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मृणाल ठाकुर का जीवन परिचय, आने वाली फ़िल्में, टीवी शो, परिवार एवं नेटवर्थ

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मृणाल ठाकुर का जीवन परिचय

मृणाल ठाकुर का जीवन परिचय (Mrunal Thakur Biography)-छोटे पर्दे से अपने करियर की शुरुआत करने वाली मृणाल ठाकुर आज बॉलीवुड इंडस्ट्री की जानी-मानी अभिनेत्री है और अपनी दमदार एक्टिंग, ख़ूबसूरती तथा अभिनय से दर्शकों के दिलों में जगह बनाने वाली मृणाल ठाकुर हमेशा सुर्खियों में बनी रहती है। भारतीय इंडस्ट्री में एक उभरते सितारे के रूप में इनकी प्रतिभा तथा सहनशीलता फ़िल्मों में अभिनय के दौरान मंत्रमुग्ध कर देने वाला है।

मृणाल ठाकुर का जीवन परिचय (Mrunal Thakur Biography)

मृणाल ठाकुर का जन्म 1 अगस्त 1992 को महाराष्ट्र के नागपुर शहर में एक मराठी परिवार में हुआ तथा मृणाल को बचपन से ही फ़िल्मों में अभिनय करने का शौक था, जिसके कारण इन्होंने अपने करियर की शुरुआत टीवी सीरियल्स से की।

नाममृणाल ठाकुर
निक नेमगोली
जन्म1 अगस्त 1992
जन्म स्थाननागपुर, महाराष्ट्र
व्यवसायअभिनेत्री, डांसर तथा मॉडलर
राष्ट्रीयताभारतीय
धर्महिंदू
मातृ भाषामराठी
राशिलियो
गृहनगरमुंबई, महाराष्ट्र
शैक्षणिक योग्यतामास मीडिया में स्नातक की डिग्री
फिल्म डेब्युसुपर 30 (2019)
वैवाहिक सूचनाअविवाहित
hobbiesक्रिकेट देखना, डांस करना तथा फोटोग्राफी करना
नेट वर्थअनुमानित 33 करोड़ रुपय

मृणाल ठाकुर की पढ़ाई-लिखाई (Mrunal Thakur Qualification):

मृणाल ठाकुर ने अपनी स्कूली शिक्षा जलगांव के सेंट जोसेफ स्कूल से पूरी की, उसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए मुंबई के किशनचंद चेलाराम कॉलेज से मास मीडिया में स्नातक की डिग्री हासिल की। अपने कॉलेज के पढ़ाई के दौरान ही मृणाल ठाकुर ने टीवी सीरियल्स में काम करना शुरू कर दी।

मृणाल ठाकुर की उम्र (Mrunal Thakur age):

2024 में मृणाल ठाकुर का वर्तमान उम्र 32 साल है तथा मृणाल अपने फ़िटनेस को लेकर हमेशा सतर्क रहती है और अपने आप को फिट तथा हेल्दी रखने के लिए हर दिन एक्सरसाइज़ तथा वर्क आउट करती है।

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मृणाल ठाकुर का लूक (Mrunal Thakur Look)

स्किन टोनफेयर
आँखों का रंग भूरा
लम्बाई5’5″
वजन55 किलो
शारीरिक संरचना34-32-36

मृणाल ठाकुर का परिवार (Mrunal Thakur Family)

मृणाल ठाकुर के पिता का नाम उदय सिंह ठाकुर है तथा इनके पिता एक बैंक कर्मचारी है। मृणाल की माँ एक हाउस वाइफ है तथा मृणाल की एक बड़ी बहन है और बहन का नाम लोचन ठाकुर है तथा लोचन एक मेकप आर्टिस्ट है इसके अलावा मृणाल का एक छोटा भाई है तथा इनके भाई का नाम मंदार ठाकुर है।

मृणाल ठाकुर का जीवन परिचय, आने वाली फ़िल्में, टीवी शो, परिवार एवं नेटवर्थ
पिताउदय सिंह ठाकुर
बहनलोचन ठाकुर(बड़ी)
भाईमंदार ठाकुर(छोटा)

मृणाल ठाकुर का शुरुआती करियर-टीवी शो

मृणाल ठाकुर अपनी करियर की शुरुआत साल 2012 में टेलीविज़न शो ‘मुझसे कुछ कहती… ये खामोशियाँ’ से की और इस शो में गौरी भोसले के रूप में एक गायिका की भूमिका में नजर आई।

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उसके बाद ‘हर युग में आएगा एक अर्जुन’ शो में दिखाई दी और इस शो के जरिए मृणाल ठाकुर एक जर्नलिस्ट की भूमिका निभाई थी।

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साल 2014 में मृणाल ठाकुर को टीवी सीरियल में पहचान एकता कपूर द्वारा निर्देशित टेलीविज़न शो ‘कुमकुम भाग्य’ से मिली तथा इस सीरियल में बुलबुल अड़ोरा की भूमिका निभाई थी तथा बुलबुल के नाम से इनकी पहचान हर घर में होने लगी। ‘कुमकुम भाग्य’ टेलीविजन शो में मृणाल ठाकुर के साथ श्रीति झा, शब्बीर अहलूवालिया, शिखा सिंह, पूजा बनर्जी तथा सुरभि ज्योति भी नजर आई। फ़िल्मों में काम मिलने की वजह से मृणाल ठाकुर को यह सीरियल बीच में ही छोड़नी पड़ी।

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साल 2016 में मृणाल ठाकुर ने शरद चंद्र त्रिपाठी के साथ नच बलिए सीजन 7 में भाग ली।

मृणाल ठाकुर का टीवी सीरियल

प्रदर्शित शो टीवी सीरियल्स का नाम
2012मुझसे कुछ कहती… ये खामोशियाँ
2013हर युग में आएगा एक अर्जुन
2014कुमकुम भाग्य
2016नच बलिए

मृणाल ठाकुर की फिल्मी करियर: फिल्मोग्राफी

साल 2014 में मृणाल ठाकुर मराठी फ़िल्म ‘हैलो नंदन’ फिल्म से बॉलीवुड की दुनिया में कदम रखी, लेकिन मृणाल की यह फिल्म कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई।

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मृणाल ठाकुर की करियर की टर्निंग पॉइंट साल 2018 में इंडो-अमेरिकन फिल्म ‘लव सोनिया’ से हुई और इस दौरान मृणाल ठाकुर अंतरराष्ट्रीय सिनेमा में कदम रखी। ‘लव सोनिया’ फिल्म में मृणाल ठाकुर एक गाँव की लड़की का किरदार निभाई थी और इनके किरदार को दर्शकों द्वारा काफी सराहाना मिली।

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साल 2019 में विकास बहल के निर्देशित में बनी फिल्म ‘सुपर 30’ में दिखाई दी तथा इस फिल्म में मृणाल ठाकुर, ऋतिक रोशन की पत्नी के रूप में सुप्रिया सिंह की किरदार में नजर आई। ‘सुपर 30’ एक बायोपिक फिल्म है तथा इस फिल्म में ऋतिक रोशन बिहार के टीचर आनंद कुमार का किरदार निभाते हुए नजर आते है।

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उसके बाद मृणाल ठाकुर, जॉन अब्राहम के साथ ‘बाटला हाउस’ फिल्म में नजर आई और यह सच्ची घटनाओं पर आधारित फिल्म है। नंदिता के किरदार मृणाल ठाकुर का ‘बाटला हाउस’ फिल्म सुपर डुपर हिट रही।

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साल 2021 में मृणाल ठाकुर ओटीटी की दुनिया में कदम रखी तथा कार्तिक आर्यन के साथ इनकी फिल्म ‘धमाका’ है और इस फिल्म में मुंबई में होने वाली विस्फोट के बारे में दिखाया जाता है तथा मृणाल ठाकुर की यह फिल्म असफल रही।

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साल 2022 में हनु राघवपुडी के निर्देशन में बनी मृणाल ठाकुर ‘सीता रामम’ फिल्म में दिखाई दी और इस फिल्म में मृणाल ठाकुर, दुलकर सलमान के साथ रोमांस करती हुई नजर आती है। यह फिल्म दर्शकों द्वारा काफी पसंद किया गया तथा इस फिल्म के लिए मृणाल ठाकुर को साउथ के बड़े अवार्ड SIIMA पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

मृणाल ठाकुर का जीवन परिचय, आने वाली फ़िल्में, टीवी शो, परिवार एवं नेटवर्थ

उसके बाद मृणाल ठाकुर, शाहिद कपूर के साथ ‘जर्सी’ फिल्म में नजर आई। गौतम तित्रनुरी द्वारा निर्देशित फिल्म ‘जर्सी’ में बाप और बेटे के रिश्ते को दिखाया गया है। एक क्रिकेटर के पत्नी के रूप में मृणाल ठाकुर का यह किरदार लोगों को काफी पसंद आया

मृणाल ठाकुर का जीवन परिचय, आने वाली फ़िल्में, टीवी शो, परिवार एवं नेटवर्थ

साल 2024 में विजय देवरकोंडा के साथ मृणाल ठाकुर ‘फैमिली स्टार’ फिल्म में नजर आई। इंदू के किरदार में इनका सादगी भरा रूप दर्शकों को काफी पसंद आया।

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मृणाल ठाकुर की फ़िल्में (Mrunal Thakur Movies):

रीलीज डेट फिल्म का नाम
2018Love Sonia
2019Super 30
2019Batla House
2021Dhamaka
2022Sita Ramam
2022Jersey
2023Pippa
2023Hi Nanna
2024Family Star

मृणाल ठाकुर की आने वाली फ़िल्में (Mrunal Thakur Upcoming Movie):

मृणाल ठाकुर अपनी अपकमिंग फिल्म ‘पूजा मेरी जान’ की शूटिंग में व्यस्त है। नवजोत गुलाटी द्वारा निर्देशित इस फिल्म में मृणाल ठाकुर के साथ हुमा क़ुरैशी भी नजर आने वाली है। आपको बता दे की ‘पूजा मेरी जान’ फिल्म की शूटिंग दिल्ली में की गई है और लगभग फिल्म की शूटिंग पूरी हो चुकी है।

रिलीज डेट फिल्म का नामडायरेक्टर
27 जून, 2024कल्किनाग आश्विन
दिसम्बर, 2024पूजा मेरी जाननवजोत गुलाटी

मृणाल ठाकुर से जुड़ी रोचक बातें:

  • मृणाल ठाकुर की फैन फ़ॉलोइंग बॉलीवुड के अलावा साउथ में भी काफी अधिक है।
  • मृणाल ठाकुर को ट्रेवलिंग तथा डांस करना काफी पसंद है।
  • मृणाल ठाकुर पेट लवर है तथा इनके पास एक पालतू बिल्ली है और अपनी बिल्ली के साथ मृणाल सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करती है।
  • साल 2024 में मृणाल ठाकुर अपनी ख़ूबसूरती का जलवा कान्स फिल्म फ़ेस्टिवल में आयोजित समारोह के दौरान दिखाई दी, और इस तरह मृणाल ब्लैक कलर का ड्रेस पहनी थी जिसमें वह काफी खूबसूरत दिख रही थी।
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मृणाल ठाकुर की पसंद:

फेवरेट फूडजलेबी
फेवरेट रंगपीला तथा गुलाबी
फेवरेट अभिनेताअमिताभ बच्चन
फेवरेट अभिनेत्रीकरीना कपूर
फेवरेट सिंगरसुनिधि चौहान
फेवरेट क्रिकेटरसचिन तेंदुलकर
फेवरेट स्थानपेरिस
फेवरेट निर्देशकएकता कपूर

मृणाल ठाकुर का सोशल नेटवर्क

मृणाल ठाकुर सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती है तथा इनके इंस्टाग्राम पेज पर 12 मिलियन से ज़्यादा फ़ॉलोरर्स है तथा अक्सर मृणाल ठाकुर अपने वर्कआउट की वीडियो और फोटो इंस्टाग्राम पेज पर शेयर करती रहती है।

मृणाल ठाकुर का घर (Mrunal Thakur House)

मृणाल ठाकुर मुंबई के अंधेरी में एक नहीं बल्कि दो आलीशान फ़्लैट ख़रीदी है तथा इस फ़्लैट की कीमत 10 करोड़ रुपय है।मृणाल ठाकुर इस घर की रजिस्ट्री के लिए 60 लाख रुपय दे चुकी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ मृणाल के नए घर का कनेक्शन कंगना रनौत से है तथा बताया जा रहा है कि इस फ़्लैट में कंगना का भाई रहा करते थे। हालांकी अब यह घर मृणाल का हो चुका है।

मृणाल ठाकुर का नेट वर्थ (Mrunal Thakur Net Worth)

मृणाल ठाकुर एक फिल्म के लिए 2 से 3 करोड़ रुपय का फीस चार्ज करती है। फ़िल्मों में अभिनय के अलावा मृणाल कई ब्रांड का प्रमोशन भी करती हुई नजर आती है तथा इसके जरिए भी मृणाल ठाकुर अच्छी ख़ासी इनकम करती है। मृणाल ठाकुर को गाड़ियों का काफी शौक है तथा इसके पास 30 लाख रुपय की टोयोटा फ़ॉच्यूनर कार है।

इसके अलावा अभी हाल ही में मृणाल ने क़रीब दो करोड़ रुपय की मर्सिडीज़ कार ख़रीदी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ मृणाल का नेट वर्थ 33 करोड़ रुपय है।

मृणाल ठाकुर को मिले अवार्ड (Mrunal Thakur Awards)

मृणाल ठाकुर का जीवन परिचय, आने वाली फ़िल्में, टीवी शो, परिवार एवं नेटवर्थ
  • साल 2015 में मृणाल ठाकुर को ‘कुमकुम भाग्य’ टीवी सीरियल्स के लिए इंडियन टेलीविज़न अकादमी अवार्ड दिया गया।
  • साल 2018 में ‘लव सोनिया’ फिल्म के लिए मृणाल ठाकुर को अवार्ड दिया गया।
  • साल 2023 में फिल्म ‘सीता रामम’ के लिए मृणाल ठाकुर को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के रूप में साउथ इंडियन इंटरनेशनल मूवी अवार्डस(SIIMA) से सम्मानित किया गया।

अन्य जानकारी –

1-जाने जाह्नवी कपूर का जीवन परिचय, उम्र, नेट वर्थ, फिल्में एवं परिवार के बारे में। (2024)

2-सारा अली खान कौन है? जानें सारा अली खान की जीवनी, फ़िल्में, उम्र, हाईट, परिवार एवं नेटवर्थ के बारे में (Sara Ali Khan Biography)

3-फिल्म सरफिरा की कहानी, रिव्यू, एक्टिंग एवं कलाकारों के बारे में (Sarfira Movie Review in Hindi, 2024)

4-आयरन मैन रॉबर्ट डाउनी जूनियर का जीवन परिचय, फ़िल्में, उम्र एवं परिवार (Robert Downey Junior)

जानें कमल हासन की फिल्म ‘हिंदुस्तानी 2’ कैसी है? (Hindustani 2 Review in Hindi)

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कमल हासन की फिल्म ‘हिंदुस्तानी 2’ कैसी है?- भ्रष्टाचार के खिलाफ स्वतन्त्रता सेनानी सेनापति (कमल हासन) की जंग का प्रतीक है -फिल्म Hindustani 2। यह मुख्यतः तमिल भाषा की फिल्म है जो मूलतः सिनेमाघरों में ‘इंडियन 2’ के नाम से रिलीज हुई है, जबकि तेलुगु में यह फिल्म ‘भारतीयूदु’ के नाम से रिलीज हुई है। कमल हासन की इंडियन 2 फिल्म 250 करोड़ के बजट पर बनाई गई है।

कमल हासन की फिल्म ‘हिंदुस्तानी 2’ कैसी है? (Hindustani 2 Review in Hindi)

‘हिंदुस्तानी 2’ फिल्म एक नहीं बलकी पूरे पाँच भाषाओं में रिलीज की गई है। पहली ‘हिंदुस्तानी’ फिल्म रिलीज के लगभग 28 साल बाद ‘हिंदुस्तानी 2’ फिल्म 12 जुलाई को रिलीज किया गया और इस फिल्म में सेनापति के रूप में कमल हासन का किरदार दर्शकों को काफी पसंद आ रहा है।

कमल हासन साउथ सिनेमा के सबसे टैलेंटेड तथा बेहतर अभिनेता में से एक माने जाते है। अभी हाल ही में कमल हासन की ‘कल्कि 2898’ फिल्म रिलीज हुई तथा इस फिल्म में इनका विलेन किरदार दर्शकों को काफी पसंद आया।

सोशल मीडिया के जरिए सेनापति देश में फैले भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ एक अभियान चलाते है और इस अभियान के जरिए भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ अपनी जागरूकता से देश को मुक्त कर सच्चाई की राह पर चलने का आदेश देते है।

वर्ष 1996 Hindustani फिल्म का सिक्वल है- ‘हिंदुस्तानी 2’

कमल हासन की ‘हिंदुस्तानी 2’ फिल्म साल 1996 में रिलीज हुई एक्शन फिल्म इंडियन का सीक्वल है। कमल हासन की फिल्म ‘इंडियन’ सुपर डुपर हिट हुई थी और इस फिल्म में कमल हासन ने सेनापति नाम का एक स्वतंत्र सेनानी का किरदार निभाए थे। देश में भ्रष्टाचार को फैलाने वाले लोगों को सेनापति नहीं बकछते थे यहाँ तक कि अपने बेटे को भी गलत राह अपनाने से उन्हें जेल भेजने पर मजबूर हो जाते है।

कमल हासन की फिल्म 'हिंदुस्तानी 2' कैसी है?

