Famous Temple Of Mumbai: भारत के पश्चिमी तट पर स्थित मुंबई शहर को मॉर्डन सिटी कहा जाता है तथा मुंबई पर्यटकों का आकर्षण केंद्र बिंदु में से एक है तथा इस महानगर में घूमने के लिए कई धार्मिक स्थल है जिनमें से सिद्धि विनायक मंदिर, महा लक्ष्मी मंदिर, मुंबा देवी मंदिर, बाबुल नाथ मंदिर, स्वामी नारायण मंदिर तथा इस्कॉन मंदिर प्रमुख है।
मुंबई में स्थित धार्मिक स्थल एक शांत वातावरण तथा खूबसूरत बनावट के लिए विश्व प्रसिद्ध है। विभिन्न धर्मों का निवास स्थल होने के कारण मुंबई में कई धार्मिक स्थल है तथा यहाँ का सभी धार्मिक स्थल अपने भव्य आकृतियों के लिए प्रसिद्ध है।
माया नगरी नाम से प्रसिद्ध इस शहर को बॉलीवुड का घर भी कहा जाता है तथा यह भारत का सबसे घनी आबादी वाला शहर है और साथ ही साथ महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई भारत के प्रमुख वाणिज़िक्य केंद्रों में से एक है।
Famous Temple Of Mumbai: मुंबई के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल
सिद्धि विनायक मंदिर:
मुंबई के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक सिद्धि विनायक मंदिर है। भगवान गणेश को समर्पित यह मंदिर पर्यटकों के धार्मिक स्थलों में से एक है। सिद्धि विनायक मंदिर, महाराष्ट्र के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। तथा इस मंदिर का निर्माण साल 1801 में किया गया था।

लक्ष्मण विथु और देउ बाई पाटिल द्वारा निर्मित सिद्धि विनायक मंदिर में हर दिन भाड़ी मात्रा में भक्तों का ताँता लगा रहता है। खासकर मंगल वार के दिन बप्पा के एक मात्र दर्शन के लिए यहाँ पर श्रद्धालुओं की काफी भिड़ उमड़ती है तथा सिद्धि विनायक मंदिर में विभिन्न धर्म और जाती के लोग बप्पा के दर्शन के लिए यहाँ आते है।
सिद्धि विनायक मंदिर में गणपति के दोनो ओर उनकी दो पत्नियाँ रिद्धि और सिद्धि मौजूद है जो धन, ऐश्वर्य और सफलता का प्रतीक है। सिद्धि विनायक मंदिर की महिमा अपरंपार है वो भक्तों की मनोकामना को जरुर पूरा करते है। सिद्धि विनायक मंदिर में भगवान गणेश की 25 फिट ऊँची प्रतिमा स्थापित है तथा इस मंदिर में भगवान गणेश को भोग के रूप में मोदक और नारियल चढ़ाया जाता है तथा मंदिर के पास में ही कई छोटे-छोटे स्टॉल लगे हुए है जहाँ से आप भगवान गणेश को चढ़ाने के लिए प्रसाद ख़रीद सकते है।
श्रद्धालुओं को अपने बप्पा पर असीम विश्वास है और मान्यता भी है कि बप्पा अपने भक्तों की इच्छा जरुर पूरा करते है तथा उनके द्वार से कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं लौटता है।
स्थान: एसके बोले मार्ग, प्रभा देवी, मुंबई
मुंबा देवी मंदिर:
देवी मुंबा को समर्पित यह मंदिर मुंबई के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। भुलेश्वर में स्थित तथा कोली मछुआरों द्वारा निर्मित यह मंदिर स्थानीय लोगों के लिए बेहद खास है। कोली मछुआरे, जिन्हें मुंबई का मूल निवासी माना जाता है, वे सर्वप्रथम मुंबा देवी की ही पूजा-आराधना किया करते थे। मुंबा देवी मंदिर हमेशा ताजे फूलों तथा लाइटों से सजा होता है और मुंबा देवी मंदिर के नाम पर ही इस शहर का नाम मुंबई रखा गया।

धन और ऐश्वर्य के रूप में मुंबा देवी को मुंबई का कुल देवी कहा जाता है। देवी शक्ति के रूप में मुंबा देवी मंदिर में लाखों पर्यटक माता के एकमात्र दर्शन के लिए यहाँ आते है। मुंबा देवी मंदिर भिड़-भाड़ इलाक़ों के बीच तथा भुलेश्वर क्षेत्र में स्थित है तथा यह क्षेत्र कई ऊँची इमारतें और बिल्डिंग से भरा हुआ है।
मुंबा देवी मंदिर की कपाट सुबह 6:00 बजे से लेकर दोपहर 12:00 बजे तक तथा शाम 4:00 बजे से लेकर रात 9:00 बजे तक खुला रहता है। मंदिर के पास में ही गेटवे ऑफ़ इंडिया है जहां से आप मुंबई शहर की रौनक़ को देख सकते हो।
स्थान: मुंबा देवी रोड, भुलेश्वर, मुंबई
महा लक्ष्मी मंदिर:
धन की देवी माता लक्ष्मी को समर्पित महा लक्ष्मी मंदिर का निर्माण महाराष्ट्र के हिंदू व्यापारी धकजी दादाजी ने 1831 में करवाया था तथा यह मंदिर पश्चिम में भूलाबाई देसाई रोड पर स्थित है। माता लक्ष्मी के अलावा इस मंदिर में माँ काली और माँ सरस्वती की भी प्रतिमा स्थापित है तथा माता के रूप में ये तीनों मूर्तियाँ सोने के आभूषण से काफी सुशोभित प्रतीत होती है। इस तरह माँ लक्ष्मी के साथ-साथ इनकी भी पूजा की जाती है।

