Ganesh Chaturthi 2025: ज्ञान और समृद्धि के देवता कहे जाने वाले गणपती की पूजा हिन्दू धर्म में सबसे पहले की जाती है तथा भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणपती की पूजा होती है। साल 2025 में गणेश चतुर्थी का त्योहार 27 अगस्त को पूरे देश में मनाया जाएगा तथा इस शुभ अवसर पर भगवान गणेश की पूजा-अर्चना और भक्ति की जाती है। गणेश चतुर्थी का यह पर्व भगवान गणेश के ज्न्मोस्ताव के रूप में मनाया जाता है तथा भगवान गणेश को गजानान, एकदंत, धूम्रकेतु, सिद्धि विनायक तथा वक्रतुंड जैसे कई नामों से भी जाना जाता है।
गणेश चतुर्थी का यह त्योहार विशेष कर महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश तथा कर्नाटक जैसे शहरों में बड़े ही धूम-धाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है। पूरे 10 दिनों तक इस त्योहार की धूम बनी रहती है उसके बाद अनंत चतुर्दर्शी के दिन गणपती बप्पा मोरिया का नारा लगाते हुए भगवान गणेश की प्रतिमा को विसर्जित किया जाता है।
गणेश चतुर्थी पर बन रहा शुभ योग:
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस बार गणेश चतुर्थी का पर्व बेहद ही खास माना जा रहा है क्योंकि साल 2025 में गणेश चतुर्थी पर रवि योग, लक्ष्मी नारायण योग, धन योग, गज केसरी योग तथा आदित्य योग का निर्माण होने जा रहा है। मान्यता यह भी है कि घर पर भगवान गणेश जी कि मूर्ति स्थापित करने से बप्पा हमारे सभी कष्टों तथा विधनों को हर लेते है। जिससे हमारे जीवन में नई ऊर्जा, सुख और समृद्धि का आगमन होने लगता है।
गणेश उत्सव की तैयारी कैसे करे:
घर तथा मंदिरों में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करने से पहले उस जगह को अच्छे से साफ कर ले, उसके बाद घर में गंगाजल का छिड़काव कर वातावरण को शुद्ध करे, ताकि आपके घर और जीवन से सभी नकारात्माकता दूर हो जाए और वातावर्ण शुद्ध हो जाए।
पूजा का शुभ मुहूर्त:(Ganesh Chaturthi 2025)
साल 2025 में गणेश चतुर्थी की स्थापना का शुभ मुहूर्त 26 अगस्त को दोपहर 1:54 मिनट से शुरू होकर 27 अगस्त को 3:44 मिनट तक रहेगी तथा पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11:05 से लेकर दोपहर 1:40 बजे तक ही है, ऐसे में पूजा की कुल अवधि 2 घंटे 34 मिनट तक ही है। गणेश चतुर्थी के दौरान शुभ समय पर भगवान गणपती बप्पा की पूजा करने से साधक को भगवान गणेश की विशेष आशीर्वाद प्राप्त होती है।

गणपती की स्थापना:
घर तथा मंदिरों में भगवान गणेश की प्रतिमा को विशेष नियमों के साथ स्थापित की जाती है। शास्त्रों के अनुसार मूर्ति को दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखना काफी शुभ होता है। खासकर मूर्ति यानि भगवान गणेश का चेहरा घर तथा मंदिर के मुख्य द्वार की ओर होना चाहिए।
भगवान गणेश को चढ़ाए स्पेशल भोग:
मोदक:
भगवान गणेश को मोदक काफी प्रिय है तथा मोदक का अर्थ आनंद या खुशी होता है, जो गणेश जी का स्वभाव है। माता पार्वती द्वारा बनाए गए मोदक भगवान गणेश को काफी पसंद था। जिसके कारण भोग के रूप में गणपती बप्पा को मोदक चढ़ाया जाता है।
लड्डू:
मोदक के अलावा गणपती बप्पा को लड्डू का भी भोग लगाया जाता है। कथा के अनुसार भगवान कुबेर ने गणपती की भूख को शांत करने के लिए उन्हें लड्डू खिलाया था, जिससे गणेश जी को लड्डू प्रिय हो गए थे और तभी से ही बेसन या बूंदी से बने लड्डू भगवान गणपती को भोग के रूप में चढ़ाया जाने लगा।
गणेश पूजा का महत्व:
गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने से हमारे जीवन की सभी बाधायें दूर होती है और साथ ही साथ हमारे घरों में सकारात्म्क ऊर्जा का वास होता है और परिवारों मे शांति बनी रहती है। भगवान गणेश की कृपा से हमारे जीवन से जुड़ी कठिनाइयाँ दूर होती है और जीवन में नए मार्ग खुलते है। हमारा जीवन खुशहाल तथा उत्साह से जगमगा उठता है। यही कारण है कि भारत में गणेश चतुर्थी का त्योहार बड़े ही उत्साह, धूम-धाम, हर्षोल्लास तथा श्र्द्धा के साथ मनाया जाता है।
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