भारत के राष्ट्रीय प्रतीक: हमारे राष्ट्रीय प्रतीक हमारी सभ्यता, सांस्कृतिक विरासत एवं भारतीयता की पहचान है। भारतीय संविधान में भारत को राज्यों का संघ कहा गया है। हमारे राष्ट्रीय प्रतीक में दिए गए संदेश भारत के सभी राज्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं, वे हमारे राष्ट्रीय सम्मान एवं राष्ट्रीयता का बोध कराते है। भारत के राष्ट्रीय प्रतीक़ों जैसे राष्ट्र गान, गीत, तिरंगा झंडा, पशु, पक्षी, फूल, पचांग एवं राष्ट्रीय मुद्रा आदि भारत की अखंडता अर्थात् सभी लोगों की एकता का परिचय देता है। आइए जानते हैं कि भारत के राष्ट्रीय प्रतीक़ों के बारे में।
भारत के राष्ट्रीय प्रतीक – राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा (National symbols of India – National flag Tiranga) Bharat ke Rashtriya Pratik
भारत के राष्ट्रीय ध्वज को तिरंगा कहा जाता है। राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा हमारा मान-सम्मान और गौरव का प्रतीक है। तिरंगा को राष्ट्रीय ध्वज को 22 जुलाई, 1947 को भारत की संविधान सभा द्वारा अपनाया गया था। पर राष्ट्रीय ध्वज की परिकल्पना सर्वप्रथम वर्ष 1912 में अखिल भारतीय कांग्रेस समिति की बैठक में की गयी थी। राष्ट्रीय ध्वज की लंबाई एवं चौड़ाई का अनुपात 3:2 है जिसमें एकसमान चौड़ाई की तीन रंगों की पट्टियाँ दिखाई देती हैं-केसरिया, सफेद, एवं हरा।
सफ़ेद पट्टी के बीच नीले रंग का 24 तीलियों वाला (Spoke)अशोक चक्र है, इसे वाराणसी के सारनाथ के सिंह स्तंभ के स्तंभ से लिया गया है। प्रत्येक रंग का अपना एक अर्थ है। तिरंगे में सबसे ऊपर गहरा केसरिया, बीच में सफेद एवं नीचे गहरा हरा रंग है। जैसे कि केसरिया रंग शौर्य, शक्ति, त्याग एवं बलिदान का प्रतीक है। एवं सफ़ेद रंग सत्य एवं शांति का प्रतीक है।
राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा के बारे 10 रोचक जानकारी
राष्ट्रीय ध्वज का नाम | तिरंगा |
राष्ट्रीय ध्वज को अंगीकार करने की तिथि | 22 जुलाई, 1947 |
ध्वज की लंबाई एवं चौड़ाई का अनुपात | 3:2 |
अशोक चक्र में तीलियों (Spoke) की संख्या | 24 |
राष्ट्रीय ध्वज में सभी रंगो का अर्थ | (क) केसरिया यह त्याग और बलिदान को दर्शाता है। (ख) सफेद यह सत्य और शांति का प्रतीक है। (ग) हरा यह विश्वास, शिष्टता और समृद्धि का प्रतीक है। |
अशोक चक्र | धर्म और न्याय का प्रतीक, गति ही जीवन है। |
राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान का कानूनी संरक्षण | Prevention of Improper Use, Act, 1950 and the Prevention of Insults to National Honour Act, 1971, Flag Code of India, 2002 |
राष्ट्रीय ध्वज का डिजाइन | आंध्र प्रदेश के स्वतन्त्रता सेनानी पिंगली वेंकैया ने डिज़ाइन किया था |
भारत के राष्ट्रीय प्रतीक – राष्ट्रीय गीत – ‘वंदे मातरम’ (National symbols of India – National song )
राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ के रचनाकार बंगाल के प्रसिद्ध कवि एवं लेखक बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय जी हैं। इसे गीत को वर्ष 1881 में रचा गया था। वंदे मातरम कविता का उल्लेख बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय उपन्यास आनंदमठ में हुआ है एवं इसे संस्कृत में लिखा गया था पर कहीं कहीं बंगला में भी रचे जाने का भी जिक्र होता है। भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के दौरान यह गीत देशभक्तों के बीच अत्यंत ही लोकप्रिय था।
