हनुमान जयंती 2025: प्रत्येक वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है। हिंदू धर्म में हनुमान जयंती त्योहार का विशेष महत्व है तथा पूरे देश में हनुमान जयंती बड़े ही धूम-धाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
भगवान हनुमान के जन्मदिन के रूप में हनुमान जयंती का त्योहार मनाया जाता है तथा भगवान हनुमान को संकटमोचन कहा जाता है। हनुमान जयंती के दिन भगवान हनुमान की पूजा-उपासना की जाती है तथा इस दिन कई लोग भगवान हनुमान जी का व्रत रखते है। मंगलवार को हनुमान जी का दिन माना जाता है तथा इस दिन भगवान हनुमान की विधि-विधान से पूजा की जाती है और इस दौरान हनुमान जी के मंदिर में काफी भिड़ उमड़ती है। भगवान हनुमान को महावीर, पवनपुत्र, बजरंगबली, मारुती, केसरी नंदन तथा अंजनी पुत्र आदि नामों से जाना जाता है।
हनुमान जी का जन्म कब और कहाँ हुआ?
1- भगवान हनुमान जी के जन्म को लेकर कई मान्यताएँ प्रचलित है। ज्योतिष के मुताबिक़ हनुमान जी का जन्म त्रेतायुग के अंतिम चरण में चैत्र पूर्णिमा के दिन मंगलवार को हुआ तथा वानर राज केसरी और उनकी पत्नी अंजना के घर हनुमान जी का जन्म हुआ। कहा जाता है कि माता अंजना अपने पूर्व जन्म में एक अप्सरा थी।
2- वाल्मीकि रामायण के अनुसार भगवान हनुमान का जन्म कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को हुआ था।
हनुमान जी का नाम पवन पुत्र क्यों पड़ा?
पौराणिक कथा के अनुसार माता अंजना का विवाह केसरी राज के साथ हुआ। विवाह के कई वर्षों तक माता अंजना को संतान सुख की प्राप्ति नहीं हुई। जिससे माता अंजना काफी दुखी रहती थी। एक दिन माता अंजना, मतंग मुनि के पास गई और उनसे संतान प्राप्ति का मार्ग पूछने लगी। ऋषि मुनि ने माता अंजना को यह बताया की वृषभाचल पर्वत पर भगवान वेंकटेश्वर की पूजा-अर्चना करो तथा गंगा स्नान करके वायु देव को प्रसन्न करो। इससे तुम्हारी मनोकामना जरुर पूर्ण होगी।
माता अंजना पूजा-पाठ कर वायु देव को प्रसन्न करने में सफल रही तथा इस तरह वायु देव, माता अंजना को दर्शन दिए और माता अंजना को यह आदेश दिए कि मेरे ही रूप में तुम्हें पुत्र की प्राप्ति होगी। कुछ समय पश्चात ही माता अंजना ने हनुमान जी के रूप में एक पुत्र को जन्म दी और इसी कारण भगवान हनुमान को पवनपुत्र और केसरी नंदन के नाम से जाना जाता है।
2025 में हनुमान जयंती कब है?