‘हिन्दुस्तानी 2’ फिल्म के कलाकारों का संक्षिप्त परिचय:

फिल्म‘हिंदुस्तानी 2’
डायरेक्टरएस शंकर
स्टार कास्टकमल हासन, सिद्धार्थ, रकुल प्रीत सिंह, बॉबी सिम्हा, गुलशन ग्रोवर, एस जे सूर्या
संगीत कारअनिरुद्ध शंकर
राइटरएस शंकर और बी जयमोहन
फिल्म का बजट250 करोड़ रुपय
रिलीज डेट12 जुलाई 2024

‘हिंदुस्तानी 2’ – फिल्म का डायरेक्शन:

‘हिंदुस्तानी 2’ फिल्म को डायरेक्ट एस शंकर ने किए। एस शंकर बॉलीवुड हिंदी सिनेमा का एक बेहतरीन डायरेक्टर है और इन्हेने अब तक ‘नायक’, ‘रोबोट’ तथा ‘पठान’ जैसी बेहतरीन फ़िल्मों को निर्देश कर चुके है। एस शंकर ने यह एलान किया है कि ‘हिंदुस्तानी’ फिल्म का जल्द ही पार्ट 3 आने वाला है यानि ‘हिंदुस्तानी 3’ फिल्म साल 2025 में रिलीज की जाएगी।

‘हिंदुस्तानी 2’ -फिल्म की कहानी

समाज में फैले भ्रष्टाचार से सभी लोग परेशान है तथा इससे मुक्ति पाने के लिए लोग तरह-तरह के ग़लत अंजाम देते है। इंडियन 2 फिल्म में समाज में फैले भ्रष्टाचार को कम करने के लिए चार युवा आपस में मिल कर इंडियन हैशटैग नाम से संस्था चलाते है। सोशल मीडिया के जरिए इसे अंजाम देने के लिए सेनापति भी इस मिशन में शामिल होते है।

कमल हासन की फिल्म 'हिंदुस्तानी 2' कैसी है?

सेनापति अपने देश से सभी भ्रष्टाचारयों तथा रिश्वत खोरो को जड़ से ख़त्म करना चाहते है और सेनापति की इस मिशन में वह अकेला नहीं है बल्कि इसके साथ चार लोग ओर शामिल है जिनमें से सभी का मिशन एक ही होता है। ‘हिंदुस्तानी 2’ फिल्म में सेनापति एक वीर योद्धा के रूप में कई सामाजिक मुद्दों पर बात करते हुए नज़र आ रहे है।

इस तरह कमल हासन का एक्शन भरा रूप दर्शकों के सामने आता है जो काफी रोमांचक है तथा सेनापति के रूप में कमल हासन समाज में जागरूकता फैलाने की कोशिश करते है।

‘हिंदुस्तानी 2’ फिल्म की ओपनिंग:

कमल हासन की ‘हिंदुस्तानी 2’ फिल्म एक बेहतरीन ओपनर फिल्म साबित हुई है तथा पहले दिन ही पूरे देश भर में लगभग 25 करोड़ रुपय का बिजनेस किया है। कमल हासन की ‘हिंदुस्तानी 2’ फिल्म तथा अक्षय कुमार की ‘सरफिरा’ दोनों एक साथ सिनेमा घरों में दस्तक दी है। ‘हिंदुस्तानी 2’ की सबसे अधिक कमाई तेलुगु भाषा में हुई है और इसके बाद हिंदी भाषा में भी इस फिल्म की कमाई अच्छी मानी जा रही है।

अन्य जानकारी –

1-जाने जाह्नवी कपूर का जीवन परिचय, उम्र, नेट वर्थ, फिल्में एवं परिवार के बारे में। (2024)

2-कंगना रनौत का जीवन परिचय, फिल्में, परिवार, कुल सम्पत्ति, पुरस्कार एवं उपलब्धियाँ (Kangana Ranaut biography in Hindi)

3-फिल्म अभिनेता राम चरण की जीवनी, आनेवाली फ़िल्में, नेटवर्थ एवं परिवार।

4-जानें अक्षय कुमार की फिल्म सरफिरा की कहानी, रिव्यू, एक्टिंग एवं कलाकारों के बारे में

आयरन मैन रॉबर्ट डाउनी जूनियर का जीवन परिचय, फ़िल्में, उम्र एवं परिवार (Robert Downey Junior)

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आयरन मैन रॉबर्ट डाउनी जूनियर का जीवन परिचय, फ़िल्में, उम्र एवं परिवार (Robert Downey Jr)
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आयरन मैन रॉबर्ट डाउनी जूनियर का जीवन परिचय- आयरन मैन के नाम से प्रसिद्ध रॉबर्ट डाउनी जूनियर हॉलीवुड इंडस्ट्री के सबसे टॉप अभिनेता में से एक है। वे अभिनेता के साथ-साथ गायक एवं फिल्म निर्देशक भी हैं। एवेंजर्स, कैप्टन अमेरिका तथा सिविल वार जैसी ब्लॉक बस्टर फ़िल्मों से उन्हें पूरे विश्व में एक अलग पहचान मिली है। साल 2024 में ‘ओपेनहाइमर’ फिल्म के लिए ऑस्कर अवार्ड पाने वाले रॉबर्ट डाउनी आज हॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री के सबसे महंगे कलाकार में से एक है।

आयरन मैन रॉबर्ट डाउनी जूनियर का जीवन परिचय (Robert Downey Junior)

रॉबर्ट डाउनी जूनियर का जन्म 4 अप्रैल 1965 को न्यूयॉर्क में हुआ तथा डाउनी का फैमली बैकग्राउंड फिल्मी होने के कारण इनका रुचि भी एक अभिनेता बनने को हुआ और मात्र पाँच साल के उम्र में ही रॉबर्ट डाउनी अपने पापा द्वारा निर्देशित फिल्म में एक बाल कलाकार के रूप में दिखाई दिए।

नामरॉबर्ट डाउनी जूनियर
जन्म4 अप्रैल 1965
जन्म स्थानमैनहट्टन, न्यूयॉर्क
व्यवसायअभिनेता, फिल्म निर्देशक तथा गायक
गृहनगरअमेरिका
शैक्षणिक योग्यतासांता मोनिका हाई स्कूल
फिल्म डेब्युपाउंड (1970)
hobbiesसंगीत गाना और बच्चों के साथ समय बिताना
नेट वर्थअनुमानित 300 मिलियन डॉलर

डाउनी का उम्र (Robert Downey age)

2024 में रॉबर्ट डाउनी का वर्तमान उम्र 59 वर्ष है और इस उम्र में भी रॉबर्ट डाउनी अपने आप को फिट तथा फ़ाइन रखने के लिए हर दिन एक्सरसाइज़ और योगा करते है।

आयरन मैन रॉबर्ट डाउनी जूनियर का जीवन परिचय, फ़िल्में, उम्र एवं परिवार (Robert Downey Jr)

डाउनी का परिवार (Robert Downey Family)

रॉबर्ट डाउनी के पिता का नाम रॉबर्ट डाउनी सीनियर है तथा इनके पिता एक फिल्म निर्माता थे तथा डाउनी की माँ का नाम एल्सी एन है और इनकी माँ एक बेहतरीन अभिनेत्री थी, इसके अलावा रॉबर्ट डाउनी की एक बहन है तथा बहन का नाम एलिसन है। साल 1978 में इनके माता-पिता का तलाक हो गया था जिसके कारण रॉबर्ट डाउनी अपने पिता के साथ रहने के लिए कैलिफ़ोर्निया चले गए और अमेरिका में रह कर ही रॉबर्ट डाउनी अपनी पढ़ाई पूरी किए तथा इस दौरान एक्टिंग की ओर अपना कदम बढ़ाए।

रॉबर्ट डाउनी की पत्नी तथा बच्चे: (Robert Downey Wife and children)

साल 1992 में रॉबर्ट डाउनी ने डेबोरा फाल्कनर से शादी की तथा डेबोरा हॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री की एक बेहतरीन अभिनेत्री और गायिका थी और एक साल बाद ही इनके घर एक बेटे का जन्म हुआ और इन्होंने अपने बेटे का नाम इंडियो फाल्कनर डाउनी रखा। लेकिन रिश्तों में मन मुटाव होने के कारण साल 2004 में रॉबर्ट डाउनी ने डेबोरा फाल्कनर से तलाक ले लिए।

साल 2005 में रॉबर्ट डाउनी ने सुज़ैन लेविन से शादी की तथा डाउनी ने सुज़ैन लेविन से यहूदी रीति-रिवाज से शादी की। रॉबर्ट डाउनी, सुज़ैन से काफी प्यार करते है और इन्होंने अपने हाथ में सुज़ैन के नाम से टैटू बनवाए है। सुज़ैन के साथ रॉबर्ट डाउनी का एक बेटा और बेटी है। बेटे का नाम एक्सटन डाउनी तथा बेटी का नाम एवरी है।

आयरन मैन रॉबर्ट डाउनी जूनियर का जीवन परिचय, फ़िल्में, उम्र एवं परिवार (Robert Downey Jr)

आयरन मैन रॉबर्ट डाउनी जूनियर की फ़िल्में – फिल्म डेब्यु

मात्र पाँच साल के उम्र में ही रॉबर्ट डाउनी ने एक बाल कलाकार के रूप में एक्टिंग की दुनिया में कदम रखे तथा इस दौरान अपने पापा के निर्देशन में बनी फिल्म ‘पाउंड’ में नजर आए। साल 1984 में रॉबर्ट डाउनी ‘फस्र्बॉर्न’ मूवी में दिखाई दिए तथा इस दौरान इनकी यह फिल्म असफल रही तथा उसके बाद साल 1985 में रॉबर्ट डाउनी ‘टफ टर्फ’ फिल्म में सपोर्टिंग रोल निभाए, इस तरह रॉबर्ट डाउनी का शुरुआती समय कुछ खास नहीं रहा।

आयरन मैन रॉबर्ट डाउनी जूनियर की फिल्मी यात्रा – फ़िल्मोंग्राफी

  1. रॉबर्ट डाउनी ‘लेस देन जीरो’ में अभिनय किए और इस फिल्म में इन्होंने एक ड्रग एडिक्ट लड़के का किरदार निभाए थे। यह फिल्म दर्शकों को काफी पसंद आया तथा रॉबर्ट डाउनी को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के रूप में गोल्डन ग्लोब अवार्ड दिया गया।
  2. साल 1990 में रॉबर्ट डाउनी की बेहतरीन बायोपिक फिल्म ‘चैप्लिन’ आई और रॉबर्ट डाउनी चार्ली चैपलिन फिल्म में चैपलिन का किरदार निभाया था। यह फिल्म काफी हिट हुई तथा इस फिल्म के लिए रॉबर्ट डाउनी को ऑस्कर अवार्ड के लिए नामांकन मिला और इसके साथ ही रॉबर्ट डाउनी को बाफ़्टा पुरस्कार दिया गया।
  3. साल 2003 में रॉबर्ट डाउनी की ‘गोथिका’, ‘ए स्कैनर डार्कली’ जैसी फिल्म रिलीज हुई।
  4. साल 2008 में ‘आयरन मैन’ फिल्म के लिए रॉबर्ट डाउनी को टोनी स्टार्क के रूप में अभिनय करने का मौका मिला और ‘आयरन मैन’ फिल्म विश्व में 500 मिलियन डॉलर से भी अधिक कमाई की, तथा इस फिल्म के जरिए हॉलीवुड इंडस्ट्री में मार्वल मूविज की नींव पड़ी।
  5. इसके अगले साल ही रॉबर्ट डाउनी, जैक ब्लैक के साथ एक्शन तथा कॉमेडी से भरपूर फिल्म ‘ट्रापिक थंडर’ में दिखाई दिए तथा इस फिल्म में इनके किरदार को काफी सराहनीय मिली और सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के रूप में गोल्डन ग्लोब अवार्ड दिया गया।
  6. साल 2010 में रॉबर्ट डाउनी ‘आयरन मैन 2’ फिल्म में दिखाई दिए तथा इसके दो साल बाद रॉबर्ट डाउनी ‘द एवेंजर्स’ फिल्म में नजर आए, अलग-अलग ग्रहों से ताल्लुक रखने वाले तथा सुपर हीरो के मेल से बनी यह फिल्म सुपर डुपर हिट रही।
  7. ‘एवेंजर्स’ फिल्म के बाद डाउनी साल 2023 में ‘ओपेनहाइमर’ फिल्म में दिखाई दिए। क्रिस्टोफ़र नोलन द्वारा निर्देशित ‘ओपेनहाइमर’ फिल्म में रॉबर्ट डाउनी ने अपने आप को फिर से एक सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के रूप में साबित क़िए। इस फिल्म में इनके साथ रॉबर्ट डी नीरो, रयान गोसलिंग, मार्क रफ़ालो जैसे कई दिग्गज अभिनेता शामिल थे।

डाउनी की फ़िल्में (Robert Downey Movies)

रिलीज डेट फिल्म का नाम
1990चैपलिन
2005किस किस बैंग बैंग
2007थ्रिलर राशि
2008ट्रॉपिक थंडर
2008आयरन मैन
2009शर्लक होम्स
2010आयरन मैन 2
2018एवेंजर्स: इनफ़िनिटी वार
2019एवेंजर्स: एंडगेम
2023ओपेनहाइमर