इस गीत की लोकप्रियता से डरकर ब्रिटिश हुकूमत ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया था। राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ को वर्ष 1896 के भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में रवींद्रनाथ टैगोर ने कलकत्ता में गाया था। 1950 में, गीत के पहले दो छंदों को भारत का राष्ट्रीय गीत के रूप में राष्ट्रीय दर्जा दिया गया। संविधान सभा ने वंदे मातरम’ को 24 जनवरी, 1950 में राष्ट्रगान के रूप में अपनाया था।
राष्ट्रीय गीत | ‘वंदे मातरम’ |
राष्ट्रीय गीत के पहले दो छ्ंद | वन्दे मातरम् सुजलां सुफलाम् मलयजशीतलाम् शस्यश्यामलाम् मातरम्। शुभ्रज्योत्स्नापुलकितयामिनीम् फुल्लकुसुमितद्रुमदलशोभिनीम् सुहासिनीं सुमधुर भाषिणीम् सुखदां वरदां मातरम्॥ |
भाषा | संस्कृत |
रचनाकार का नाम | बंगाल के प्रसिद्ध कवि एवं लेखक बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय |
राष्ट्रग्गीत के रूप में कब स्वीकारा गया | 24 जनवरी, 1950 |
पहली बार कब गाया गया | 1896 के भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में |
गायक | विश्व कवि रवीन्द्रनाथ ठाकुर |
अंग्रेजी अनुवाद | श्री अरबिंदो घोष |
भारत के राष्ट्रीय प्रतीक – राष्ट्रीय गान-‘जन गण मन ‘ – ‘वंदे मातरम’ (National symbols of India – National Anthem)
भारत का राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ के रचनाकार गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर हैं जिसे उन्होंने मूल रूप से इसे बंगाला भाषा में रचा था। इसका हिंदी अनुवाद को संविधान सभा ने 24 जनवरी, 1950 को भारत के राष्ट्रगान के रूप में अपनाया था। राष्ट्रगान को गाने में लगभग 52 सेकंड का समय लगता है एवं इसे पहली बार 27 दिसंबर, 1911 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में गाया गया था। ‘जन गण मन’ गीत पहली बार जनवरी 1912 में ‘भारत विधाता’ शीर्षक से प्रकाशित हुआ था। इस संबंध में संक्षिप्त जानकारी नीचे दिया गया है-
भारत का राष्ट्रगान | ‘जन गण मन’ जन-गण-मन अधिनायक जय हे, भारत भाग्य विधाता! पंजाब-सिंधु-गुजरात-मराठा, द्राविड़-उत्कल-बंग विन्ध्य हिमाचल यमुना गंगा, उच्छल जलधि तरंग तव शुभ नामे जागे, तव शुभाशीष मागे गाहे तव जय गाथा। जन-गण-मंगलदायक जय हे, भारत भाग्य विधाता जय हे! जय हे! जय हे! जय जय जय जय हे |
रचनाकार | गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर |
राष्ट्र्गान के रूप अपनाए जाने की तिथि | 24 जनवरी, 1950 |
राष्ट्रीय गान कुल कितने छंद की कविता है ? | 5 छंद |
पहली बार गाए जाने की तिथि – | 27 दिसंबर, 1911 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में |
राष्ट्र गान गाए जाने का समय | लगभग 52 सेकंड |
राष्ट्र गान का अङ्ग्रेज़ी अनुवाद | गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा 1919 में |
भारत के राष्ट्रीय प्रतीक – राष्ट्रीय चिन्ह -अशोक स्तंभ (National symbols of India – National Emblem)
भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय चिन्ह -अशोक स्तंभ को 26 जनवरी, 1950 को अंगीकार किया गया था जिसे वाराणसी के सारनाथ सिंह स्तंभ से लिया गया है। स्तंभ पर एक चक्र बना हुआ है। इस चिह्न में कुल 4 सिंह है पर तीन सिंह ही दिखाई देते हैं, चौथा छिपा हुआ होता है। यह चिन्ह सरकार के अधिकार का प्रतीक है।
शीर्ष पर ‘धर्म चक्र’ है एवं प्रतीक चिह्न में नीचे एक हाथी, एक सरपट दौड़ता हुआ घोड़ा, एक बैल और एक सिंह है एवं आधार प्लेट के नीचे देवनागरी लिपि में ‘सत्यमेव जयते’ शब्द लिखा हुआ हैं जिसका अर्थ है ‘सत्य की ही जीत होती है।’ सत्यमेव जयता शब्द मुंडका उपनिषद का है।
भारत के राष्ट्रीय प्रतीक – भारत का राष्ट्रीय फूल क्या है? (What is the national flower of India?)
