city of joy नाम से प्रसिद्ध कोलकाता शहर अपनी सांस्कृतिक कल्चर के विश्व प्रसिद्ध है। कोलकाता एक टुरिस्ट पैलेस है तथा यहाँ पर घूमने के लिए कई बेहतरीन डेस्टिनेशन है। यदि आप कोलकाता घूमने का प्लान बना रहे है तो आपको ठंड के मौसम में यहाँ आना चाहिए क्योंकि ग्रीष्म काल अर्थात् अप्रैल से सितम्बर के बीच कोलकाता में काफी गर्मी पड़ती है। कोलकाता शहर अत्याधिक गर्म होने के कारण यहाँ पर लू हवा चलती है।
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता, दुर्गा पूजा के लिए विश्व विख्यात है। यदि आप भी अपनी छुट्टियों को स्पेशल बनाना चाहते है तो आप सिटी ऑफ़ जॉय यानि कोलकाता शहर का दीदार कर सकते है। कोलकाता में घूमने के लिए विक्टोरिया मेमोरियल, ईडन गार्डेंस, मायापूर, बेलूर मठ तथा हावड़ा ब्रिज जैसी कई लोकप्रिय स्थान है।
इसके अलावा कोलकाता में घूमने के लिए कई धार्मिक स्थल ऐसे है जो माता काली को समर्पित है। जिनमें से दक्षिणेश्वर मंदिर, काली घाट तथा बड़ों माँ की मंदिर काफी प्रसिद्ध है। कोलकाता के इन मंदिरों में लाखों की संख्या में विदेशी पर्यटक यहाँ घूमने के लिए आते है।
कोलकाता में घूमने के साथ-साथ यहाँ का स्थानीय फूड काफी फेमस है जिनमें से पानी पूरी, फुचका, ऐग रोल, आलू चोप, रोसगुला, जोल भोरा सोनदेश तथा आलू बिरयानी है तथा ये सभी स्ट्रीट फूड काफी लज़ीज़ और स्वादिष्ट होता है। यदि आप भी कोलकाता घूमने का प्लान बना रहे है तो इस आर्टिकल के माध्यम से कोलकाता के बेस्ट डेस्टिनेशन के बारे में बताया गया है, जो आपको कोलकाता की हर एक गली से रूबरू कराएगा।
Kolkata Mein Ghumne Ka Best Places:
हावड़ा ब्रिज:
हावड़ा ब्रिज, भारत के ऐतिहासिक पुल में से एक है तथा इस ब्रिज को देखने के लिए सिर्फ़ भारतीय ही नहीं बलकी विदेशी पर्यटक भी यहाँ घूमने के लिए आते है। कोलकाता में घूमने के लिए हावड़ा ब्रिज सबसे लोकप्रिय स्थानों में से एक है। हावड़ा ब्रिज को कोलकाता का प्रवेश द्वार भी माना जाता है। शाम के समय हावड़ा ब्रिज लाइटों से जगमगा उठता है जो हमें मंत्र मुग्ध करता है तथा इस दौरान पर्यटक हावड़ा ब्रिज से नाव की सैर कर कोलकाता शहर देखने का आनंद उठाते है।
हावड़ा ब्रिज पहुँचते ही आपको यहाँ पर पीली टैक्सी देखने को मिलती है तथा पीली टैक्सी कोलकाता की शान है और इस टैक्सी में घूमने का आनंद दो गुना बढ़ जाता है। हावड़ा ब्रिज साल 1942 में बनकर तैयार हुआ था तथा कहा जाता है कि इस ब्रिज को बनाने में एक भी नट-बोल्ट का इस्तेमाल नहीं किया गया।
साइंस सिटी:
कोलकाता के मेन सिटी में स्थित साइंस सिटी पर्यटकों को घूमने के लिए बेस्ट जगहों में से एक है। साइंस सिटी में विज्ञान से जुड़ी कई तकनीक देखने को मिलती है तथा यहाँ पर देखने के लिए 3D टाईम मशीन, डायनासोर, मैरीटाइम सेंटर और कॉम्पलेक्स है।
साइंस सिटी में सबसे इंटरेस्टिंग ओप्टिकल मिरर है और यह मिरर बहुत ही दिलचस्प तथा अनोखा है तथा इस मिरर को देखने पर आप अलग-अलग आकार के दिखाई देने वाले है। साइंस सिटी कोलकाता के पार्क सर्कस के चौराहे पर स्थित है।