डाउनी की फ़िल्में के पोस्टर – मार्वल सिनेमेटिक यूनिवर्स

आयरन मैन रॉबर्ट डाउनी जूनियर का जीवन परिचय, फ़िल्में, उम्र एवं परिवार (Robert Downey Jr)
आयरन मैन रॉबर्ट डाउनी जूनियर का जीवन परिचय, फ़िल्में, उम्र एवं परिवार (Robert Downey Jr)
आयरन मैन रॉबर्ट डाउनी जूनियर का जीवन परिचय, फ़िल्में, उम्र एवं परिवार (Robert Downey Jr)

डाउनी से जुड़ी रोचक बातें

  1. मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स में अपनी पहचान बनाने वाले रॉबर्ट डाउनी को आज पूरे विश्व में आयरन मैन के नाम से जाना जाता है।
  2. रॉबर्ट डाउनी एक बेहतरीन एक्टर होने के साथ-साथ कमाल के सिंगर भी है और इन्होंने अपने ही कई फ़िल्मों में गाना गाए है।
  3. साल 2008 में रॉबर्ट डाउनी का नाम टाइम पत्रिका के 100 की सूची में शामिल किया गया था।
  4. साल 2010 में रॉबर्ट डाउनी तथा इनकी पत्नी ने मिल कर ‘टीम डावनी’ नाम से टेलीविजन प्रोडक्शन कंपनी की स्थापना की, इस तरह रॉबर्ट डाउनी एक अभिनेता होने के साथ-साथ फिल्म निर्देशक भी है।
  5. ‘आयरन मैन’ फिल्म से रॉबर्ट डाउनी ने कई सफलतायें हासिल की। टोनी के रूप में डाउनी की यह फिल्म सुपर डुपर हिट रही तथा पूरी दुनिया में यह फिल्म ब्लॉक-बस्टर साबित हुई

डाउनी का इंस्टाग्राम (Robert Downey Instagram)

रॉबर्ट डाउनी फ़िल्मों में काम करने के अलावा सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते है तथा इनका इंस्टाग्राम पर robertdowneyjr नाम से प्रोफाइल बना हुआ है और इनके इस पेज पर 56 मिलियन से ज़्यादा फैन फ़ॉलोइंग है।

आयरन मैन रॉबर्ट डाउनी जूनियर का जीवन परिचय, फ़िल्में, उम्र एवं परिवार (Robert Downey Jr)

डाउनी का नेट वर्थ (Robert Downey Net Worth)

‘आयरन मैन’ फिल्म से पूरी दुनिया में पहचान बनाने वाले रॉबर्ट डाउनी हॉलीवुड में सबसे अधिक भुगतान पाने वाले अभिनेताओं में से एक है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ रॉबर्ट डाउनी का नेट वर्थ 300 मिलियन डॉलर है।

पुरस्कार एवं उपलब्धियाँ (Robert Downey Award)

  • साल 1992 में रॉबर्ट डाउनी को ‘चार्ली चैपलिन’ फिल्म के लिए बाफ़्टा अवार्ड दिया गया।
  • साल 2004 में रॉबर्ट डाउनी को गोल्डन ग्लोब अवार्ड दिया गया।
  • साल 2024 में ‘ओपेनहाइमर'(Oppenheimer) फिल्म के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर के रूप में ऑस्कर अवार्ड दिया गया।

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1-जाने जाह्नवी कपूर का जीवन परिचय, उम्र, नेट वर्थ, फिल्में एवं परिवार के बारे में। (2024)

2-फिल्म अभिनेता राम चरण की जीवनी, आनेवाली फ़िल्में, नेटवर्थ एवं परिवार।

3-फिल्म सरफिरा की कहानी, रिव्यू, एक्टिंग एवं कलाकारों के बारे में (Sarfira Movie Review in Hindi, 2024)

‘Sarfira’ Movie Review in Hindi, 2024 -जानें अक्षय कुमार की फिल्म सरफिरा की कहानी, रिव्यू, एक्टिंग एवं कलाकारों के बारे में

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'Sarfira' Movie Review in Hindi-जानें अक्षय कुमार की फिल्म सरफिरा की कहानी, रिव्यू, एक्टिंग एवं कलाकारों के बारे में

‘Sarfira’ Movie Review in Hindi-अक्षय कुमार की फिल्म सरफिरा की कहानी जीआर म्हात्रे के जीवन पर आधारित एक बायोपिक फिल्म है जिन्होंने हमारे देश में सबसे सस्ती एयर लाइन की शुरुआत की थी तथा इनका सपना आम आदमी को 1 रुपय में एयर लाइन यात्रा कराना था। अपने सपने तथा मक़सद को पूरा करने के लिए वीर कड़ी मेहनत करते हैं और कठिनाइयों से गुजरते हैं। यह फिल्म कभी न ख़त्म होने वाली जिजीविषा को दर्शाता है।

अक्षय कुमार की फिल्म सरफिरा रिव्यू- ‘Sarfira’ Movie Review in Hindi, 2024

यह फिल्म 12 जुलाई 2024 को सभी सिनेमा घरों में रिलीज हो चुकी है। सुधा कोंगरा के डायरेक्शन में बनी सरफिरा फिल्म में अक्षय कुमार तथा राधिका मदान लीड रोल में है और इस फिल्म में इनका नया अवतार देखने को मिल रहा है। वीर जगत्राथ म्हात्रे के जीवन पर आधारित सरफिरा फिल्म की कास्टिंग काफी शानदार है । फिल्म का संक्षिप्त परिचय इस प्रकार है-

फिल्मSarfira/सरफिरा-Dream so big, they call you crazy
निर्देशकसुधा कोंगरा
डायलॉग्सपूजा तोलानी
राइटरसतीश सुर्या
संगीत कारतनिष्क बगचि
स्टार कास्टअक्षय कुमार(वीर म्हात्रे), परेश रावल(बिजनेसमैन परेश गोस्वामी ), राधिका मदान(रानी), सीमा विश्वास
रिलीज डेट12 जुलाई 2024 (Friday)
फिल्म की अवधि2 घंटा 35 मिनट

क्या सरफिरा फिल्म साउथ ‘सोरारई पोटरु’ फिल्म का रिमेक है?

सरफिरा फिल्म साउथ ‘सोरारई पोटरु’ फिल्म का रिमेक ही है, जो ओटीटी अमेजन प्राइम में उपलब्ध है। इस फिल्म में तेलगू स्टार सूर्या, जी.आर. गोपीनाथ की भूमिका में थे। फिल्म की कहानी तमिलनाडु में था जबकि अक्षय कुमार वाली फिल्म मुंबई से जुड़ा हुआ। यह फिल्म बॉक्स ऑफ़िस पर सुपर डुपर हिट रही तथा इस फिल्म का निर्देशन सुधा कोंगरा ने की थी।

सरफिरा फिल्म के दौरान अक्षय कुमार अपने किरदार से लोगों का दिल जितने वाले है। इस फिल्म में अक्षय कुमार एक ऐसा एयरलाइन शुरू करने का सपना देखता है, जो सभी को सस्ती यात्रा करवा सके और अपने सपने को साकार करने के लिए दिन-रात एक कर देते है तथा पूरी जोश और जुनून के साथ अपने सपने को पूरा करने में लग जाते है।

सरफिरा फिल्म की कहानी: जानें अक्षय कुमार की फिल्म सरफिरा की कहानी (Sarfira Movie Review in Hindi, 2024)

सरफिरा फिल्म की शुरुआती सिन काफी रोमांचक तथा एक्साइटमेंट से भरा हुआ है। सरफिरा फिल्म वीर म्हात्रे(अक्षय कुमार) के जीवन पर आधारित है तथा वीर मुंबई के छोटे से गाँव में रहने वाला एक किसान का बेटा है जो क्रांतिकारी विचार वाला है। वीर बड़ा ही मन-मौजी टाइप का लड़का है तथा अपने पिता से इनकी बनती नहीं है।

वीर पढ़-लिख कर एयर फोर्स जॉइन करता है तथा एक दिन अचानक इनके पापा की तबीयत बिगड़ जाती है और हालात काफ़ी नाज़ुक हो जाता है जैसे ही वीर को यह बात पता चलता है तो वह अपने पापा से मिलने के लिए एयरपोर्ट पर फ़्लाइट का टिकट ख़रीदने के लिए जाता है और तब जाकर इन्हें पता चलता है की फ़्लाइट की टिकट काफी महँगी है। वीर के पास उतने पैसे नहीं होते है कि वह फ़्लाइट की टिकट ख़रीद पाए।

वीर म्हात्रे एयर लाइन में काम करने वाले लोगों से विनती करता है कि मुझे फ़्लाइट का टिकट दे दीजिए, मैं बाद में बाक़ी पैसे दे दूँगा और एयरपोर्ट पर मौजूद सभी लोगों से विनती करने लगता है। लेकिन कोई भी वीर की मदद करने नहीं आता है। तो इस तरह वीर घर नहीं पहुँच पाता है और आख़िरकार इनके पिता की मृत्यु हो जाती है।

'Sarfira' Movie Review in Hindi-जानें अक्षय कुमार की फिल्म सरफिरा की कहानी, रिव्यू, एक्टिंग एवं कलाकारों के बारे में

तो इसके बाद वीर यह प्रण लेता है कि वे एक ऐसी एयर लाइन की शुरुआत करेगा। जिसमें मिडिल क्लास वाले लोग तथा कम पैसे में भी हवाई का सफ़र कर सके। तो इस तरह वीर अपनी नौकरी छोड़ घर वापस आ जाता है और अपने सपनों की उड़ान भरने के लिए अपने दोस्तों की मदद लेता है और अपनी खुद की फ़्लाइट बनाने में जुट जाते है।

अपने सपने को पूरा करने में वीर दिन-रात मेहनत करने लगते है और इस तरह वीर की मुलाक़ात परेश गोस्वामी(परेश रावल) से होता है। परेश गोस्वामी एक बड़े बिजनेसमैन है और ये टॉप एयरलाइन की देख रेख करता है तथा परेश का मानना है कि प्लेन में ट्रेवल करने का अधिकार सिर्फ़ पैसे वालों को है। परेश एक अहंकारी व्यक्ति है और इनका मानना है कि निचला तथा मध्यम वर्गीय लोग फ़्लाइट में सफर नहीं कर सकते है और इस तरह परेश वीर के हर कामों में रुकावट पैदा करता है।

सरफिरा फिल्म में कलाकारों का अभिनय कैसा है?

सरफिरा फिल्म में अक्षय कुमार की एक्टिंग काफी दमदार है तथा इस फिल्म में अक्षय का किरदार समाज में लोगों की भलाई करना चाहता है। सरफिरा फिल्म में वीर दूसरों की सपनों की उड़ान भरने के लिए अपने सपने को त्यागता है तो इस तरह अक्षय का यह किरदार लोगों को काफी इमोशनल करने वाले है।

वीर म्हात्रे की पत्नी के रूप में रानी(राधिका मदान) एक स्वाभिमानी महिला का किरदार में नजर आती है और अपने पति का पूरा सपोर्ट करती हुई दिखाई देती है। सरफिरा फिल्म में इमोशनल सिन कूट-कूट कर भरा हुआ है तथा सरफिरा फिल्म के जरिए अक्षय कुमार और राधिका की जोड़ी दर्शकों को बेहद पसंद आ रही है क्योंकि ये दोनों पहली बार स्क्रीन शेयर करते हुए नजर आ रहे है।

एक अहंकारी बिजनेसमैन के रूप में परेश रावल का किरदार काफी कमाल है तथा कई दिनों बाद परेश रावल अपने अवतार में दिखने वाले है।

सरफिरा फिल्म का डायरेक्शन

सरफिरा फिल्म का डायरेक्टर सुधा कोंगरा जी है तथा यह एक बेहतरीन डायरेक्टर है और फिल्मी दुनिया में अपने 22 साल के करियर के दौरान सुधा ने दो नेशनल अवार्ड जीत चुके है। सुधा कोंगरा को तेलुगु में ‘सोरारई पोटरु’ फिल्म के लिए नेशनल अवार्ड दिया गया था और सरफिरा इस फिल्म का रिमेक है।

फिल्म का म्यूज़िक

सरफिरा फिल्म के गाने दर्शकों द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है और खास कर ‘खुदाया’ सोंग सभी का फेवरेट बन चुका है।सोशल मीडिया पर यह गाना काफी ट्रेंड पर है तथा यूट्यूब पर ‘खुदाया’ सोंग को 3.5 करोड़ से भी ज़्यादा बार देखा जा चुका है। इसके अलावा सरफिरा फिल्म में ‘chaawat’ सोंग है जो लोगों को काफी पसंद आ रहा है।

'Sarfira' Movie Review in Hindi-जानें अक्षय कुमार की फिल्म सरफिरा की कहानी, रिव्यू, एक्टिंग एवं कलाकारों के बारे में

सरफिरा फिल्म एक परफ़ेक्ट फ़ैमिली फिल्म है तथा अक्षय का यह परफ़ॉमेंस दर्शकों को बड़ी बेशब्री से इंतज़ार था। सरफिरा फिल्म लोगों को काफी पसंद आ रही है तथा इस वीकेंड आप अपनी पूरी फैमिली के साथ सरफिरा फिल्म का लुफ़्त उठा सकते है।अक्षय कुमार की सरफिरा एक शानदार फिल्म साबित होने वाली है क्योंकि सपने देखने तथा उसे पूरा करने में वीर दिन-रात एक कर देते है। ओवर ऑल आपको यह फिल्म ज़रूर देखनी चाहिए।

अन्य जानकारी –

1-जाने जाह्नवी कपूर का जीवन परिचय, उम्र, नेट वर्थ, फिल्में एवं परिवार के बारे में। (2024)

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गुरु रविदास का जीवन परिचय, जयंती, रचनाएँ एवं इतिहास।

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गुरु रविदास जी
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गुरु रविदास का जीवन परिचय-मध्यकालीन भक्तियुग की परंपरा में सर्वाधिक प्रसिद्ध संत शिरोमणि गुरु रविदास का नाम बड़े सम्मान एवं आदर के साथ लिया जाता है। भारत में गुरु रविदास कई नामों से प्रसिद्ध है जैसा कि रैदास, रईदास, रयदास, रामदास, रूद्र्दास, रूईदास आदि। प्रतिवर्ष रविदास जयंती पुए भारत में श्रद्धा एवं सम्मान के साथ मनाया जाता है।

गुरु रविदास का जीवन परिचय (Guru Ravidas Biography)

संत शिरोमणि गुरु रविदास भक्ति आंदोलन एवं मध्ययुग एक महान संत, कवि, समाज सुधारक, आम जनों के प्रिय एवं ऐसे व्यक्तित्व के स्वामी थे जिन्हें आज भारत सहित दुनिया भर में सतगुरु अथवा जगतगुरु रविदास महाराज के नाम से जाना जाता है। रविदास जी ने आम लोगों को यह संदेश दिया कि जात-पात एवं वर्णाश्रम व्यवस्था, समाज के हित में नहीं है। हम सभी को ईश्वर ने बनाया है। अतः सभी समान है।

संत रविदास के प्रमुख शिष्या का नाम कृष्ण भक्त मीराबाई है। कृष्ण भक्त मीराबाई ने बड़े आदर के साथ अपने पदों में इनका उल्लेख करते हैं:

‘रैदास संत मिलै मोही सतगुरु।‘ ‘मीरा ने गोविंद मिला जी गुरु मिलिया रैदास।‘

गुरु रविदास जयंती-गुरु रविदास का जीवन परिचय
नामरविदास
अन्य प्रचलित नामरैदास, रईदास, रयदास, रामदास, रूद्र्दास, रूईदास
जन्म1377 ई. 
जन्मस्थानउतर प्रदेश, बनारस, सीर गोबर्धनगाँव
पिता का  नामसंतोख दास उर्फ रग्घु
माता का नाम कर्मा देवी उर्फ कलसा
पत्नी का नामलोना
गुरु का नामस्वामी रामानन्द
भाषाराजस्थानी, ब्रज, पंजाबी, अवधि, फारसी, भोजपुरी
अवधि14वीं से 15वीं शताब्दी
शाखा एवं आंदोलनभक्ति आंदोलन में निर्गुण भक्ति एवं ज्ञानाश्रयी शाखा
जाति एवं पेशाचमार एवं पेशे से मोची
संप्रदाय रविदासिया संप्रदाय
प्रसिद्धि का कारणमहान संत, कवि, समाज सुधारक, रविदास ने अपने पदों एवं रचनाओं के माध्यम से समाज में जातिगत भेदभाव, ऊँच-नीच का भेदभाव मिटाया एवं ईश्वर भक्ति का मार्ग समाज के सभी वर्ग के सुलभ कर दिया।

इनके कुल 40 पद एवं 16 दोहे सिख समुदाय के पवित्र ग्रंथ गुरुग्रंथ साहिब में संकलित है।

रविदासिया सम्प्रदाय के प्रधान एवं प्रमुख
गुरु रविदास जयंती 202512 फरवरी 2025  (बुधवार)
मृत्युमृत्यु 1528 ईस्वी

गुरु रविदास का जन्म कब और कहाँ हुआ था?

