डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट अर्थात् डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र पेंशन प्राप्त करने वाले कर्मचारियों के लिए एक अनिवार्य प्रमाणपत्र है। पेंशनरों के लिए डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट अत्यंत ही महत्वपूर्ण दस्तावेज़ है। आइए जानते हैं कि डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट क्या है एवं डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट ऑनलाइन कैसे बनाएं?
डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट क्या है?
डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट सरकारी सेवा से सेवानिवृत्त कर्मचारियों के पेंशन प्राप्त करने के लिए एक प्रकार का डिजिटल सर्टिफेक्ट है जिसमें कार्मिकों के आधार कार्ड के साथ बायोमेट्रिक प्रणाली का उपयोग किया जाता है। पहले इसे जीवन प्रमाणपत्र के रूप में जाना जाता था, लेकिन डिजिटल रूप देने के बाद इसका नाम डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (DLC) पड़ा।
डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट किन लोगों के लिए है?
डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट उन सभी लोगों के लिए एक अनिवार्य दस्तावेज़ हैं जो सरकारी सेवा से सेवानिवृत हुए हैं एवं पेंशन का लाभ प्राप्त करना चाहते हैं। इसमें केंद्र सरकार के सेवानिवृत कर्मचारी, रक्षा सेवा के सेवानिवृत कर्मचारी, राज्य सरकार के सेवानिवृत कर्मचारी एवं अन्य सरकारी सेवा से सेवानिवृत कर्मचारियों के लिए है।
जीवन प्रमाण यानी डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र के लिए कौन पात्र है?
एक पेंशनभोगी जिसका पेंशन स्वीकृति प्राधिकरण (PSA) जीवन प्रमाण पर ऑनबोर्ड है, वह जीवन प्रमाण के लिए पात्र है। ऑनबोर्ड किए गए PSA की सूची https://jeevanpramaan.gov.in पोर्टल पर ‘सर्कुलर’ टैब के अंतर्गत पाई जा सकती है।
एक पेंशनभोगी जो पुनः नियोजित है या पुनः विवाहित है, वह जीवन प्रमाण यानी डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र बनने के लिए पात्र नहीं है।
डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट की आवश्यकता क्यों हुई?
डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट की आवश्यकता निम्नलिखित कारणों से हुई-
- डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट का नाम पहले सिर्फ जीवन प्रमाणपत्र था। पहले इस प्रमाणपत्र को पाने के लिए बैंक या पेंशन वितरण एजेंसी अर्थात् जहां जिस वित्तीय संस्थान से व्यक्ति पेंशन प्राप्त करना चाहते थे, उनके समक्ष उन्हें उपस्थित होना पड़ता था।
- सरकारी सेवा से सेवानिवृत्त होने की उम्र 60 वर्ष है। ऐसे उम्रदराज लोगों को हर बार पेंशन के लिए किसी कार्यालय में जाकर अपनी उपस्थिती को दर्ज कराना अत्यंत कष्टकर था, खासकर जब वे 70 से 80 वर्ष के उम्र के हों।
- सरकारी सेवा से सेवानिवृत्त होने पर व्यक्ति अपने गाँव या किसी अन्य स्थान पर चले जाते है। खासकर जब वे केंद्र सरकार की सेवा में होते हैं। केंद्र सरकार की सेवा में पूरे देश से लोग चुने जाते हैं एवं उनकी तैनाती अलग-अलग स्थानों में होती रहती है। पर गृहनगर तो एक ही होता है। जहां वे सेवानिवृत्त होने के बाद चले जाते हैं।
- वर्तमान में सरकार से पेंशन प्राप्त करने वालों की संख्या 1 करोड़ से ज्यादा है। इतनी बड़ी संख्या में लोगों को पेंशन वितरण एजेंसियों के सामने अपने जीवत होने का प्रमाण देना कष्टकारी कार्य था। अतः सरकार को इस असुविधा को दूर करने के लिए एक विकल्प तो चुनना ही था।
डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट का शुभारंभ
डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट की शुभारंभ आज से कई वर्ष पहले 10 नवंबर 2014 को हुई। इसका शुभारंभ माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कर-कमलों से हुआ।
भले ही इसकी शुरुआत आज से कई साल पहले हुई हो, पर इसका प्रचार प्रसार अब जाकर किया जा रहा है। ताकि अधिक से अधिक लोगों तक इसकी जानकारी पहुंचे।
डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट ऑनलाइन कैसे बनाएं
डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट बनवाने के लिए निम्नलिखित माध्यमों का सहारा लिया जा सकता है:
- कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) : देश भर में कॉमन सर्विस सेंटर फैलें हुए हैं, आप अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर जाकर डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट बनवा सकते हैं।
- बैंको के माध्यम से : आप नजदीकी बैंक शाखा या जिस बैंक से अपना पेंशन प्राप्त करना चाहते है, वहाँ जाकर डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेशन के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।
- संबंधित सरकारी कार्यालय द्वारा : आप अपने कार्यालय में जहां डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट बनवाने संबंधी सेवाएँ प्रदान की जा रही है, वहाँ से भी प्रमाण पत्र बनवा सकते हैं।
अथवा
चाहें तो लैपटॉप या मोबाइल में जीवन प्रमाण एप्लीकेशन डाउनलोड कर खुद से रजिस्ट्रेशन करा सकते है।
इसके लिए निम्नलिखित जानकारी दी जानी आवशयक है –
पेंशनभोगी को आधार नंबर, नाम, मोबाइल नंबर और स्वघोषित पेंशन संबंधी जानकारी जैसे कि पीपीओ नंबर, पेंशन खाता संख्या, बैंक विवरण, पेंशन स्वीकृति प्राधिकरण का नाम, पेंशन वितरण प्राधिकरण आदि प्रदान करना होगा। पेंशनभोगी को अपनी बायोमेट्रिक्स या तो आईरिस या फिंगरप्रिंट भी प्रदान करना होगा।
ऐप का उपयोग करने के लिए आधार फेस आरडी सेवा की आवश्यकता है और इसे Google Play Store से डाउनलोड किया जा सकता है।
प्रमाण-आईडी क्या है?