साइंस सिटी में स्थित डायनासोर पार्क आपको जुरासिक पार्क की याद दिलाती है तथा यह पार्क आपको डायनासोर के हर प्रजाति के बारे में बताती है। साइंस सिटी की एंट्री फी 50 रुपय है तथा इस पार्क में कई लोग पिकनिक मनाने के लिए भी यहाँ आते है। और यह पार्क प्रतिदिन यानि रविवार से सोमवार तक, सुबह 9:00 बजे से लेकर शाम 8:00 तक खुला रहता है। स्टूडेंट के लिए यह पार्क एक विज्ञान संग्रहालय की तरह है तथा इस पार्क की उद्दघाटन 1 जुलाई 1997 को हुई थी।
बेलूर मठ:
बेलूर मठ, पश्चिम बंगाल का अनोखा तथा सबसे खूबसूरत मठों में से एक है। अपने अद्भुत वास्तुकला के रूप में बेलूर मठ पर्यटकों के लिए सबसे लोकप्रिय स्थान है। बेलूर मठ को हिंदू, ईसाई, बौद्ध तथा इस्लामी आदि सभी धर्मों के एकता का प्रतीक माना जाता है तथा बेलूर मठ की स्थापना साल 1897 में स्वामी विवेकानंद ने की थी। बेलूर मठ, रामकृष्ण परमहंस का मुख्यालय है।
रामकृष्ण परमहंस बंगाल के महान संतों में से एक थे तथा स्वामी विवेकानंद, रामकृष्ण परमहंस के आदर्श शिष्य थे तथा स्वामी विवेकानंद अपने गुरु(रामकृष्ण परमहंस) को सम्मान व्यक्त करने के लिए बेलूर मठ की स्थापना की। बेलूर मठ में रामकृष्ण परमहंस के अलावा इनकी पत्नी माँ सारदा देवी की भी मंदिर है।
बेलूर मठ को आधुनिक युग का पैग़म्बर भी कहा जाता है। हुगली नदी के पश्चिमी तट पर स्थित बेलूर मठ चालीस एकड़ ज़मीन में फैला हुआ है। बेलूर मठ हावड़ा से लगभग 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है चारों ओर हरियाली से घिरा होने के कारण बेलूर मठ की दर्शनीय अद्वितीय है।
विक्टोरिया मेमोरियल:
महारानी विक्टोरिया को समर्पित यह स्मारक सफेद संगमरमर पत्थर से बना हुआ है। कोलकाता में घूमने के लिए विक्टोरिया मेमोरियल सबसे बेस्ट जगहों में से एक है तथा इस स्मारक के अंदर एक बड़ा संग्रहालय है और इसी संग्रहालय में महारानी विक्टोरिया से सम्बंधित कई प्राचीन वस्तुएँ है। महारानी विक्टोरिया 70 के दशक की क्वीन थी तथा अब्दुल करीम से शादी करने के बाद महारानी विक्टोरिया भारत आई और इस दौरान इन्हें भारत को करीबी से देखने का मौका मिला।
विक्टोरिया मेमोरियल सुबह 10:00 बजे से लेकर शाम 6:00 बजे तक खुला रहता है। विक्टोरिया मेमोरियल के पास में ही हावड़ा मैदान है और यह मैदान हरे घासों से भरपूर है तथा इस मैदान में लोग जोगिंग, वाल्किंग और एक्सरसाइज करते हुए नज़र आते है।
दक्षिणेश्वर मंदिर:
दक्षिणेश्वर मंदिर, कोलकाता के सबसे लोकप्रिय तथा प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है और यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है। माता काली को समर्पित दक्षिणेश्वर मंदिर 25 एकड़ ज़मीन में फैला हुआ है। दक्षिणेश्वर मंदिर कोलकाता के हुगली नदी के किनारे स्थित है तथा मान्यता है कि दक्षिणेश्वर मंदिर में माँ काली के दर्शन से श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती है।