संत रविदास का जन्म 1377 ई  (संवत् 1433) में माघ मास की पूर्णिमा के दिन माना जाता है। है। इनके जन्म के संबंध में रविदासिया संप्रदाय वालों का एक दोहा अत्यंत प्रचलित है :   

चौदह सौ तैंतीस की, माघ सुदी पंदरास।  दुखियों के कल्याण हित, प्रगटे श्री रविदास।।

यह भी प्रसिद्ध है कि इनका जन्म रविवार के दिन होने के कारण इनका नाम रविदास पड़ा। संत रविदास के जन्मस्थान के संबंध में भी साहित्य के विद्वानों में मतभेद है पर अधिकत्तर विद्वान इनका जन्मस्थान उतरप्रदेश के बनारस के आस-पास सीर गोबर्धनगाँव में ही मानते हैं।

गुरु रविदास के माता-पिता का क्या नाम था?

प्रचलित मान्यता के अनुसार संत रविदास के माता का नाम कर्मा देवी उर्फ कलसा था जिसे कहीं-कहीं धुरबानिया के नाम से भी जाना जाता ही तथा पिता का नाम संतोख दास उर्फ रग्घु था।

गुरु रविदास की पत्नी – लोना देवी के बारे में।

कहा जाता है कि संत रविदास बचपन से ही भक्त प्रवृति के थे एवं साधु संतों की संगति उन्हें प्रिय था जिसके कारण इनके माता –पिता ने बचपन में ही इनका विवाह लोना नामक लड़की से करा दिया था। यह भी कहा जाता है कि दलितों की एक जाति लोना को देवी की तरह पूजती है।  कहा जाता है कि वे जाति के चमार थे जिनका जिक्र वे अपनी रचनाओं में प्रायः किया करते थे:

“जाति ओछी पाती ओछा, ओछा जनम हमारा। राजा राम की सेव न कीनी, कहि रविदास चमारा॥” 

संत रविदास के गुरु कौन थे?

संत रविदास के गुरु स्वामी रामानंद थे, जो कि उतर भारत में भक्ति आंदोलन के जनक माने जाते हैं। इनके बारह प्रमुख शिष्य हैं जिसमें रविदास भी शामिल है-

अनंतांद, कबीर, सुखा, सुरसुरा, पद्मावति, नरहरि। पीपा, भवानंद, रैदास, धना, सेन, सुरसरी, की घरहरि ।।

संत रविदास की रचनाएँ:

इनके कुल 40 पद एवं 16 दोहे सिख समुदाय के पवित्र ग्रंथ गुरुग्रंथ साहिब में भी संकलित हैं। रविदास की रचनाओं का संकलन रविदास दर्शन नाम से किया गया जिसे पृथ्वी सिंह आज़ाद ने किया था ।

गुरु रविदास किसकी उपासना करते थे?

गुरु रविदास निर्गुण ब्रहम की उपासना करते थे। निर्गुण ब्रह्म से तात्पर्य उस ईश्वर से है जो तीनों गुणों अर्थात सत, रज एवं तम गुणों से ऊपर हो। उसका कोई रूप या आकार नहीं है। 

गुरु रविदास जी का इतिहास

भारतीय इतिहास में गुरु रविदास का जिक्र मध्यकालीन युग में भक्ति आंदोलन के तहत मिलता है। भारतीय इतिहास में भक्ति आन्दोलन विशेष एवं महत्वपूर्ण स्थान है। भक्ति आंदोलन की परंपरा को हम दो भागों में देख सकते है  – सगुण भक्ति धारा एवं निर्गुण भक्ति धारा।

निर्गुण भक्ति को कबीर, रविदास, दादू, गुरु नानक, नामदेव आदि संतों ने समृद्ध किया एवं जो ईश्वर के निर्गुण अथवा निराकार रूप की उपासना करते थे। जबकि सगुण भक्ति धारा के संत  ईश्वर के सगुण अथवा साकार रूप की उपासना करते थे जिसमें प्रमुख एवं प्रसिद्ध राम भक्त तुलसीदास जी का नाम शामिल है।

हम जानते है कि भक्ति आंदोलन के अधिकतर संत निम्न जाति एवं दलित जाति के थे। उस समय की बहूसंख्यक आबादी का हिस्सा इन्हीं निम्न जातियों से ही भरा था। एक ओर वर्णाश्रम व्यवस्था (राजा, पंडित, क्षत्रिय, शूद्र) के कारण आधिकांश जनता को वेदों, मंदिरों में पूजा पाठ के पठन से अलग कर दिया गया था। उस समय का समाज अंधविश्वासों एवं कुरीतियों से पूरी तरहा से जकड़ा हुआ था। यज्ञ के नाम पर चारों तरफ हिंसा एवं पाखंड हो रहा था।

दूसरी ओर देश में मुस्लिम शासकों का राज था जो हिन्दू मंदिर-मूर्तियों को तोड़े जा रहे थे। ऐसी निरशाजनक स्थिति में संत कवियों ने सभी को मनुष्यता का बोध कारया। भक्ति का द्वारा सभी के लिए खोल दिया एवं संदेश दिया कि मंदिर, मस्जिद , बाहरी पुजा विधान तीर्थाटन व्यर्थ है।

गुरु रविदास जी के दोहे

1- तत्कालीन परिस्थितियों में रविदास जी ने अपनी रचनाओं के माध्यम से  समाज में व्याप्त कुरुतियों का विरोध किया । सबके लिए निर्गुण ब्रह्म की उपासना का द्वारा खोल दिया। संत रविदास कहते है कि उस ईश्वर को हम अपने भीतर ही प्राप्त कर सकते है इसके लिए मंदिर मस्जिद जाने की आवश्यकता नहीं है।

बाहर खोजत का फिरह, घट भीतर ही होत।

2- रविदास के अनुसार दिखावे के लिए पूजा –अर्चना, वेशधरण, मूर्तिपूजा, कर्मकांड, आदि व्यर्थ है। ईश्वर उन्हीं को प्राप्त होते है जिनके मन में कोई मेल नहीं हो।

मन चंगा तो कठौती में गंगा।

उनका मनाना है कि सभी मनुष्य एवं जीव-जन्तु एक ही ईश्वर से उत्पन्न हुए है चाहे वह ब्राह्मण हो या शूद्र। इसीलिए सभी मनुष्य एक समान है।  

3-संत रविदास के अनुसार गुरू ईश्वर के समान है जो भक्तों में ज्ञान का दीपक जलाता और सही मार्ग की ओर ले जाता है।

‘गुरु ज्ञान दीपक दिया, बाती दई जलाई।‘

4-संत रविदास ने ईश्वर प्राप्ति तभी संभव है जब हम आपने आराध्य के प्रति समर्पण भाव रखें-

प्रभु जी तुम चंदन हम पानी, जाकी अंग -अंग बास समानी 

5-संत रविदास कहते है कि ईश्वर हमें सहज रूप में ही प्राप्त होते है, उसे बाहरी स्थानों मंदिर, तीर्थ स्थानों, पुजा-अर्चना से पाया नहीं जा सकता।

क-थकित भयो सब हालचाल ते, लोक न वेद बड़ाई। थकित भयो गायन अरू नाचन, थाकी सेवा पूजा।

ख-चलत-चलत मेरो मन थाक्यो, मो पै चल्यो न जाई। साँई सहज मिल्यो सोई सन्मुख, कह रैदास बताई।

6-उनकी सबसे बड़ी विशेषता थी कि वे जीवन में कर्म को प्रधानता देते थे न कि जात को

न्म जात मत पूछिए का जात अरू पात।  रविदास पूत सब प्रभु के नहीं जात कुजात ॥

गुरु रविदास जी भाषा शैली  : 

गुरु रविदास जी ने विभिन्न जन भाषाओं का प्रयोग किया है। इसमें  राजस्थानी, ब्रज, पंजाबी, अवधि, फारसी, भोजपुरी शामिल है।

संत रविदास मंदिर एवं गुरुद्वारा :

श्री गुरु रविदास जन्म स्थान मंदिर, गोवर्धनपुर, वाराणसी, उत्तर प्रदेश, में स्थित है, इसके अलावा बिहार, राजस्थान, पंजाब, हैदराबार-तेलंगाना, हरियाणा, उत्तराखंड, जम्मू एवं कश्मीर, आदि राज्यों में कई मंदिर एवं गुरुद्वारे हैं जहां उनके अनुयायी आरती एवं अर्चना करते हैं। 

भारत के अलावा विभीन देशो जैसे आस्ट्रेलिया-मेल्बर्न, यूके, स्कॉटलैंड, टोरइंटों, नीदरलैंड, कनाडा, न्यूजीलैंड, संयुक्त राज्य अमेरिका, इटली, स्पेन एवं फ्रांस जैसे देशों संत शिरोमणि रविदास जी के मंदिर एवं गुरुद्वारा स्थित  है। 

संत रविदास की प्रतिमा का अनावरण 

संत रविदास की प्रतिमा का अनावरण 23 फरवरी, 2024 को वाराणसी के मड़वाड़ी के गांव गोवर्धनपुर में स्थापित की गयी है। यह प्रतिमा 25 फीट ऊंची जो कि एक कांस्य प्रतिमा है। इस प्रतिमा का अनावरण उनकी 647वीं जयंती के अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया।  

गुरु रविदास का जीवन परिचय

कहा जा सकता है कि तत्कालीन निर्गुण संतों में रविदास अत्यंत प्रसिद्ध एवं अद्वितीय संत थे। उन्होंने भक्ति का मार्ग सभी के लिए खोल दिया। ईश्वर भक्ति में अपने आपको समर्पित करने के लिए रविदास ने सभी बाह्या विधानों का विरोध किया है। उन्होंने समाज में व्याप्त जाति-पाति, वर्णव्यवस्था, सांप्रदायिकता आदि का विरोध करते हुए समाज में सभी में सांप्रदायिक सद्भाव की भावना को पुष्ट किया।

समाज में मानवतावाद की स्थापना की। आज भारत सहित विश्व के कई देशों में उन्हें मानने वाले अनुयायी उन्हीं की शिक्षाओं पर चल रहे हैं। रविदास जी ने अपनी सोच के माध्यम से उस समय की जानता को एकजुट कर पाए। उनकी रचनाओं के केंद्र में मनुष्य की मनुष्यता है।

रोचक जानकारियाँ-

1-सुष्मिता सेन का जीवन परिचय, फिल्में एवं परिवार के बारे में (Sushmita Sen Biography in Hindi)

2-फिल्म अभिनेता राम चरण की जीवनी, आनेवाली फ़िल्में, नेटवर्थ एवं परिवार।

3-जानें भारत के राष्ट्रीय प्रतीक कौन – कौन से हैं? भारत के राष्ट्र गान, गीत, तिरंगा झंडा, पशु, पक्षी, फूल, खेल, पचांग एवं राष्ट्रीय मुद्रा जैसे राष्ट्रीय प्रतिकों की जानकारी। (Bharat ke Rashtriya Pratik)

4-Rajkummar Rao Biography : राजकुमार राव का जीवन परिचय, उम्र, नेटवर्थ, परिवार एवं फ़िल्में।

5- Sawan Shivratri 2024 : जानें सावन शिवरात्रि, सावन सोमवार व्रत कथा, धार्मिक महत्व, सावन पूर्णिमा तिथि के बारे में।

Lohri 2025 : जानें लोहड़ी क्यों मनाई जाती है, कथा, अर्थ, महत्व, निबंध, एवं सबकुछ।

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Lohri 2025 : जानें लोहड़ी क्यों मनाई जाती है, कथा, अर्थ, महत्व, निबंध, एवं सबकुछ।
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लोहड़ी पंजाब के सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है, नए साल की शुरुआत में सबसे पहला त्योहार लोहड़ी है तथा लोहड़ी पर्व हमारे भारत में फसल की बुआई और कटाई से जुड़ा हुआ है तथा इस दौरान रबी की फसल काटी जाती है और किसानों द्वारा ईश्वर को आभार व्यक्त किया जाता है। लोहड़ी जिसे लोहाड़ी तथा लाल लोई के नाम से भी जाना जाता है। जो मकर संक्राती से एक दिन पहले पंजाब में बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है।

लोहड़ी 2025 में कब है?

साल 2025 में लोहड़ी का त्योहार 13 जनवरी यानि सोमवार को मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार लोहड़ी का त्योहार पौष(जनवरी) माह के अंतिम रात को मनाया जाता है और इसके अगले दिन मकर संक्रांति के त्योहार की शुरुआत होती है।

2025 में लोहड़ी कब है?13 जनवरी दिन- सोमवार
लोहड़ी का त्योहार पौष(जनवरी) माह में
लोहड़ी का अन्य नामलाल लोई
लोहड़ी का त्योहार क़हाँ मनाया जाता है?पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश तथा जम्मू कश्मीर
लोहड़ी के दिन क्या करेलोहड़ी के दिन लकड़ी इकट्ठा कर अलाव जलाया जाता है और इस अलाव के चारों ओर बड़े पैमाने पर लोग इकट्ठा होते है।
लोहड़ी के दिन परन्मपरिक भोजनगुड़, तिल, मक्के की रोटी तथा सरसों का साग
मनाने का कारणलोहड़ी की कहानी माता सती की कथा, भगवान कृष्ण एवं वीर योद्धा दुल्ला भट्टी से जुड़ी है

मकर संक्रांति से एक दिन पहले लोहड़ी का त्योहार बड़े ही धूम-धाम तथा हर्षोंउल्लास के साथ मनाया जाता है। लोहड़ी के दिन पृथ्वी और सूर्य की दूरी सबसे अधिक होती है तथा यह पौष माह का अंतिम रात होता है इस दौरान लोहड़ी त्योहार में कड़कड़ाती ठंड पड़ती है।

तथा लोहड़ी के अगले दिन ही मकर संक्रांति का त्योहार होता है और इस दिन से रातें छोटी तथा दिन बड़े होने लगते है तो इस तरह लोहड़ी त्योहार के बाद वसंत ऋतु का आगमन होने लगता है।

लोहड़ी का अर्थ क्या है?