प्रत्येक डीएलसी की एक विशिष्ट आईडी होती है जिसे प्रमाण-आईडी कहा जाता है।
जमा करने की प्रक्रिया:
उमंग ऐप, फेस ऑथेंटिकेशन और डोरस्टेप बैंकिंग के माध्यम से।
डिजिटल सबमिशन: ‘आधारफेसआरडी ‘जीवन प्रमाण फेस ऐप’ की स्थापना के बाद, आधार नंबर जमा किया जाता है। प्रमाणीकरण के लिए चेहरे को स्कैन किया जाता है और बाद में विवरण दिया जा सकता है। डोर स्टेप बैंकिंग के लिए, जीवन प्रमाण केंद्र या बैंक का दौरा किया जा सकता है। पेंशनभोगी अपने क्षेत्र के डाकिया के माध्यम से आधार, मोबाइल नंबर और पेंशन खाते जैसे विवरण प्रदान करके प्रमाण पत्र बना सकते हैं।
जीवन प्रमाण पत्र जमा करने का तरीका
I. SBI की किसी भी शाखा में जीवन प्रमाण पत्र जमा करना
मैन्युअली – जीवन प्रमाण पत्र को भौतिक रूप में जमा किया जा सकता है (प्रतिलिपि संलग्न)
डिजिटल रूप से: – SBI की किसी भी शाखा में जाएँ। आधार संख्या, मोबाइल नंबर, पेंशन भुगतान आदेश (PPO) संख्या और खाता संख्या प्रदान करें। फिर बायोमेट्रिक्स (फिंगरप्रिंट) प्रदान करें। आधार आधारित बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण सफल होने पर, जीवन प्रमाण पत्र एक अद्वितीय आईडी के साथ जनरेट किया जाएगा
II. अपने पीसी/लैपटॉप/मोबाइल का उपयोग करके https://jeevanpramaan.gov.in के माध्यम से डिजिटल रूप से जीवन प्रमाण पत्र जमा करना
किसी भी सहायता के लिए: कृपया लिंक https://jeevanpramaan.gov.in/app/faq पर जाएँ
III. मोबाइल पर भारत सरकार के उमंग ऐप के माध्यम से डिजिटल रूप से जीवन प्रमाण पत्र जमा करना
पेंशनभोगी को गूगल प्ले स्टोर से उमंग ऐप डाउनलोड करना होगा। जीवन प्रमाण खोजना होगा और जीवन प्रमाण पत्र जनरेट करने पर क्लिक करना होगा। पेंशनभोगी प्रमाणीकरण पृष्ठ खुल जाएगा। डीएलसी बनाने के लिए आवश्यक जानकारी दर्ज की जानी चाहिए। जीवन प्रमाण पेंशनभोगियों के लिए बायोमेट्रिक सक्षम डिजिटल सेवा है। केंद्र सरकार, राज्य सरकार या किसी अन्य सरकारी संगठन के पेंशनभोगी इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।
Q: मैं जीवन प्रमाण पत्र यानी डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र कहां से प्राप्त कर सकता हूँ? आप डीएलसी कहां से प्राप्त कर सकते हैं?
1. भारत भर में स्थित विभिन्न नागरिक सेवा केंद्र (सीएससी)
2. पेंशन वितरण एजेंसियों (पीडीए) जैसे डाकघर, बैंक, ट्रेजरी आदि का कार्यालय
3. इसे घर/किसी भी स्थान से विंडोज पीसी/लैपटॉप (संस्करण 7 और उससे ऊपर) या एंड्रॉइड मोबाइल (किटकैट और उससे ऊपर) पर भी बनाया जा सकता है।
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