साल 1847 में तथा अंग्रेज़ो के शासन काल में रानी रासमनी द्वारा दक्षिणेश्वर काली मंदिर का निर्माण करवाया गया था। दक्षिणेश्वर मंदिर में माँ काली के रूप में माँ भवतारिणी की पूजा की जाती है, इसके अलावा कोलकाता में माँ काली को समर्पित कई मंदिर है जिनमें से तारा पीठ, काली घाट तथा बड़ों माँ जैसी प्रसिद्ध मंदिर है और इन सभी मंदिर में माँ काली की भव्य प्रतिमा स्थापित है।
प्रिंसेप घाट:
गंगा नदी के किनारे स्थित प्रिंसेप घाट आदर्श जगहों में से एक है तथा यहाँ पर कई लोग अपनी छुट्टियाँ मनाने भी आते है। सभी उम्र के लोग प्रिंसेप घाट आना पसंद करते है क्योंकि यह जगह आपको काफी सुकून देने वाला है।इसलिए पर्यटकों के लिए प्रिंसेप घाट काफी लोकप्रिय स्थान है।
प्रिंसेप घाट का निर्माण ब्रिटिश राज्य के दौरान साल 1841 में किया गया तथा इस घाट का नाम जेम्स प्रिंसेप के नाम पर रखा गया, जो भारतीय शास्त्रों में बहुत बड़े विद्धान थे।
अलीपुर चिड़ियाघर:
भारत के सबसे बड़े चिड़िया घरों से एक अलीपुर चिड़ियाघर है और यह कोलकाता के सबसे मशहूर जगहों में से एक है। अलीपुर चिड़ियाघर में विभिन्न प्रजातियों के कई जानवर है और यह बच्चों के लिए सबसे बेस्ट जगह है तथा इस चिड़िया घर में सफेद बाघ, गेंडा, जेबरा, हाथी, भालू, सांप आदि कई जानवर तथा पक्षी यहाँ देखने को मिलते है। कोलकाता का अलीपुर चिड़ियाघर इसलिए भी प्रसिद्ध है क्योंकि यहाँ पर सफेद बाघ है और इसी बाघ को देखने के लिए लोग दूर-दूर से अलीपुर आते है।
इसके अलावा अलीपुर चिड़िया घर में सरीसृपों के लिए अलग से खंड बनाया गया है और यहाँ पर आपको विभिन्न प्रजातियों का जलजीव जैसे- छिपकली, कछुआ, मगरमच्छ देखने को मिलती है।
अलीपुर चिड़ियाघर की स्थापना अंग्रेजों के शासन काल में साल 1876 में सर विलियम हेनरी हंटर द्वारा किया गया। हेनरी हंटर स्वभाव से प्रकृतिवादी और खोजकर्ता थे और वे भारत में कुछ ऐसा करना चाहते थे जिससे भारतीय, विदेशी जानवरों को देख सके।
हेनरी हंटर लंदन तथा पेरिस जैसे बड़े शहरों का दौरा करने के बाद कोलकाता में एक अद्भुत चिड़िया घर बनाने का फैसला लिया और इस तरह श्रमिकों की मदद से चिड़िया घर बनाना शुरू किया।
अलीपुर चिड़ियाघर को जूलॉजिकल गार्डन के नाम से जाना जाता है और यह गार्डेन सुबह 9:00 बजे से लेकर शाम 6:00 बजे तक खुला रहता है। अलीपुर चिड़िया घर में प्रवेश शुल्क वयस्कों के लिए 50 रुपय तथा 5 वर्ष से कम उम्र वाले बच्चों के लिए 25 रुपय चार्ज लगते है।
कोलकाता शहर पहुँचने के लिए यातायात साधन:
हवाई जहाज़ द्वारा:
कोलकाता एक महानगर है तथा यहाँ पर पहुँचने के लिए कई यातायात साधन है। यदि आप हवाई जहाज़ के माध्यम से कोलकाता आना चाहते है तो आपको कोलकाता में स्थित एयरपोर्ट नेताजी सुभाष चंद्र बोस हवाई अड्डे की टिकट काटनी पड़ेगी। यह एयरपोर्ट कोलकाता शहर के मेन सिटी से लगभग 17 किलोमीटर दूर दमदम स्टेशन के पास मौजूद है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस एयरपोर्ट से राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय दोनों की फ़्लाइट उड़ाने भरती है।
रेलवे यातायात साधन:
कोलकाता में स्थित दो प्रमुख रेलवे स्टेशन है। पहला हावड़ा तथा दूसरा सियालदह तथा इन दो रेलवे स्टेशन के माध्यम से आप भारत के हर एक राज्य से कोलकाता शहर पहुँच सकते है इन दो स्टेशनों से दिल्ली तथा मुंबई जैसी महानगरों के लिए कई ट्रेने रवाना होती है जिनमें से सियालदह राजधानी एक्सप्रेस और हावड़ा राजधानी एक्सप्रेस है- ये दो फास्ट ट्रेन है जो कोलकाता से दिल्ली की ओर जाती है
इसके अलावा मुंबई के लिए भी कोलकाता से कई ट्रेन रवाना होती है जिनमें से हावड़ा-छत्रपति शिवाजी टर्मिनल, दूरंतो एक्सप्रेस और हावड़ा मुंबई मेल जैसे ट्रेन मौजूद है तथा ये सभी ट्रेने प्रतिदिन कोलकाता शहर से मुंबई की ओर जाती है।
कोलकाता में ख़रीदारी के लिए प्रसिद्ध स्थानें:
न्यू मार्केट:
कोलकाता में ख़रीदारी के लिए सबसे बेस्ट तथा प्रसिद्ध स्थान न्यू मार्केट है। न्यू मार्केट में आपको आसानी से जरुरत की सभी समाने तथा सस्ती चीजें मिल जाती है। इस मार्केट में ख़रीदने के लिए आपको जुते, चप्पल, साड़ी, सूट, इलेक्ट्रोनिक तथा खाने पीने से लेकर सभी समान मौजूद होता है यानि न्यू मार्केट से ही आपको सब मिल जाएगा। यह मार्केट सोमवार से लेकर शनिवार तक खुला रहता है और रविवार को न्यू मार्केट बंद रहता है।
कॉलेज स्ट्रीट:
कोलकाता में पुस्तक तथा किताबों की ख़रीदारी के लिए कॉलेज स्ट्रीट पुस्तक प्रेमियों के लिए सबसे बेस्ट पैलेस है। कॉलेज स्ट्रीट में आपको पुरानी से लेकर नई किताबें आसानी से मिल जाती है इसलिए कॉलेज स्ट्रीट को भारत का पुस्तकालय कहा जाता है। किताबों के अलावा आपको यहाँ पर मैगज़ीन, कॉपी, पेन, पेंसिल बॉक्स आदि सभी स्टेशनरी समाने मिल जाती है।
कॉलेज स्ट्रीट के पास ही कॉफ़ी शोप है और इस कॉफ़ी शोप में बच्चों से लेकर हर उम्र वाले कॉफ़ी का स्वाद चखने आते है। इसके अलावा यहाँ आपको कम दामों में सेकंड हैंड किताबें मिल जाती है। इसलिए आप जब भी कोलकाता घूमने के लिए आए तो कॉलेज स्ट्रीट जरुर जाए, क्योंकि कॉलेज स्ट्रीट में पुरानी से पुरानी किताबें यहाँ पर आसानी से मिल जाती है।
बड़ा बाज़ार:
कोलकाता में ख़रीदारी के लिए बड़ा बाज़ार सबसे लोकप्रिय स्थानों में से एक है। कोलकाता में यह बाज़ार सबसे अत्याधिक बड़ा होने के कारण इसे बड़ा बाज़ार के नाम से जाना जाता है। यहाँ पर ख़रीदारी के लिए बंगाली सांस्कृति के रूप में ताँत साड़ी, सूती साड़ी, लहंगा, जुते, चप्पल तथा शादी के लिए सभी ज़रूरी चीजें यहाँ मिल जाती है।
बड़ा बाज़ार में ख़रीदारी के लिए आपको मोल-भाव करना पड़ेगा क्योंकि यहाँ पर कुछ अधिक दामों में सामानों की बिक्री की जाती है। इसके अलावा आपको यहाँ पर कोलकाता की प्रसिद्ध मिठाइयाँ जैसे कि- हल्दी राम की काजू कतली, रवड़ी, जलेबी, सोंदेश, रोसगुल्ला भी आसानी से मिल जाती है और ये सभी मिठाइयाँ कोलकाता के सबसे प्रसिद्ध और स्वादिष्ट व्यंजनों में से एक है।
इसके अलावा कोलकाता के बड़ा बाज़ार में आलू बिरयानी काफी प्रसिद्ध है तथा कोलकाता ही एक ऐसा महानगर है जहाँ आपको बिरयानी के साथ आलू परोसा जाता है और यह भी कहा जाता है कि कोलकाता बिरयानी आलू के बिना अधूरी है। इसलिए जब भी आप कोलकाता आए तो यहाँ की स्वादिष्ट बिरयानी जरुर ट्राई करे।
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