कमल हासन की फिल्म 'हिंदुस्तानी 2' कैसी है?

लोहड़ी तीन शब्दों से मिलकर ल+ओह+ड़ी यानि ल का अर्थ लकड़ी, ओह से उपले और ड़ी से रबड़ी का प्रतीक है। पौष माह के कड़कड़ाती ठंड से बचने के लिए लोग लोहड़ी में संध्या के समय लकड़ी तथा उपले इकट्ठा कर अलाव जलाते है और इस रात का आनंद उठाते हुए लोग भांगड़ा तथा रबड़ी से मुंह मीठा करते है।

लोहड़ी कहाँ मनाया जाता है?

पंजाब में लोहड़ी के त्योहार का विशेष महत्व है तथा लोहड़ी का त्योहार आने से कई दिन पहले ही लोग लोहड़ी का गीत गुनगुनाते है तथा यह गीत घर-घर जाकर गया जाता है और गीतों के दौरान दुल्ला भट्टी जैसे वीर शहीदों को याद किया जाता है। इस दौरान बड़े पैमाने पर लोग लकड़ी और उपले इकट्ठा करते है।

ढ़ोल-बाजे के साथ लोग नाचते-गाते तथा खुशी मनाते है तथा लोहड़ी के दिन लोग बधाई के रूप में एक-दूसरे को तिल के लड्डू, ड्राई फ़्रूट्स तथा मिठाई देते है और बड़े-बुजुर्ग का चरण छूकर आशीर्वाद लेते है।

Lohri 2025 : जानें लोहड़ी क्यों मनाई जाती है, कथा, अर्थ, महत्व, निबंध, एवं सबकुछ।
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लोहड़ी में अग्नि का महत्व:

लोहड़ी का त्योहार आने से कई दिन पहले ही लोग लकड़ी इकट्ठा करने लगते है। लोहड़ी के दिन संध्या के समय लोग अलाव जलाते है। और सभी लोग मिलकर लोहड़ी का पूजन करते है। नाचते-गाते हुए अग्नि के चारों ओर परिक्रमा करते है तथा इस दौरान आग में गुड़, मूँगफली, मक्के के दाने और तिल की आहुति देते है।

इस दौरान लोग एक-दूसरे से गले मिलते है और लोहड़ी की बधाई देते है। उसके बाद अग्नि के चारों ओर लोग इकट्ठा बैठ कर गजक तथा रवड़ी खाते है और इस कड़कड़ाती ठंड में लोग अपने परिवार के साथ इस त्योहार का लुफ्त उठाते है।

लोहड़ी से जुड़ी बातें एवं रीतिरिवाज :

  • लोहड़ी पंजाबी और हरियाणवी लोग बड़े ही उत्साह के साथ मनाते है तथा यह त्योहार सर्दियों के मौसम में बड़े ही उत्साह तथा धूम-धाम के साथ मनाया जाता है।
  • लोहड़ी का त्योहार संत कबीरदास जी की पत्नी लोई के याद के रूप में भी मनाया जाता है मान्यता है कि लोई के नाम पर ही इस पावन पर्व का नाम लोहड़ी पड़ा।
  • लोहड़ी का त्योहार नव विवाहित महिलाओं के लिए बेहद ही खास होता है क्योंकि इस दिन नए वर वधू को लोहड़ी की बधाई दी जाती है। खास कर नवजात बच्चों के लिए लोहड़ी का त्योहार का विशेष महत्व है इस दिन घर का सदस्य अपने शिशु के जन्म पर पहली लोहड़ी के रूप में उपहार तथा आशीर्वाद देते है।
  • लोहड़ी त्योहार के दौरान कई रंग-बिरंगी पतंगे उड़ाई जाती है और इस तरह आसमान काफी खूबसूरत तथा सौंदर्य दिखता है।
  • लोहड़ी का त्योहार आने से पहले लोग रबी की फसल काट कर ईश्वर को आहार व्यक्त करते है तथा रबी की फसल काटने के बाद लोग अपने खेतों में मूली तथा गन्ने की फसल की बुआई करते है इस तरह लोहड़ी का त्योहार ठंड की विदाई के रूप में भी मनाया जाता है।
  • लोहड़ी का त्योहार आने से पहले ही लोग लकड़ी इकट्ठा करने लगते है ताकि इस दिन अग्नि कुंड जलाया जाए। लोहड़ी त्योहार में संध्या के समय लोग एक साथ एकत्र होकर आग जलाते है और अपने परिवार के साथ लोग अग्नि का लुफ्त उठाते हुए काफी एंजॉय करते है।

लोहड़ी की कथा- लोहड़ी क्यों मनाई जाती है

लोहाड़ी से जुड़ी कई कथाएँ प्रचलित हैं। इसमें मुख्य रूप से लोहड़ी माता की कहानी है जो शिव भगवान की अर्धांगिनी माता सती की कथा से है। इसके साथ भगवान कृष्ण एवं वीर योद्धा दुल्ला भट्टी से भी जुड़ी है – लोहड़ी की कथा। यहाँ संक्षेप में सबका परिचय दिया गया है:-

लोहड़ी की कहानी : माता सती से जुड़ी है लोहड़ी का त्योहार

लोहड़ी का त्योहार माता सती से जुड़ी एक पौराणिक कथा है। माता सती के दहन की स्म्र्ति में इस दिन अग्नि जलाई जाती है। कथानुसार एक दिन राजा दक्ष ने अपने महल में महायज्ञ का आयोजन किया था तथा इस दौरान सभी देवी-देवताओं को आमंत्रित किया गया था, लेकिन राजा दक्ष अपनी पुत्री सती तथा भगवान शिव को इस यज्ञ के लिए आमंत्रित नही किए थे।

तो अपने पिता द्वारा आयोजित यज्ञ में जानें के लिए सती काफी उत्सुक थी और भगवान शिव ने भी सती को जाने की अनुमति दे दी। तो सती इस यज्ञ का हिस्सा बनी और अपने पति के लिए यज्ञ भाग न देख कर सती अपनी पिता (राजा दक्ष) से आपत्ति जताई। तो इस दौरान राजा दक्ष अपने जामाता (भगवान शिव) के बारे में अपमान जनक बातें कहने लगे और यह सुनकर सती यज्ञ की अग्नि में अपने आप को भस्म कर डाली।

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तो इस तरह लोहड़ी के इस खास मौक़े पर माता सती की आहुति पर अग्नि जलाई जाती है।

तो इस दौरान लोहड़ी के त्योहार पर लोग अपनी विवाहित बेटियों को घर पर भोजन के लिए आमंत्ररित करते है और अपनी बेटी तथा जामाता का मान सम्मान करते हुए भेंट के रूप में तोहफे दिए जाते है।

भगवान कृष्ण से जुड़ी लोहड़ी की कथा:

लोहड़ी त्योहार के नाम से जुड़ी एक कथा काफी प्रचलित है। द्वापर युग में लोग मकर संक्रांति का त्योहार मनाने के लिए तैयारियों में जुटे हुए थे तो इस दौरान राजा कंस ने भगवान कृष्ण का वध करने के लिए लोहिता नाम के एक राक्षस को भेजा था। लेकिन भगवान कृष्ण ने बड़ी आसानी से इस राक्षस का वध कर दिया और यह मान्यता है कि लोहिता नामक राक्षस का वध होने के कारण इस त्योहार का नाम लोहड़ी पड़ा।

दुल्ला भट्टी से जुड़ी लोहड़ी की कथा:

लोहड़ी से जुड़ी एक ओर एतिहासिक कथा प्रचलित है। कथानुसार मुगल शासन के समय दुल्ला भट्टी नाम का एक बहादुर योद्धा था और दुल्ला भट्टी लड़कियों के ऊपर बढ़ते जुल्म के खिलाफ कदम उठाया था। पौराणिक कथा के अनुसार सुंदर दास नाम का एक किसान था और किसान की दो बेटियाँ थी जिसका नाम सुंदरी और मुंदरी था।

इन दोनों लड़कियों से गंजीबार नाम का राजा शादी करना चाहता था लेकिन किसान को यह रिश्ता बिल्कुल पसंद नही था बलकी किसान अपनी बेटियों का विवाह अपने मन पसंद दूल्हे के साथ करवाना चाहता था।

इस तरह किसान अपनी व्यथा तथा दुःख दुल्ला भट्टी को सुनाई। दुल्ला भट्टी क्रोध में आकार गंजीबार के खेतों में आग लगा दी और इसके बाद दुल्ला भट्टी सुंदरी और मुंदरी का भाई बनकर उनकी शादी करवाई और दुल्ला ने खुद ही इन लड़कियों का कन्यादान किया और दुल्ला नें शगुन के रूप में उन दोनों को शक्कर उपहार में दिया तथा इस घटना के याद में ही लोहड़ी के दिन संध्या के समय आग जलाई जाती है।

लोहड़ी में विशेष पकवान:

भारत में लोहड़ी त्योहार के दौरान स्वादिष्ट व्यंजन तैयार किए जाते है। खासतौर पर पंजाब में सरसों का साग, मक्के की रोटी तथा खीर आदि परंपरिक भोजन बनाया जाता है। इसके अलावा इस दिन तिल के लड्डू, गजक, खीर तथा मूँगफली भी खाने का रिवाज है।

लोहड़ी का महत्व

  • देश के उत्तरी पूर्वी भाग में लोहड़ी की धूम सबसे अधिक रहती है। भौगोलिक परिस्थिति के अनुसार इस दिन वर्ष की सबसे लम्बी रात होती है और इसके अगले दिन से रात छोटी होनी लगती है तथा दिन बड़े होने लगते है इस तरह लोहड़ी का त्योहार प्रकृति में होने वाली परिवर्तन का प्रतीक है।
  • लोहड़ी का त्योहार किसानों के लिए काफी उल्लास से भरा होता है। तथा इस दौरान मौसम बड़ा ही सुहाना होता है और खेतों में अनाज की पैदावार अच्छी होती है इस तरह किसान अपने परिवार के साथ मिलकर लोहड़ी का त्योहार मनाते है।
  • लोहड़ी को फसलों की कटाई का उत्सव भी कहा जाता है तथा इस दौरान रबी की फसल काटी जाती है और सूर्य देव को आभार व्यक्त किया जाता है तथा लोहड़ी का त्योहार लंबे दिनों की शुरुआत के रूप में मनाया जाता है।

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Sawan Shivratri 2024 : जानें सावन शिवरात्रि, सावन सोमवार व्रत कथा, धार्मिक महत्व, सावन पूर्णिमा तिथि के बारे में।

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Sawan Shivratri 2024
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Sawan Shivratri 2024 : हिंदू धर्म में सावन के महीना का विशेष महत्व है तथा भोलेनाथ के भक्त बड़ी बेसब्री से सावन माह का इंतज़ार करते है। सावन का महीना भगवान शिव की पूजा एवं आराधना से जुड़ा हुआ है तथा इस महीने में भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है एवं भगवान भोलेनाथ अपने सभी भक्तों की मनोकामनायें पूर्ण करते है। साल 2024 में सावन माह की शुरुआत जुलाई के सोमवार से हो रही है।

सावन का महीना कैसा रहता है ?

सावन का महीना भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना माना जाता है तथा यह वह महीना है जब भगवान शिव धरती पर निवास करते है तथा इस साल सावन का महीना जुलाई से शुरू हो रहा है और इसकी समाप्ति अगस्त में है। सावन का महीना ग्रीष्म ऋतु के बाद आता है तथा इस दौरान सावन के महीने में बहुत बारिश होती है और मौसम बड़ा ही सुहावना हो जाता है। सावन का महीना आते ही पेड़-पौधे खिल जाते है तथा चारों तरफ़ हरियाली छा जाती है।

वर्ष 2024 में सावन की शिवरात्रि कब है? (Sawan Shivratri 2024 )

हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष का पांचवा महीना सावन का महीना होता है तथा ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार हर साल सावन का महीना जुलाई तथा अगस्त के बीच पड़ता है। एक वर्ष में कुल 12 शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है उनमें से एक शिवरात्रि सावन के महीने में आता है। सावन की शिवरात्रि सावन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है तथा इस दौरान भगवान शिव के मंदिरों में हज़ारों संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है।

साल 2024 में सावन का महीना 22 जुलाई से शुरू होने जा रही है और 19 अगस्त को सावन माह का अंतिम सोमवार है और इस तरह इस दिन सावन माह की समाप्ति होगी। इस बार सावन में कुल पाँच सोमवार आएंगे।

सावन पूर्णिमा की तिथिसावन मास का पूर्णिमा 19 अगस्त 2024
हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष का पांचवा महीना सावन
(जुलाई तथा अगस्त के बीच)
सावन माह की आरंभ तिथि22 जुलाई, 2024
सावन माह की समाप्ति तिथि19 अगस्त, 2024
सावन सोमवारी 2024सावन का पहला दिन तथा पहला सोमवार 22 जुलाई 2024 को है।
सावन का दूसरा सोमवार का व्रत 29 जुलाई को है।
सावन का तीसरा सोमवार का व्रत 05 अगस्त को है।
सावन का चौथा सोमवार का व्रत 12 अगस्त को है।
सावन का आखरी तथा पांचवा सोमवार का व्रत 19 अगस्त को है।

2024 में सावन पूर्णिमा कब है?

इस साल सावन मास का पूर्णिमा 19 अगस्त 2024 को है तथा इस दिन रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाता है जो भाई बहन के पवित्र रिश्तों का बंधन है।

Sawan Shivratri 2024 : जानें सावन शिवरात्रि, सावन सोमवार व्रत कथा, धार्मिक महत्व, सावन पूर्णिमा की आरंभ तिथि और समाप्ति तिथि के बारे में।
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सावन सोमवार व्रत कथा (Sawan somvar vrat katha)

पौराणिक कथाओं के अनुसार सावन के इस पावन माह पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु योग निद्रा में रहते है और इस तरह पूरे संसार का संचालन भगवान शिव द्वारा किया जाता है। हज़ारों वर्ष पूर्व सावन के महीने में समुद्र मंथन हुआ था और समुद्र मंथन के दौरान निकले विष को भगवान भोलेनाथ ने मानव कल्याण के लिए अकेले ही ग्रहण कर लिया था।

भगवान भोले विषपान करते हुए इस सृष्टि की रक्षा की और इस तरह भगवान शिव का कंठ नीला पड़ गया। विष की जलन को कम करने के लिए सभी देवी-देवता भगवान शिव के ऊपर जल डाले और इस तरह भगवान शिव का नाम नीलकंठ महादेव पड़ा।

सावन का महीना भगवान शिव का सबसे प्रिय माह कहा जाता है और मान्यता है कि सती के अपने जीवन त्यागने के कई हज़ारों वर्ष बाद माता पार्वती का जन्म हुआ और इस दौरान सावन के महीने में ही माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए काफी कठोर तपस्या की थी।

अपनी तपस्या के दौरान ही माता पार्वती ने भगवान शिव को प्रसन्न की थी तथा भगवान शिव ने पार्वती की मनोकामना पूरी कर उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया और इस तरह शिव और शक्ति का मिलन आरंभ हुआ।

मंगला गौरी व्रत

हिंदू पंचांग के अनुसार सावन के हर मंगलवार को मंगला गौरी का व्रत रखा जाता है तथा इस साल कुल चार मंगला गौरी का व्रत रखे जाएँगे। सावन के इस पावन महीने में पहला मंगला गौरी का व्रत 23 जुलाई को है।

सावन का सोमवार (Sawan Shivratri)

प्रत्येक वर्ष सावन में चार या पाँच सोमवार पड़ते है तथा हिंदू धर्म में सावन के महीने में पड़ने वाले सोमवार का विशेष महत्व होता है और मान्यता है कि सावन के सोमवार का व्रत रखने से भगवान भोले तथा माता पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है तथा सोमवारी पर्व को पूरी श्रद्धा भाव से करने पर भगवान शिव बेहद प्रसन्न होते है और अपनी भक्तों की सभी मनोकामनायें पूर्ण करते है।

सावन का सोमवार कुँवारी कन्याओं के लिए बेहद ही खास होता है तथा यह मान्यता है कि कुँवारी कन्याओं के लिए 16 सोमवार का व्रत करने से भगवान शिव जैसा जीवन साथी प्राप्त होता है।

  1. सावन का पहला दिन तथा पहला सोमवार 22 जुलाई 2024 को है।
  2. सावन का दूसरा सोमवार का व्रत 29 जुलाई को है।
  3. सावन का तीसरा सोमवार का व्रत 05 अगस्त को है।
  4. सावन का चौथा सोमवार का व्रत 12 अगस्त को है।
  5. सावन का आखरी तथा पांचवा सोमवार का व्रत 19 अगस्त को है।

सावन सोमवारी के पुजा में किन -किन सामग्री की आवश्यकता पड़ती है?