प्रति वर्ष चैत्र माह के पूर्णिमा तिथि को हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है। अंग्रेज़ी कैलेंडर के अनुसार हनुमान जयंती मार्च तथा अप्रैल के महीनों में मनाया जाता है। साल 2025 में हनुमान जयंती 12 अप्रैल, दिन-शनिवार को मनाया जाएगा।

2023 में हनुमान जयंती | 06 अप्रैल, दिन- गुरुवार |
2024 में हनुमान जयंती | 23 अप्रैल, दिन- मंगलवार |
2025 में हनुमान जयंती | 12 अप्रैल, दिन- शनिवार |
2026 में हनुमान जयंती | 02 अप्रैल, दिन- गुरुवार |
हनुमान जयंती की पूजन विधि:
- हनुमान जयंती के दिन आप सुबह उठ कर नहा धो कर फ़्रेश हो जाए। उसके बाद साफ तथा स्वच्छ कपड़े धारण करे।
- हनुमान जी की पूजा शुरू करने से पहले एक लकड़ी की चौकी ले, और अब इस चौकी पर लाल कपड़ा बिछा कर हनुमान जी की मूर्ति तथा प्रतिमा स्थापित करे। उसके बाद हनुमान जी को सिंदूर, लाल फूल, माला तथा तुलसी पत्ता अर्पित करे।
- भगवान हनुमान को लड्डू का भोग लगाए। उसके बाद हनुमान चालीसा तथा सुंदर कांड का पाठ करे।
- हनुमान जयंती का त्योहार श्रद्धाभाव से मनाया जाता है तथा इस दिन भगवान हनुमान की पूजा-अर्चना करने से अत्यंत लाभदायक होता है।
हनुमान जयंती साल में कितनी बार आती है?
पहला हनुमान जयंती:
हनुमान जयंती वर्ष में दो बार मनाई जाती है, पहला चैत्र माह के पूर्णिमा तिथि को अर्थात् अंग्रेज़ी कैलेंडर के अनुसार मार्च या अप्रैल के महीने में मनाया जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार हनुमान जी को काफी तेज भूख लगी, तो वह सूर्य को फल समझ कर उसे खाने के लिए चल पड़े। जब भगवान हनुमान, सूर्य को निगलने की कोशिश की तो पृथ्वी पर अंधेरा छाने लगा और जब यह बात इंद्रदेव को पता चली तो उन्होंने हनुमान जी को रोकने के लिए व्रज से प्रहार किए, जिससे हनुमान मूँछित हो गए।
जब यह बात पवनदेव को पता चला तो वह क्रोधित हो उठे, और उन्होंने ब्रह्मांड में वायु प्रवाह को रोक दिए। जिससे धरती पर हाहाकार मच गया। तब ब्रह्मा जी ने हनुमान को नया जीवन दान दिया और तब से चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाने लगा।
दूसरा हनुमान जयंती:
वाल्मीकि रचित रामायण के अनुसार, हनुमान जी का जन्म कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मंगलवार को मेष लगन में हुआ था तथा इस तिथि को हनुमान जी के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है तथा दूसरा हनुमान जयंती कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी यानि नरक चतुर्दशी को अर्थात् सितंबर से अक्टूबर के बीच मनाया जाता है।

हनुमान जयंती पर क्या करना चाहिए?
- हनुमान जयंती के दिन लाल रंग का वस्त्र धारण कर, भगवान हनुमान की पूजा-अर्चना करनी चाहिए।
- हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी है, इसलिए स्त्रियों को उनकी मूर्ति को स्पर्श नहीं करना चाहिए।
- हनुमान जी भगवान श्री राम के परम भक्त माने जाते है इसलिए हनुमान जयंती के दिन हनुमान के साथ-साथ भगवान राम की भी पूजा-उपासना करनी चाहिए।
- हनुमान जयंती पर शक्तिशाली स्तुति यानि हनुमान स्तुति का पाठ जरुर करना चाहिए। मान्यता है कि हनुमान स्तुति का पाठ करने से हमारे जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते है और हर मनोकामनायें पूर्ण होती है।
- हनुमान जयंती के दिन ग़रीबों तथा जरुरत मंदों में दान-पुण्य करने से हमें सुख-समृद्धि तथा धन-वैभव की प्राप्ति होती है।
हनुमान जयंती का महत्व:
माता सीता ने हनुमान जी को अमरता का वरदान दिया था और तब से इस दिन को हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाने लगा। ब्रह्मचारी हनुमान को भगवान शिव के ग्यारहवें रुद्र अवतार माना जाता है और कहा जाता है कि जिस पर हनुमान जी की कृपा बरसती है उन्हें अपने जीवन में कभी भी संकटों का सामना करना नहीं पड़ता है।
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