कमल फूल भारत का राष्ट्रीय फूल है। इसे 26 जनवरी 1950 को अपनाया गया था। भारत के राष्ट्रीय चिन्ह में भी कमल फूल का चित्रण है। इसका वैज्ञानिक नाम नेलुम्बो न्यूसिफेरा है। सामान्यतः कमल का फूल गुलाबी रंग का होता है पर कई अन्य स्थानों पर लाल, नीला, सफ़ेद एवं पीले रंग के कमल भी पाए जाते है। यह संसार के प्रत्येक भाग में पाया जाता है।
इनके उगने का मुख्य स्थान अर्ध-उष्णकटिबंधीय जलवायु में मीठे पानी की झील, तालाब, पानी के गड्ढे है, जहां पानी का बहाव ज्यादा न हो, या बहाव धीमा हो। भारतीय संस्कृति में कमल फूल का एक विशेष स्थान रहा है। हिन्दू धर्म में विद्या की देवी माँ सरस्वती की चरणों में कमल का फूल दर्शाया गया है। प्राचीन काल से यह फूल पर्व एवं त्योहारों में अधिकतर प्रयोग में लाया जाता है। यह फूल पवित्रता एवं सुंदरता का प्रतीक है। इसके अलावा कमल के बीजों का उपयोग कई औषधीयों को बनाने में किया जाता है।
भारत के राष्ट्रीय प्रतीक – राष्ट्रीय मुद्रा का प्रतीक चिह्न ‘₹’ (National symbols of India – Logo of national currency ‘₹’)
राष्ट्रीय मुद्रा का प्रतीक चिन्ह है – ‘₹’ । अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी विकसित देशों के मुद्राओं का अपना – अपना प्रतीक चिह्न है। जो सभी तरह के अंतरराष्ट्रीय लेन – देन के लिए उपयोग में लाया जाता है। भारत सरकार ने भी 15 जुलाई 2010 को राष्ट्रीय मुद्रा का प्रतीक चिन्ह – ‘₹’ – को अपनाया है। इसे देवनागरी लिपि के ‘र’ और रोमन लिपि के अक्षर ‘R’ को मिला कर बनाया गया है। इस प्रतीक का डिजाइन श्री डी. उदय कुमार ने किया है जो कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई से पोस्ट ग्रेजुएट हैं।
भारत का राष्ट्रीय पक्षी कौन सा है? (Which is the national bird of India?)
भारत के राष्ट्रीय प्रतीकों में से एक राष्ट्रीय पक्षी मोर है। मोर को 1963 में भारत के राष्ट्रीय पक्षी के रूप में स्वीकार किया गया था। मोर का वैज्ञानिक नाम पावो क्रिस्टेटस है। मोर को भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत संरक्षण प्राप्त है। मोर एक अत्यंत ही सुंदर पक्षी है, इसके आंख के नीचे एक सफेद धब्बा होता है गरदन लंबी होती है।
मोर एक सर्वहारा अर्थात सब कुछ खाने वाला पक्षी है। नर मोर अत्यंत सुंदर एवं रंगों भरा होता है, नर मोर जब अपना पंख फैलाता है तो उसकी सुंदरता देखते ही बनाता है। नर मोर के लगभग 200 लम्बे पंख होते हैं।
मोर भारतीय संस्कृति एवं परंपरा से पूरी तरह से जुड़ा हुआ है। हिन्दू देवी -देवताओं के साथ इस पक्षी का वजूद जुड़ा हुआ है। इस संबंध में कृष्ण भगवान के सिर पर मोर पंख धारण किए हुए छवि को याद कर सकते हैं, इस प्रकार भगवान शिव के पुत्र कार्तिक भगवान के वाहन मोर ही हैं।
भारत का राष्ट्रीय पशु कौन सा है? (Which is the National animal of India?)