सावन के सभी सोमवार का विशेष महत्व होता है तथा इस दौरान व्रत रखने वाली सभी श्रद्धालुओं को विशेष सामग्री की आवश्यकता पड़ती है। जैसे

  • बेल पत्र,
  • धतूरा,
  • गंगा जल,
  • भांग,
  • कच्चा दूध,
  • चंदन,
  • जनेऊ,
  • तुलसी पत्ता,
  • कपूर,
  • रुई,
  • दही,
  • शुद्ध घी,
  • शहद,
  • लड्डू आदि।

सावन शिवरात्रि की पूजा कैसे करें ?

हिंदू धर्म में सावन के महीने को एक त्योहार के रूप में मनाया जाता है और इस तरह सावन के महीने में पड़ने वाले सभी सोमवार श्रद्धालुओं के लिए बेहद ही खास माना जाता है और मान्यता है कि सोमवारी के व्रत में की गई पूजा-पाठ से व्यक्ति को सुख की प्राप्ति होती है और सभी मनोकामनायें पूर्ण होती है।

सावन के इस खास महीने में भगवान शिव तथा माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इतना ही नहीं सावन के सभी सोमवार में भगवान शिव को जल तथा दूध से अभिषेक किया जाता है और सावन के इस पावन महीने में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए धतूरा तथा भांग अर्पित किया जाता है।

  • सोमवारी के दौरान सुबह जल्दी उठ कर स्नान करे तथा साफ और स्वच्छ कपड़े धारण करे।
  • घर के मंदिरो को साफ कर दीप तथा धूप बत्ती जलाए।
  • भगवान शिव को गंगा जल तथा दूध से अभिषेक करे और उसके बाद बेल पत्र, धतूरा, भांग तथा पुष्प अर्पित करे।
  • उसके बाद भगवान शिव को भोग चढ़ाए तथा घी का दीपक जलाते हुए भगवान शिव की आरती करे।
  • उसके बाद भगवान शिव की मंत्र का जाप करते हुए ध्यान करे।

सावन के महीने में क्या नही करना चाहिए?

  1. सावन के महीने में मास-मदिरा का उपयोग नहीं करना चाहिए तथा इस महीने में बैंगन का सेवन करना भी वर्जित माना जाता है।
  2. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सावन के महीने में शरीर पर तेल नहीं लगाना चाहिए तथा इस पावन महीने में बाल और दाढ़ी भी नहीं काटनी चाहिए।
  3. सावन के महीने में कांसे के बर्तन में खाना नहीं बनाना चाहिए तथा इस महीने में हमें अपने माता-पिता और गुरुओं का अनादार भी नहीं करना चाहिए।

सावन माह का धार्मिक महत्व

  • कहा जाता है कि जब भगवान शिव ने विष ग्रहण किए थे तो विष के एक घूँट से ही भगवान शिव का कंठ नीला पड़ गया था और सभी देवी-देवताओं ने विष के प्रभाव को कम करने के लिए भोले शंकर पर जल अर्पित किए और तब से शिवलिंग पर जल चढ़ाया जाने लगा।
  • हिंदू धर्म वाले लोगों के लिए सावन का महीना बेहद ही खास होता है तथा इस दौरान भगवान शिव के मंदिरों पर काफी भीड़ उमड़ती है और लोग इस खास महीनो में उपवास तथा व्रत रखते है तथा इस दौरान भगवान शिव के भक्तों द्वारा कांवड़ यात्रा की जाती है।
  • खास कर सावन के महीने में सोमवार का विशेष महत्व होता है तथा सावन के इस शुभ अवसर पर हमें शुद्ध तथा सात्विक भोजन ही ग्रहण करना चाहिए।
  • मान्यता है कि सावन के महीने में सोमवार का व्रत करने से भगवान शिव जल्द ही प्रसन्न होते है और सभी श्रद्धालुओं की मनोकामनायें पूर्ण होती है
  • सावन का महीना हिंदू धर्म में बेहद ही खास होता है क्योंकि इस दौरान सावन के महीने में नाग पंचमी, रक्षा बंधन तथा हरियाली तीज का त्योहार मनाया जाता है।
  • सावन का महीना किसानों के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इस दौरान किसान विभिन्न प्रकार की अनाज जैसे धान, ज्वार, बाजरा तथा सूरजमुखी की बुआई कर खेती करते है।
  • सावन का यह महीना मनुष्य, पशु-पक्षी तथा पूरे वातावरण में ख़ुशियाली का मौसम लेकर आता है।

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कल्कि 2898 फिल्म की समीक्षा, कहानी एवं कलाकारों के बारे में।(Kalki 2898 AD Review in Hindi)

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Kalki 2898 AD Review in Hindi: जानें कल्कि मूवी के बारे में।
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Kalki 2898 AD Review in Hindi- प्रभास की अपकमिंग फिल्म Kalki 2898 AD सिनेमा घरों में रिलीज हो चुकी है। नई दुनिया तथा साइंस फिक्शन पर आधारित कल्कि फिल्म एक्शन और टेक्नोलोजी से भरपूर है। कल्कि फिल्म के रिलीज से पहले ही टिकट की एडवांस बुकिंग शुरू हो गई थी। कल्कि फिल्म में साउथ के सुपर स्टार प्रभास लीड रोल प्ले करते हुए दिखाई दे रहे है इसके अलावा इस फिल्म में अमिताभ बच्चन, कमल हासन, दीपिका पादुकोण तथा दिशा पाटनी जैसे बड़े सितारे कल्कि फिल्म का हिस्सा है।

नाग अश्विन के डायरेक्शन में बनी फिल्म कल्कि दर्शकों को बेहद पसंद आ रही है। कल्कि फिल्म महाभारत जैसे महाकाव्य ग्रंथों पर आधारित है तथा ग्रंथों में यह बताया गया है कि जब कलियुग में कलि का आतंक बढ़ेगा तब भगवान विष्णु के आखरी तथा दसवें अवतार कल्कि का जन्म होगा।

डायरेक्टरनाग अश्विन
राइटरसी अश्विनी दत्त
कलाकारप्रभास, अमिताभ बच्चन, कमल हासन तथा दीपिका पादुकोण
संगीत कारसंतोष नारायण
फिल्म का बजट600 करोड़ रुपय
रिलीज डेट27 जून 2024

Kalki 2898 AD फिल्म साल 2024 की मोस्ट अवेटेड फ़िल्मों में से एक है। साइंस फिक्शन पर आधारित फ़िल्म दर्शकों को काफी पसंद आ रही है। भारतीय सिनेमा घरों में अब तक सबसे अधिक बजट पर बनाए जाने वाली फिल्म कल्कि है। एडवांस बुकिंग के तौर पर फिल्म ने 60 करोड़ रुपय की कमाई कर चुकी है इस तरह यह अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि कल्कि फिल्म 500 करोड़ रुपय की बजट पार करेगी।

IMDb रेटिंग:

8.2/10

Kalki 2898 AD Review in Hindi

कल्कि फिल्म के जरिए नाग अश्विन ने एक ऐसा यूनिक फिल्म तैयार की है जो अब तक के भारतीय सिनेमा घरों में ऐसा स्क्रिप्ट नहीं तैयार किया गया है। 600 करोड़ के बजट पर बनी यह फिल्म कल्कि पूरे 3 घंटे की फिल्म है। सिनेमैटोग्राफी तथा विजुअल पर आधारित कल्कि फिल्म के कई सारे पोस्टर रिलीज किए गए थे और अंत में 7 जून 2024 को कल्कि फिल्म का ट्रेलर रिलीज किया गया था तथा अब तक कल्कि फिल्म का ट्रेलर यूट्यूब पर चार करोड़ से भी ज़्यादा बार देखा जा चुका है।

Kalki 2898 AD Review in Hindi

कल्कि फिल्म की कहानी: Kalki 2898 AD Review in Hindi

  • कल्कि फिल्म की कहानी छः हज़ार साल पहले से शुरू होती है जिसके कारण इस फिल्म को एक नई तथा अद्धभूत लुक देना, मशीनरी बनाना तथा सेट तैयार करना सब कुछ अनोखा है। कल्कि फिल्म की शुरुआत महाभारत के बैकग्राउंड से होती है, जहां गुरु द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा(अमिताभ बच्चन), पांडव के आखरी वंश जो कि मृत अभिमन्यु की पत्नी उतरा के गर्भ में पल रहा था, को ब्रह्मास्त्र का प्रयोग कर मार डाला। इस पर श्रीकृष्ण ने अश्वत्थामा(अमिताभ बच्चन) को यह अभिशाप दिया कि वह अमर रहेगा पर कष्ट भोगते हुए।
  • श्री कृष्ण, अश्वत्थामा(अमिताभ बच्चन) को प्रायश्चित करने का एक मौका देते है कि भविष्य में भगवान कृष्ण के कल्कि अवतार की रक्षा करनी है और इस तरह कहानी 6 हज़ार साल आगे बढ़ जाती है और फिल्म की कहानी काशी शहर से शुरू होती है और काशी शहर पूरी तरह से रेगिस्तान बना होता है और इस देश को चलाने वाला सुप्रीम यास्किन, जो कलि की भूमिका निभाता (कमल हसन) है।
  • काशी में यास्किन का अपना खुद का तिकोनी बिल्डिंग है और इस बिल्डिंग में अपने आप को सबसे शक्तिशाली बनाने के लिए लड़कियों का गलत इस्तेमाल करता है और इस दौरान महिलाओं को क़ैद करके रखा जाता है एवं कई गलत प्रोसेस के जरिए लड़कियों को प्रेगनेंट किया जाता है।
  • इस तरह कलि को ऐसे महिला की तलाश होती है, जो प्रोसेस के जरिए हर एक प्रेगनेंट महिलाएँ 150 दिनों तक गर्भ धारण कर सके।
  • इसी तरह एक दिन अचानक कॉम्प्लेक्स में रहने वाली सुमति(दीपिका पादुकोण) नाम की एक लड़की प्रेगनेंट हो जाती है और यह प्रेगनेंसी 150 से ज़्यादा दिनों से थी पर वह अपने बच्चे को जीवित रखना चाहती थी, जब सुमति के भ्रूण से सीरम निकलाने के लिए उसे भी लैब में लाया जाता है, तो सुमति लैब से भाग निकलती है और रास्ते में सुमति की मुलाक़ात अश्वत्थामा से होती है। जहां बाद में अश्वत्थामा को यह पता चलता है कि सुमति के गर्भ में पल रहा यह बच्चा ही कृष्ण के अवतार के रूप में कल्कि है।
कमल हासन की फिल्म 'हिंदुस्तानी 2' कैसी है?

इसी बीच भैरवा(प्रभास) जो बाउंटी हंटर होता है और कलि के कॉम्प्लेक्स में पहुँच जाता है तथा कॉम्प्लेक्स में पहुँच कर भैरवा बुरे लोगों से दोस्ती करने लगता है। भैरवा कॉम्प्लेक्स में मौजूद सभी लोगों को यक़ीन दिलाता है कि वह जल्द ही सुमति को ढूँढ निकालेगा। भैरवा(प्रभास) ही महाभारत के सबसे वीर योद्धा कर्ण की भूमिका में है।

सुमति को ढ़ुढ़ने के लिए यासिकन की पूरी सेना तथा भैरवा निकल पड़ते है और इस दौरान सुमति के लिए अश्वत्थामा तथा भैरवा आपस में भिड़ जाते है और युद्ध शुरू हो जाता है।

अब आगे की कहानी आपको Kalki 2898 AD की पार्ट 2 में देखने को मिलेगी।

स्टार की एक्टिंग: Kalki 2898 AD Review in Hindi

वैसे तो कल्कि प्रभास की फिल्म मानी जाती है। लेकिन अमिताभ बच्चन इस फिल्म की जान और शान है। 81 साल के उम्र में भी अमिताभ जी ने कल्कि फिल्म के दौरान काफी कमाल का काम किया है तथा अश्वत्थामा के रूप में अमिताभ बच्चन का बॉडी ट्रांसफ़ोरमेशन दर्शकों को काफी पसंद आ रहा है।

कल्कि फिल्म में प्रभास की एक्शन काफी ज़बरदस्त है। फिल्म के फ़र्स्ट हाफ में प्रभास का मस्ती भरा अंदाज़ देखने को मिलता है, वहीं इस फिल्म के सेकेंड हाफ तथा आख़री 20 मिनट में प्रभास का एक्शन अवतार लोगों का दिल जीत लेता है और इस दौरान प्रभास तथा अमिताभ बच्चन के बीच एक्शन का अद्भुत सिकवेंस देखने को मिलता है।

कल्कि फिल्म में दिशा पाटनी का रोल काफी छोटा स है वहीं इस फिल्म में विलेन के किरदार में कमल हासन काफी अच्छा स्क्रीन प्ले निभाते हुए नजर आए।

कमल हासन की फिल्म 'हिंदुस्तानी 2' कैसी है?

