लोगों में राम के माध्यम से अपनो में नैतिक सुधार लाने की प्रेरणा देता है। वाल्मीकि जयंती हमें भगवान राम के भांति समाज एवं परिवार में रहते हुए आदर्श आचरण करने का संदेश देता है। वाल्मीकि जयंती की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं! वाल्मीकि की शिक्षाएं आपको सत्य और सदाचार के मार्ग पर ले जाएं।

    अन्य रोचक जानकारी –

    1-National Film Awards 2024: जाने 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेताओं की पूरी लिस्ट।

    2*Navratri 8th Day 2024: जाने नवरात्री के आठवें दिन माता का स्वरूप तथा दुर्गा अष्टमी से जुड़ी कथा एवं शुभ मुहूर्त।

    jivanvrit.com
    jivanvrit.comhttps://jivanvrit.com
    जीवनवृत्त पत्रिका(www.jivanvrit.com) एक हिंदी भाषा में प्रस्तुत की गयी एक ब्लॉग वेबसाइट है । यह ब्लॉग कला, संस्कृति एवं मनोरंजन पर आधारित है।पत्रिका के विषय एवं इससे जुड़े किसी भी कंटेंट पर कोई प्रश्न हो तो मुझे Contact us मेनू के माध्यम से पूछ सकते हैं।

    Read more

    Popular Post