खूबसूरती, ताकत, चपलता एवं अथाह शक्ति एवं भव्यता का प्रतीक रॉयल बंगाल टाइगर-बाघ को भारत राष्ट्रीय पशु है। इसे 18 नवंबर, 1972 को राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया था। इसका वैज्ञानिक नाम पैंथेरा टिगिरिस है। रॉयल बंगाल टाइगर, बंगाल के सुंदरवन, राजस्थान, कार्बेट नेशनल पार्क-उतराखंड, मध्यप्रदेश, ओड़ीशा, केरल में पाया जाता है।
बाघ मुख्यतः घास के मैदानों, दलदलों एवं मैंग्रोव वालें इलाके में देखे जा सकते हैं। इसकी आयु 8 से 10 साल होती है। पर देखभाल, कैद कर रखने से आयु 15 से 20 साल तक भी चली जाती है। बाघ एक लुप्तप्राय जानवर के रूप में सूचीबद्ध है इसीलिए सरकार ने भारत में बाघो को संरक्षण प्रदान करने के लिए 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर लॉन्च किया था ताकि भारत में बाघों की घटती आबादी को रोका जा सके। देखा जाता है।
भारत का राष्ट्रीय कैलेंडर कौन सा है? – राष्ट्रीय पचांग (Which is the national calendar of India? – Rashtriya Panchang)
भारत का राष्ट्रीय कैलेंडर शक संवत पर आधारित है जिसे राष्ट्रीय पचांग वाला कैलेंडर भी कहते हैं। राष्ट्रीय कैलेंडर में वर्ष का पहला महीना चैत्र एवं अंतिम महीना फाल्गुन है। वर्ष 1957 में ‘भारतीय राष्ट्रीय कैलेंडर’ घोषित किया गया। इसमें 365 दिन और 12 महीने होते हैं। भारत के राजपत्र में राष्ट्रीय पचांग के साथ ग्रेगोरियन कैलेंडर का उपयोग किया जाता है। इसका प्रयोग सभी राष्ट्रीय कार्यों जैसे कैलेंडरों, राजपत्रों, आम जनता के साथ सरकारी पत्राचारों में होता है। इसकी समय सीमा इस प्रकार है-
1 | चैत्र | 21 मार्च |
2 | वैशाख | 21 अप्रैल |
3 | ज्येष्ठ | 22 मई |
4 | आषाढ़ | 22 जून |
5 | श्रावण | 23 जुलाई |
6 | भाद्र | 22 अगस्त |
7 | आश्विन | 23 सितंबर |
8 | कार्तिक | 23 अक्टूबर |
9 | अगहन मास | 22 नवंबर |
10 | पौष | 22 दिसंबर |
11 | माघ | 21 जनवरी |
12 | फाल्गुन | 20 फरवरी |
भारत के अन्य राष्ट्रीय प्रतीक (Other National Symbols of India)
राष्ट्रीय फल | भारत का राष्ट्रीय फल आम है। आम अत्यंत मीठा एवं रसदार फल है। भारत में आम की सैकड़ों प्रजातियाँ पाई जाती है। आम का वैज्ञानिक नाम मैंगीफेना इंडिका है। |
राष्ट्रीय नदी | गंगा-भारत की सबसे लंबी नदी है, उत्पत्ति – हिमालय में गंगोत्री ग्लेशियर, धार्मिक रूप से सबसे पवित्र नदी। 2510 किलोमीटर का बहाव। |
राष्ट्रीय त्यौहार | गणतंत्र दिवस -26 जनवरी स्वतंत्रता दिवस -15 अगस्त गांधी जयंती-2 अक्टूबर |
राष्ट्रीय जलीय जीव | 2009 में गंगा डॉल्फिन को भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया गया था। |
राष्ट्रीय कथन (मोट्टों) | ‘सत्यमेव जयते’ |
राष्ट्रीय वृक्ष | बरगद का पेड़ |
राष्ट्रीय विरासत पशु | हाथी |
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