कल्कि फिल्म का म्यूज़िक:Kalki 2898 AD Review in Hindi

कल्कि फिल्म का बैकग्राउंड म्यूज़िक काफी ज़बरदस्त है और इस फिल्म का सोंग ‘भैरव एंथम’ रिलीज कर दिया गया है। दिलजीत दोसांझ तथा दीपक ब्लू ने इस गाने में अपनी आवाज दी है। ‘भैरव एंथम’ सोंग में प्रभास तथा दिलजीत दोसांझ दोनों पंजाबी अवतार में काफी बेहतरीन डांस करते हुए नजर आ रहे है।

साल की सबसे बड़ी ओपनर फिल्म: Kalki 2898 AD Review in Hindi

साल 2024 में रिलीज हुई फिल्म कल्कि इस साल की सबसे बड़ी हिट तथा बंपर फिल्म साबित होने वाली है तथा पहले दिन ही कल्कि फिल्म ने 95 करोड़ रुपय से ओपनिंग की है। इस तरह कल्कि फिल्म इस साल की सबसे बड़ी ओपनर फिल्म साबित होगी।

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3-कपिल शर्मा का जीवन परिचय, फ़िल्में एवं शो के बारे में (Kapil Sharma Biography in Hindi)

कपिल शर्मा का जीवन परिचय, उम्र, परिवार, फ़िल्में एवं शो के बारे में (Kapil Sharma Biography in Hindi)

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कपिल शर्मा का जीवन परिचय, फ़िल्में एवं शो के बारे में (Kapil Sharma Biography in Hindi)

कपिल शर्मा का जीवन परिचय-‘कॉमेडी किंग’ कहलाने वाले कपिल शर्मा का नाम घर-घर में काफी पॉप्युलर है। कपिल शर्मा की पहचान मुख्यतः हास्य अभिनेता के रूप में होती है। उन्होने साल 2013 में कॉमेडी नाइट्स विद कपिल जैसे रियलिटी शो से लोकप्रियता हासिल की, जो अब तक बरकरार है। फोर्ब्स इंडिया पत्रिका में उन्हें 100 प्रसिद्ध व्यक्तियों की श्रेणी में रखा गया था। अपने अभिनय के अलावा कपिल भारत में अपने सहयोग के लिए साल 2015 से ‘स्वच्छ भारत’ अभियान से जुड़े हुए है।

कपिल शर्मा का जीवन परिचय (Kapil Sharma Biography in Hindi)

कपिल शर्मा का जन्म 2 अप्रैल 1981 को अमृतसर में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ तथा कपिल को बचपन से ही संगीत का काफी शौक था तथा एक संगीतकार के रूप में उनकी यह रुचि अभी भी ‘द कपिल शर्मा शो’ में देखने को मिलती है। कपिल एक हास्य अभिनेता के अलावा कई टीवी शो में एंकर के रूप में मेजबानी की है।

नामकपिल शर्मा
निक नेमकप्पू और टोनी
जन्म2 अप्रैल 1981
जन्म स्थानअमृतसर, पंजाब
व्यवसायहास्य अभिनेता, गायक, एक्टर
राष्ट्रीयताभारतीय
राशिमेष
गृहनगरपंजाब
शैक्षणिक योग्यताग्रेजुएशन में स्नातक की डिग्री हासिल
फिल्म डेब्युकिस किसको प्यार करू(2015),
hobbiesसंगीत गाना और मस्ती करना
नेट वर्थअनुमानित 330 करोड़ रुपय

कपिल कितने पढ़े-लिखे है? (Kapil Sharma Qualification)

कपिल शर्मा अपनी स्कूली शिक्षा श्री राम आश्रम पब्लिक स्कूल से पूरी की तथा आगे की पढ़ाई के लिए इन्होंने पंजाब के अमृतसर के हिन्दू कॉलेज से 12वीं कक्षा पास की और एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स से ग्रेजुएशन में स्नातक की डिग्री हासिल की है. 

कपिल शर्मा का उम्र (Kapil Sharma age):

साल 2024 में कपिल शर्मा का वर्तमान उम्र 43 वर्ष है।

कपिल शर्मा का लुक:

लम्बाई5’9″
वजन70 किलो
आँखो का रंगकाला
बालों का रंगकाला
शारीरिक संरचनाचेस्ट- 40
कमर- 34
बाइसेप्स- 12

कपिल शर्मा का परिवार (Kapil Sharma Family):

कपिल के पिता का नाम जीतेंद्र कुमार पुंज है जो पंजाब में पुलिस हेड कांस्टेबल के रूप में तैनात थे तथा कैंसर से ग्रस्त होने के कारण साल 2004 में इनके पिता की मृत्यु हो गई तथा पिता की मृत्यु के बाद कपिल को आर्थिक दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा, जिसके कारण कपिल को मज़दूरी भी करनी पड़ी।

कपिल की  माँ का नाम रानी शर्मा है जो एक गृहणी है. कपिल शर्मा का एक बड़ा भाई है तथा भाई का नाम अशोक कुमार शर्मा है और अशोक पंजाब में पुलिस की नौकरी करते है इसके अलावा कपिल का एक बहन भी है तथा बहन का नाम पूजा शर्मा है. 

पिताजीतेंद्र कुमार पुंज
मातारानी शर्मा
भाईअशोक कुमार शर्मा
बहनपूजा शर्मा
पत्नीगिन्नी चतरथ
बच्चेबेटी- अनायरा शर्मा
बेटा- त्रिशान शर्मा

कपिल शर्मा की पत्नी का नाम क्या है? (Kapil Sharma Wife)

कपिल शर्मा की पत्नी का नाम गिन्नी चतरथ है। 12 दिसंबर 2018 को कपिल ने गिन्नी से शादी की तथा शादी का यह समारोह पंजाब के जालंधर में रखा गया था. 2024 में गिन्नी का उम्र 35 वर्ष है तथा गिन्नी MBA की पढ़ाई की हुई है. सोशल मीडिया तथा इंस्टाग्राम पर गिन्नी काफी एक्टिव रहती है और अपने इंस्टाग्राम पेज पर गिन्नी अपने पति कपिल शर्मा और बच्चों के साथ फोटो शेयर करती रहती है।

कपिल शर्मा के बच्चे (Kapil Sharma Children):

10 दिसंबर 2019 को गिन्नी ने एक बेटी को जन्म दी तथा इनकी बेटी का नाम अनायरा शर्मा है। अनायरा दिखने में काफी क्यूट तथा खूबसूरत है और अनायरा अपने पापा से काफी प्यार करती है और अक्सर कपिल अपनी बेटी अनायरा को लेकर अवार्ड शो में शामिल होते है।

कपिल शर्मा का जीवन परिचय
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फरवरी 2021 को कपिल के घर एक बेटे का जन्म हुआ तथा कपिल के बेटे का नाम त्रिशान शर्मा है. वर्तमान में त्रिशान का उम्र 3 वर्ष है। अनायरा और त्रिशान दोनो अपने घर पर काफी मौज-मस्ती करते हुए नजर आते है।

कपिल शर्मा का कॉमेडी करियर

कपिल शर्मा ने अपने करियर की शुरुआत साल 2007 में एक स्टैंड अप कॉमेडियन के रूप में शुरुआत की थी तथा इस दौरान कपिल ‘द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज’ जैसे रियलिटी शो में हिस्सा लिया था और इस लाफ्टर शो में कपिल की जीत हुई तथा  विनर के रूप में कपिल को 10 लाख रुपय का इनाम मिला था।

उसके बाद कपिल सोनी टीवी पर प्रसारित शो ‘कॉमेडी सर्कस’ में हिस्सा लिया और इस शो के कई सीजन कपिल ही जीते थे।

कपिल शर्मा की फिल्में (Kapil Sharma Films)

कपिल शर्मा की फिल्में
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  • साल 2015 में अब्बास-मस्तान के निर्देशन में बनी फिल्म ‘किस किसको प्यार करू’ फिल्म से बॉलीवुड इंडस्ट्री में कदम रखे थे। शिव राम किशन के मुख्य किरदार के रूप में कपिल शर्मा की यह फिल्म कॉमेडी से भरपूर थी और इस फिल्म में कपिल का किरदार एक पति के रूप में था जिसकी तीन पत्नियाँ थी।  ‘किस किसको प्यार करू’ फिल्म दर्शकों द्वारा काफी पसंद की गई थी।
  • साल 2017 में कपिल शर्मा की दूसरी फिल्म ‘फिरंगी’ आई. ब्रिटिश सेना के किरदार के रूप में कपिल अहम भूमिका निभाये तथा कपिल शर्मा की यह फिल्म लोगों को कुछ खास नही लगी.
कपिल शर्मा की फिल्में
  • इसके अलावा वर्ष 2024 में आयी ‘Crew’ फिल्म में कपिल शर्मा एक विशेष कैमियो का रोल किए।

कॉमेडी नाइट्स विद कपिल:

साल 2013 में कपिल ने अपनी खुद की प्रोडक्शन हाउस K9 की शुरुआत की थी तथा इसी प्रोडक्शन हाउस से इन्होंने अपना पहला तथा खुद का कॉमेडी शो लॉन्च किया था. साल 2013 से 2016 तक कलर्स चैनल पर प्रसारित होने वाला यह शो दर्शकों ने काफी पसंद किया था.

‘कॉमेडी नाइट्स विद कपिल’ शो के दौरान भारतीय टेलीविजन के एक्टर तथा एक्ट्रेस अपनी फिल्म की प्रमोशन के लिए आते थे और इस दौरान कपिल उन कलाकार का इंटरव्यू लेते थे तथा इंटरव्यू के दौरान कपिल और उनके टीम लोगों को काफी हसांते थे. कपिल का यह यह शो पॉपुलैरिटी के सारे रिकोर्ड हासिल कर चुके है और ‘कॉमेडी नाइट्स विद कपिल’ शो के ज़रिए कपिल एक स्टार के रूप में उभरे।

द कपिल शर्मा शो 

कॉमेडी नाइट्स विद कपिल:
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साल 2016 में कपिल ने सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन पर ‘द कपिल शर्मा शो’ की शुरुआत की तथा इन शो के जरिये कपिल ने लोगो को बहुत हंसाया तो इस तरह कपिल के फैन सिर्फ भारत में ही नही बल्कि विदेशों में भी बढ़ती गई। नवजोत सिंह सिद्धू इस शो के जज के रूप में अतिथि थे। ‘द कपिल शर्मा शो’ के जरिये कपिल ने ऑडियंस को काफी एंटरटेन किए।

द ग्रेट इंडियन कपिल शर्मा शो  

कपिल शर्मा का यह शो ओटीटी पर रिलीज किया गया है। नेट फ़िलिक्स पर ‘द ग्रेट इंडियन कपिल शर्मा शो’ की शुरुआत 30 मार्च 2024 को हुई थी। शो के पहले दिन मेहमान के तौर पर रणबीर कपूर, नीतू कपूर तथा रिद्धिमा कपूर पहुँचे थे तथा इस दौरान कपिल, रणबीर का इंटरव्यू लेते हुए काफी मौज-मस्ती किए थे।

कपिल शर्मा की पसंद (Kapil Sharma Like):

मनपसंद खानाराजमा-चावल
मनपसंद अभिनेताअक्षय कुमार
मनपसंद अभिनेत्रीदीपिका पादुकोण
मनपसंद स्थानलंदन
मनपसंद म्यूज़िशियनगुरदास मान
मनपसंद कॉमेडियनगुरप्रीत घुग्गी

कपिल शर्मा से जुड़ी रोचक बातें:

  • कपिल शर्मा का शुरुआती समय बहुत ही संघर्ष भरा रहा। मध्य वर्गीय परिवार से तालुख रखने के कारण कपिल को कपड़े की दुकान में मज़दूरी करने पड़ी और मात्र 500 रुपय से अपने करियर की शुरुआत करने वाले कपिल अपने जीवन में काफी मेहनत और स्ट्रगल किए।
  • कपिल को बचपन से ही सिंगिंग का काफी शौक था तथा अपने पढ़ाई के दौरान और कॉलेज में कपिल गाना गया करते थे। इसके अलावा कपिल खाने के बेहद शौक़ीन है तथा इनका मन पसंद खाना राजमा-चावल, आलू पराठा तथा छोले-भटूरे है।
  • कपिल भारतीय हास्य अभिनेता में से एक है। कपिल कॉलेज में अपनी पढ़ाई के दौरान अपनी हरकतों तथा बड़े स्टार की मिमिक्री कर छात्रों को हंसाया करते थे।
  • ‘द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज’ शो में कपिल को विनर के रूप में मिले 10 लाख रुपय से इन्होंने अपनी बहन की धूम-धाम से शादी की थी।
  • साल 2016 में फोर्ब्स इंडिया सेलेब्रिटी में कपिल का नाम 100 सूची में 11 वें स्थान पर था. 
  • कपिल शर्मा ने कई शो की मेजबानी भी की है। 60 वां तथा 61 वां फिल्म फेयर अवार्ड का होस्ट कपिल ने करण जौहर के साथ एंकरिंग की।
  • ‘कॉमेडी नाइट्स विद कपिल’ जैसे लोकप्रिय शो के लिए कपिल शर्मा का नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है. 

कपिल शर्मा का घर (Kapil Sharma House):

कपिल मुंबई के अंधेरी वेस्ट में एक आलीशान घर में रहते है तथा इस घर में कपिल अपनी माँ, पत्नी तथा बच्चों के साथ रहते है। कपिल के घर का लिविंग एरिया काफी बड़ा है तथा खास कर कपिल के घर की बालकनी काफी खूबसूरत है तथा इनकी घर की कीमत 15 करोड़ रुपय है,

इसके अलावा कपिल का पंजाब में एक आलीशान फार्म हाउस है तथा यह फार्म हाउस हरे भरे बगीचों और हरियाली से भरपूर है। और मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ कपिल के इस फार्म हाउस की कीमत 25 करोड़ रुपय है।

कपिल शर्मा का इंस्टाग्राम (Kapil Sharma Instagram):

कपिल शर्मा सोशल मीडिया के जरिए काफी एक्टिव रहते है तथा ये अपने इंस्टाग्राम पेज पर अपने परिवार तथा बच्चों के साथ फ़ोटो शेयर करते रहते है और इनके एक पोस्ट पर काफी सारे लाइक्स तथा व्यूज होते है और इतना ही नहीं कपिल शर्मा का इंस्टाग्राम पेज पर 46 मिलियन से ज़्यादा फ़ॉलोअर्स है।

कपिल शर्मा का नेट वर्थ (Kapil Sharma Net Worth):

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ कपिल शर्मा का नेट वर्थ 330 करोड़ रुपय है तथा इन सब के अलावा कपिल को गाड़ियों का काफी शौक है। कपिल के पास 1 करोड़ रुपय की मर्सिडीज़ कार है तथा 60 लाख रुपय का रेंज रोवर कार है और लगभग 5 करोड़ रुपय का इनका खुद का पर्सनल वैनिटी वैन है।

कपिल शर्मा को मिले अवार्डस

  • साल 2012 में कपिल शर्मा को बेस्ट कॉमेडी एक्टर के रूप में ‘इंटरनेशनल टेलीविज़न अकादमी’ पुरस्कार से नवाजा गया।
  • साल 2014 में कपिल को पीपुल्स च्वाइस अवार्ड्स से सम्मानित किया गया. इसके अलावा कपिल को इसी वर्ष स्टार गिल्ड अवार्ड से सम्मानित किया गया।
  • ‘कॉमेडी नाइट्स विद कपिल’ शो के लिए कपिल शर्मा को बिग स्टार एंटरटेनमेंट अवार्ड मिला
  • साल 2019 में कपिल शर्मा को ‘गोल्ड अवार्डस’ से नवाजा गया।

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जन्माष्टमी पर निबंध, भाषण, तिथि, व्रत कथा, पूजा विधि, भजन, जन्माष्टमी बधाई संदेश (Janmashtami 2024)

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जन्माष्टमी पर निबंध : जन्माष्टमी 2024 की तिथि, व्रत कथा, भजन, जन्माष्टमी बधाई संदेश (Janmashtami)

जन्माष्टमी पर निबंध- मान्यता है कि भाद्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जगत के पालन हार भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था इसीलिए इस दिन प्रति वर्ष कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। जन्माष्टमी को गोकुलाष्टमी और कृष्णाष्टमी भी कहा जाता है। खास कर यह त्योहार वृन्दावन में बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है।

जन्माष्टमी पर्व दुनिया के सबसे व्यापक रूप से मनाए जाने वाले आध्यात्मिक त्योहारों में से एक है। इस साल 2024 में जन्माष्टमी का त्योहार 26 अगस्त को मनाया जाएगा।

जन्माष्टमी पर निबंध- जन्माष्टमी 2024 में कब है?

