Navratri 6th Day: भारत में नवरात्री का त्योहार बहुत ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। नवरात्री का छठा दिन माँ दुर्गा के रूप में माँ कात्यायनी की पूजा-अर्चना की जाती है तथा कात्यायन ऋषि की पुत्री होने के कारण इस देवी का नाम कात्यायनी पड़ा। 8 अक्टूबर 2024 को शारदीय नवरात्री का छठा दिन है तथा इस दिन से षष्ठी की शुरुआत होती है। खास कर पश्चिम बंगाल के कोलकाता शहर में नवरात्री के छठे दिन दुर्गा पूजा मेला का आयोजन किया जाता है तथा इस दौरान माँ दुर्गा की प्रतिमा को देखने के लिए काफी भिड़ उमड़ती है।
माँ कात्यायनी का स्वरूप:
माँ कात्यायनी का स्वरूप अत्यंत चमकीला है तथा माँ कात्यायनी की चार भुजाए है। माँ अपने बाई हाथ के ऊपर वाले भाग में तलवार ली हुई है तथा इसी भाग के नीचे वाले हाथ में कमल-पुष्प है तथा माँ कात्यायनी अपने दाहिने भाग के ऊपर वाला हाथ अभय मुद्रा में तथा नीचे वाला हाथ वर मुद्रा में रखते हुए सिंह पर विरज़मान है तथा इनका यह स्वरूप अत्यंत चमकीला और उज्जवल प्रतीत होता है। मान्यता यह है की माँ कात्यायनी की इस स्वरूप की पूजा आराधना करने से वैवाहिक जीवन खुशहाल होता है और घर में सुख तथा समृद्धि की प्राप्ति होती है।
Navratri 6th Day: षष्ठी तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार साल 2024 में शारदीय नवरात्री की षष्ठी तिथि की शुरुआत 8 अक्टूबर(मंगलवार) को 11:17 AM से शुरू होगी और इसका समापन 9 अक्टूबर(बुधवार) को 12:14 PM पर होगा।
माँ कात्यायनी की पूजा कैसे करे?
- माँ कात्यायनी की पूजा करने के लिए सबसे पहले आप सुबह उठ कर नहा धो कर फ़्रेश हो जाए और स्वच्छ कपड़े धारण करे।
- उसके बाद माँ कात्यायनी की प्रतिमा पर गंगा जल का छिड़काव कर पूजा स्थान को पवित्र करे।
- सर्वप्रथम कलश की पूजा करे जो साक्षात गणेश भगवान है उसके बाद माँ कात्यायनी को पुष्प, कुमकुम तथा सिंदूर चढ़ाए।
- अब माता को शहद का भोग लगाते हुए घी का दीपक तथा धूप-बती जलाए।
- आख़िरी में माँ कात्यायनी की कपूर से आरती करते हुए मंत्रों का जाप करे। अब माँ के सामने सिर झुका कर प्राथना करे। मान्यता यह है की सच्चे मन से माँ कात्यायनी की पूजा उपासना करने से मनचाहा जीवन साथी प्राप्त होता है।
Navratri 6th Day Bhog:
नवरात्री के दौरान माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है जिसमें नवरात्री के छठे दिन माँ कात्यायनी की उपासना की जाती है तथा इस दिन माँ कात्यायनी को शहद का भोग चढ़ाया जाता है तथा आप अपने वैवाहिक जीवन को खुशहाल बनाने के लिए माँ कात्यायनी को शहद का भोग लगाते हुए इनकी पूजा तथा उपासना करे।
नवरात्री का छठा दिन कौन स रंग पहने: (Navratri 6th Day Colour)
माँ कात्यायनी का प्रिय रंग लाल है तथा लाल रंग साहस और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। नवरात्री के छठे दिन लाल रंग के वस्त्र धारण कर माँ कात्यायनी की पूजा करे, जिससे आपके हर कार्य शुभ होंगे।
माँ कात्यायनी से जुड़ी कथा:
- पौराणिक कथाओं के अनुसार प्राचीन काल में कात्यायन नाम का एक ऋषिमुनि था तथा इनके पास एक भी संतान नहीं थे। ऋषि कात्यायन माँ पार्वती का परम भक्त था तथा ऋषि की यह मनोकामना थी की माँ पार्वती उनको पुत्री के रूप में प्राप्त हो, इसके लिए ऋषि कात्यायन माँ पार्वती की तपस्या करने लगे तथा काफी कठोर तपस्या करने के बाद माँ पार्वती प्रसन्न हुई और पुत्री के रूप में ऋषि कात्यायन के घर में जन्म ली। महर्षि कात्यायन की पुत्री होने के कारण माँ के इस स्वरूप का नाम कात्यायनी पड़ा।
माता कात्यायनी बेहद ही साहसी तथा गुणवती कन्या थी तथा जब ब्रह्मांड में महिषासुर नामक राक्षस का वध चारों तरफ फैलने लगा, तो उस दौरान माँ कात्यायनी प्रकट हुई और महिषासुर राक्षस का वध कर तीनों लोकों की रक्षा की।
2. माँ कात्यायनी से जुड़ी अन्य कथा यह भी है की गोपियों ने भगवान श्री कृष्ण को पति के रूप में पाने के लिए माँ कात्यायनी की पूजा उपासना की थी तथा यह उपासना गोपियों ने कालिंदी यमुना नदी के तट पर की थी और तब जाकर भगवान श्री कृष्ण प्रकट हुए। इसलिए माँ कात्यायनी को ब्रजभूमि की अधिषठात्री देवी भी कहा जाता है।
नवरात्री में माता के नौ रूप, रंग तथा भोग:
दिन | माता का स्वरूप | भोग | रंग |
नवरात्री का पहला दिन | माँ शैलपुत्री | शुद्ध घी | पीला |
नवरात्री का दूसरा दिन | माँ ब्रह्मचारिणी | शक्कर | हरा |
नवरात्री का तीसरा दिन | माँ चंद्रघंटा | खीर | भूरा |
नवरात्री का चौथा दिन | माँ कुषमांडा | मालपुआ | नारंगी |
नवरात्री का पांचवा दिन | माँ स्कंदमाता | केला | सफेद |
नवरात्री का छटवां दिन | माँ कात्यायनी | शहद | लाल |
नवरात्री का सातवाँ दिन | माँ कालरात्रि | गुड़ | ब्लू |
नवरात्री का आठवाँ दिन | माँ महागौरी | नारियल | गुलाबी |
नवरात्री का नौवां दिन | माँ सिद्धिदात्री | तिल | बैंगनी |