भाद्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। साल 2024 में जन्माष्टमी का त्योहार 26 अगस्त (सोमवार) को मनाया जाएगा। 

जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त:

जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा संध्या के बाद की जाती है तथा साल 2024 में जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त 26 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 40 मिनट पर शुरू होगी तथा इसके अगले दिन 27 अगस्त को रात 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगी।

वर्ष जन्माष्टमी पर्व
20236 सितंबर, दिन- शुक्रवार
202426 अगस्त, दिन- सोमवार
202515 अगस्त, दिन- शुक्रवार
20264 सितंबर, दिन- शुक्रवार

जन्माष्टमी व्रत कथा (Story)

हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान श्री कृष्ण का जन्म राजा कंस को संहार करने के लिए भाद्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि में मध्यरात्रि को मथुरा में देवकी और वासुदेव के घर हुआ था। राजा कंस जो देवकी का भाई था अर्थात् कृष्ण का मामा थे। भविष्यवाणी के दौरान कंस को यह बताया गया था कि राजा कंस कि मृत्यु देवकी के आठवें पुत्र द्वारा होगी तो यह सुन कर राजा कंस ने अपनी बहन और उसके पति को जेल में बंद कर दिया था।

तो इस दौरान जब देवकी अपने बच्चों को जन्म दे रही थी तो कंस उन बच्चों को मार देता। जब देवकी अपने आठवें पुत्र कृष्ण को जन्म देती है तो पूरा महल गहरी नींद में सोया होता है। उसी रात घनघोर बारिश में, वासुदेव ने शेषनाग (नागों के राजा) की मदद से यमुना नदी पार कर कृष्ण को सुरक्षित रूप से एक टोकरी में कर वृन्दावन के नन्द और यशोदा के घर जाकर छोड़ देते है।

जन्माष्टमी पर निबंध, भाषण, तिथि, व्रत कथा, निबंध, भजन, जन्माष्टमी बधाई संदेश (Janmashtami)
शेषनाग (नागों के राजा) की मदद से कृष्ण को ले जाते हुए वासुदेव -पौराणिक एवं काल्पनिक चित्र (फ़ेसबुक चित्र )

इस दिन भाद्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान विष्णु के रूप में जगत के पालनहार भगवान श्री कृष्ण का जन्म होता है और तभी से इस दिन कृष्ण के जन्मदिवस पर जन्माष्टमी की पूजा की जाने लगी।

हिन्दी पौराणिक मान्यताओं के अनुसार राधा और कृष्ण का प्रेम अमर है और इनकी प्रेम कहानी अलौकिक है। राधा की मुलाक़ात भगवान श्री कृष्ण से उस समय हुई थी जब माता यशोधा ने कृष्ण को आँगन में ओखल से बांध दी थी। इस तरह इन दोनों की मुलाक़ात जन्म-जन्म के बंधन का रिश्ता बन गया था। कहा जाता है कि भगवान श्री कृष्ण को दो चीजें काफी प्रिय थी पहली तो उनकी बांसुरी और दूसरी राधा।

मथुरा वृंदावन में जन्माष्टमी कब मनाई जाएगी- वृंदावन में जन्माष्टमी की पूजा:

वृंदावन में जन्माष्टमी का त्योहार बड़े ही उत्साह तथा धूम-धाम के साथ मनाया जाता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यमुना नदी के तट पर स्थित वृंदावन वह पवित्र शहर है जहाँ भगवान कृष्ण अपना बचपन तथा राधा के साथ समय बिताएँ थे। भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्री कृष्ण का जन्म देवकी और वासुदेव के पुत्र के रूप में हुआ तो इस तरह भगवान कृष्ण को मुरलीधर भी कहा जाता है। भगवान श्री कृष्ण का सौंदर्य सबको मोह लेने वाली है तथा इनके घुंघराले बाल, सिर पर मोर पंख, गले में बैजयंती माला और हाथों में बांसुरी लिए भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा काफी सुशोभित प्रतीत होता है।

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जन्माष्टमी के दिन दुनिया भर के लोग वृंदावन में भगवान कृष्ण की प्रतिमा को देखने के लिए आते है तथा इस दिन भगवान श्री कृष्ण की बाल रूप अर्थात् लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है और 56 व्यंजनों का भोग चढ़ाया जाता है। तो इस दौरान जन्माष्टमी के अवसर पर वृंदावन में 10 दिन पहले ही भव्य मेला का आयोजन किया जाता है और इसी दिन शाम को कई कलाकारों द्वारा भगवान कृष्ण के जीवन पर आधारित नाटक समारोह का मेला दिखाया जाता है। वृंदावन में स्थित इस्कॉन मंदिर भगवान कृष्ण की प्रतिमा के लिए विश्व विख्यात है।

जन्माष्टमी की पूजा सामग्री

जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा को भव्य रूप से सजाया जाता है। खास कर इनकी प्रतिमा को कई आभूषण, माथे पर तिलक तथा मोर पंख लगाया जाता है और भगवान कृष्ण का सबसे प्रिय बासुरी तथा इनके लिए झूला तैयार किया जाता है।जन्माष्टमी के दिन कई जगहों पर भव्य नाटकों का आयोजन किया जाता है और इन नाटक के दौरान भगवान कृष्ण के लीलाओं तथा गाथाओं को प्रस्तुत किया जाता है।

जन्माष्टमी के दिन अपने घर के पूजा मंदिर को साफ करें। पूजा स्थल को फूलों, रंगोली और रोशनी से सजाएँ। अगर आपके पास बाल कृष्ण (बाल गोपाल) की मूर्ति या तस्वीर है, तो उसे साफ करें और उसे नए कपड़े पहनाएँ एवं पूजा की थाली में निम्नलिखित चीज़ें रखें:

  • कुमकुम (सिंदूर) और हल्दी
  • चंदन (चंदन का पेस्ट)
  • फूल और माला
  • अगरबत्ती और दीया (तेल का दीपक)
  • पान के पत्ते और मेवे
  • पंचामृत (दूध, दही, शहद, चीनी और घी का मिश्रण)
  • मिठाई (लड्डू, मक्खन और दही)
  • फल
  • पवित्र जल (गंगा जल)

जन्माष्टमी की पूजन विधि: जन्माष्टमी की पूजा कैसे करें?

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उपवास रखना –

आमतौर पर जन्माष्टमी में उपवास किया जाता हैं। कुछ लोग निर्जला उपवास रखते हैं, जबकि अन्य फल और दूध का सेवन करते हैं। भक्ति और समर्पण के साथ पूजा शुरू करें।

कृष्ण प्रतिमा तैयार करना –

जन्माष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठ कर स्नान करे तथा साफ और नए वस्त्र धारण कर पूजा की तैयारी करे। भगवान कृष्ण की प्रतिमा को गंगा जल तथा कच्चे दूध से अभिषेक करे और अब उसके बाद कान्हा का पालना सजाए। लड्डू गोपाल को साफ वस्त्र पहना कर माथे पर मोर पंख और फूलो की माला अर्पित करे। दीया और अगरबत्ती जलाकर भगवान के सामने रखें।

भोग तैयार करना –

भगवान श्री कृष्ण को माखन बहुत पसंद है तथा जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण को माखन का भोग लगाए और उसके बाद भगवान कृष्ण को कपूर से आरती करते हुए आरती गाएँ। “ओम जय जगदीश हरे”

प्रार्थना एवं मंत्र पढ़ना –

उसके बाद भगवान कृष्ण को पालकी में बैठा कर झूला झुलाएं तथा भगवान कृष्ण के सामने हाथ जोड़ कर भगवान कृष्ण की स्तुति करते हुए मंत्र और श्लोक पढ़ें। जैसे -“हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे”

व्रत तोड़ना-

चूँकि कृष्ण का जन्म मध्यरात्रि में हुआ था, इसलिए इस समय उत्सव चरम सीमा पर होता है। भक्ति गीत गाएँ, आरती करें और खुशी मनाएँ। मध्यरात्रि की पूजा और उत्सव के बाद, आप प्रसाद (मिठाई और फल) खाकर अपना व्रत तोड़ सकते हैं।

जन्माष्टमी पर दही हांडी

जन्माष्टमी त्योहार के दौरान दही हांडी का विशेष महत्व होता है। सभी जानते हैं कि बचपन में कृष्ण अत्यंत ही शरारती थे, खासकर गोकुल के घरों से मक्खन चुराने के लिए। गोपियों के लाख उपाय करने के बावजूद भी कृष्ण और उनके दोस्त, मक्खन पाने का तरीका ढूंढ लेते थे। इस घटना को जन्माष्टमी के दौरान दही हांडी कार्यक्रमों के रूप में मनाया जाता है, जहाँ लोग हवा में लटके दही के बर्तनों को तोड़ने के लिए पिरामिड बनाते हैं।

साल 2024 में दही हांडी 27 अगस्त यानि मंगलवार को मनाया जाएगा। महाराष्ट्र में दही हांडी का त्योहार बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। दही हांडी के रूप में मिट्टी का एक बर्तन होता है जो माखन से भरा होता है, तथा इस हांडी को दस से बारह फिट कि उँचाई पर रस्सी से बांध कर लटकाया जाता है और कई कलाकार आपस में एक पिरामिड बना कर इस दही हांडी को फोड़ते है और यह दृश्य काफी भव्य होता है।

जन्माष्टमी का भजन

भजन भगवान कृष्ण की स्तुति करने का माध्यम है। कुछ लोकप्रिय जन्माष्टमी भजन का उदाहरण नीचे दिए गए हैं :

यशोमती मैया से बोले नंदलाला

गीत:
यशोमति मैया से बोले नंदलाला
राधा क्यों गोरी, मैं क्यों काला

यशोमति मैया से बोले नंदलाला
राधा क्यों गोरी, मैं क्यों काला

अर्थ:
इस खूबसूरत भजन में, छोटे कृष्ण अपनी माँ यशोदा से पूछते हैं कि उनकी प्रिय राधा गोरी क्यों हैं, जबकि वह काले हैं। इससे कृष्ण के बचपन की मासूमियत का पता चलता है।

3. गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो

गीत:
गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो
राधा रमण हरि गोविंद बोलो
गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो
राधा रमण हरि गोविंद बोलो

अर्थ:
यह भजन भगवान कृष्ण, गोविंद और गोपाल के नामों का जाप करने और राधा के प्रिय कृष्ण को याद करने का आह्वान है। यह कृष्ण के कई नामों के आनंदमय दोहराव पर जोर देता है।

हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे

गीत:
हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे

अर्थ:
यह प्रसिद्ध महामंत्र है, एक शक्तिशाली मंत्र जो भगवान कृष्ण और भगवान राम की उपस्थिति का आह्वान करता है। इसे ईश्वर से जुड़ने का एक गहरा और सरल तरीका माना जाता है।

श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी

गीत:
श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी
हे नाथ नारायण वासुदेव

श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी
हे नाथ नारायण वासुदेव

अर्थ:
यह भजन भगवान कृष्ण को उनके कई नामों से संबोधित करते हुए उनका आशीर्वाद और सुरक्षा माँगते हुए एक हार्दिक आह्वान है।

भक्ति और प्रेम से भरे ये भजन जन्माष्टमी की भावना को जीवंत करते हैं और भक्तों को भगवान कृष्ण से गहराई से जुड़ने में मदद करते हैं। जन्माष्टमी की पूजा ईमानदारी और भक्ति के साथ करने से आपके घर में शांति, खुशी और समृद्धि आती है। भगवान कृष्ण आपको खुशियाँ प्रदान करें और आपके जीवन से सभी बाधाओं को दूर करें। जय श्री कृष्ण!

जन्माष्टमी बधाई संदेश

  1. आपको जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ! भगवान कृष्ण आपके घर को सुख, शांति और समृद्धि प्रदान करें।
  2. जन्माष्टमी के इस पावन दिन पर, भगवान कृष्ण की दिव्य कृपा आप और आपके परिवार पर बनी रहे। जय श्री कृष्ण!
  3. भगवान कृष्ण आपकी सभी चिंताओं को दूर करें और कृष्ण जन्माष्टमी के इस पावन अवसर पर आपको शांति और खुशी प्रदान करें।
  4. कृष्ण के आशीर्वाद से आपको प्यार और हँसी से भरा जीवन मिले। जन्माष्टमी की शुभकामनाएँ!
  5. भगवान कृष्ण का आशीर्वाद से आप सदा खुश रहें। जय श्री कृष्ण!
  6. कृष्ण का आशीर्वाद आपको सौभाग्य और स्वास्थ्य प्रदान करे। जन्माष्टमी की शुभकामनाएँ!
  7. भगवान कृष्ण की बांसुरी की तरह आपके जीवन में भी प्रेम बना रहे। आपको जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ!
  8. जन्माष्टमी के पावन अवसर पर आपको मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ!
  9. आपको जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ! भगवान कृष्ण का आशीर्वाद आप और आपके परिवार बना रहे।
  10. भगवान कृष्ण की दिव्य उपस्थिति हमेशा आपके और आपके परिवार के साथ रहे। जन्माष्टमी की शुभकामनाएँ!
  11. जन्माष्टमी का त्योहार आपके लिए खुशी, शांति और प्यार लेकर आए। जय श्री कृष्ण!
  12. इस जन्माष्टमी पर, भगवान कृष्ण आपको वह सब प्रदान करें जिसकी आपने कामना की है। जय श्री कृष्ण!
  13. कृष्ण की बांसुरी की ध्वनि आपके जीवन को अनंत आनंद से भर दे। जन्माष्टमी की शुभकामनाएँ!
  14. भगवान कृष्ण का आशीर्वाद आप और आपके परिवार पर हमेशा बना रहे। जन्माष्टमी की शुभकामनाएँ!
  15. भगवान कृष्ण का आशीर्वाद आपके जीवन को खुशियों और समृद्धि से भर दे। जन्माष्टमी की शुभकामनाएँ!
  16. जन्माष्टमी के इस पावन अवसर पर, आपका दिल और घर खुशी और प्यार से भर जाए।
  17. भगवान कृष्ण आपके जीवन को खुशियों और प्रेम से भर दें। जन्माष्टमी की शुभकामनाएँ!
  18. कृष्ण का आशीर्वाद हमेशा आपके साथ रहे।
  19. भगवान कृष्ण की दिव्य उपस्थिति हमेशा आपके और आपके प्रियजनों के साथ बनी रहे। जन्माष्टमी की शुभकामनाएँ!
  20. जन्माष्टमी के इस पावन अवसर पर, आप पर भगवान कृष्ण के प्रेम और कृपा बनी रहे।

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FAQ

Q- 2024 में जन्माष्टमी कब है?

A- कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार साल 2024 में 26 अगस्त यानि सोमवार को मनाया जाएगा।

Q- जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण को भोग में क्या चढ़ाएँ?

A- भगवान श्री कृष्ण को माखन बहुत पसंद है तथा कृष्ण को भोग के रूप में दूध से बनी मिठाई, खीर तथा खोवा का भोग लगा सकते है।