नवरात्री के दौरान महा लक्ष्मी मंदिर में काफी भिड़ उमड़ती है तथा पूरे नौ दिनों तक माता की विशेष रूप से पूजा-अर्चना की जाती है और इस दौरान मंदिर की रौनक़ देखते ही बनती है। महा लक्ष्मी मंदिर का गेट सुबह 6:00 बजे से लेकर रात 10:00 बजे तक खुला रहता है।
स्थान: भूलाबाई देसाई रोड, महालक्ष्मी रेलवे स्टेशन, मुंबई
वाल केश्वर मंदिर:
वाल केश्वर मंदिर की स्थापना ब्राह्मण समुदाय द्वारा 1127 ईसवी में किया गया था। वाल केश्वर मंदिर से सम्बंधित तथा रामायण से जुड़ी इस मंदिर की पौराणिक कथा काफी रोमांचक है, कहा जाता है कि भगवान राम अपनी पत्नी सीता को, राक्षस रावण से बचाने के लिए तथा श्री लंका जाते समय इसी मंदिर में रुके थे और तब से इस मंदिर को भगवान राम के रूप में पूजा जाने लगा।

मंदिर के पास एक छोटा तालाब है तथा इस तालाब को बाणगंगाटैंक के नाम से जाना जाता है। महीने के अमावस्या तथा पूर्णिमा के दिन मंदिर में काफी भिड़ उमड़ती है। वाल केश्वर मंदिर, दक्षिण मुंबई के मालाबार हिल के पास मौजूद है।
स्थान: मालाबार हिल, दक्षिण मुंबई
इस्कॉन मंदिर:
मुंबई के चौपाटी क्षेत्र में स्थित इस्कॉन मंदिर सबसे प्रसिद्ध तथा लोकप्रिय धार्मिक स्थलों में से एक है तथा यह मंदिर भगवान कृष्ण और माता राधा को समर्पित है। साल 1978 में स्थापित यह मंदिर चार एकड़ ज़मीन में फैला हुआ है। संगमरमर के पत्थरों से बना मंदिर की बनावट काफी अलौकिक प्रतीत होती है तथा मंदिर के अंदर कई सारे काँच की खिड़कियाँ बनाई गई है जो मंदिर को ओर भी सुशोभित बनाती है।

वीकेंड के दौरान मंदिर में काफी भिड़ उमड़ती है तथा मंदिर के आसपास का वातावरण काफी शांत है और मंदिर के पास में ही कई सारे रेस्टोरेंट है तथा इन रेस्टोरेंट में वेजिटेरियन खाना मिलता है। जो आपको काफी कम दामों में खाना परोसता है।
जन्माष्टमी के दौरान इस्कॉन मंदिर में काफी भिड़ उमड़ती है तथा यहाँ पर भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। खास कर इस शुभ अवसर पर इस्कॉन मंदिर में दही हांडी का कार्यक्रम किया जाता है तथा इस दौरान कई भक्त दही हांडी कार्यक्रम में भाग लेते है। इस्कॉन मंदिर सुबह 4:00 बजे ही खुल जाती है और सुबह से ही मंदिरों में भक्तों का ताँता लगना शुरू हो जाता है।
स्थान: हरे कृष्णा लैंड, जुहू, मुंबई
हाजी अली दरगाह:
मुंबई के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक हाजी अली दरगाह है। हाजी अली दरगाह के आंतरिक गर्भगृह में महिलाओं को प्रवेश करने की अनुमति नहीं है। हाजी अली दरगाह में जुम्मा यानि की शुक्रवार के दिन काफी भिड़ उमड़ती है।

समुद्र के बीच स्थित इस दरगाह में पहुँचने के लिए दस मिनट पैदल चलना होता है तथा यह दरगाह सुबह 7:00 बजे से लेकर रात 10:00 बजे तक खुला रहता है। हाजी अली दरगाह से उगते सूरज तथा अरब सागर का दृश्य काफी मनोरम प्रतीत होता है।
स्थान: मध्य दक्षिण मुंबई, वर्ली तट के पास तथा महा लक्ष्मी रेलवे स्टेशन के नज़दीक।
बाबुल नाथ मंदिर:
बाबुल नाथ मंदिर, दक्षिणी मुंबई में मरीन ड्राइव के पास स्थित है। भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर का निर्माण साल 1780 में किया गया था। बाबुल नाथ मंदिर, समुद्र तल से 1000 फीट की ऊँचाई पर स्थित है तथा शिवरात्रि के दौरान इस मंदिर में काफी भिड़ उमड़ती है तथा शिवरात्रि जैसे खास मौक़े पर भगवान शिव को दूध से अभिषेक किया जाता है तथा इस समय बाबुल नाथ मंदिर में भगवान शिव की आराधना के लिए भक्तों का ताँता लगा रहता है।

बाबुल नाथ मंदिर की संरचना कैलाश पर्वत की याद दिलाती है तथा यह मंदिर सुबह 5:00 बजे से लेकर रात 8:00 बजे तक खुला रहता है, साप्ताहिक दिन सोमवार को बाबुल नाथ मंदिर में काफी भिड़ देखने को मिलती है क्योंकि सोमवार का दिन भगवान शिव के लिए शुभ माना जाता है।
स्थान: गिरगांव चौपाटी, मालाबार हिल्स, मुंबई।
बाबू अमीचंद पनालाल आदिश्वरजी जैन मंदिर:
मुंबई में स्थित बाबू अमीचंद पनालाल आदिश्वरजी जैन मंदिर धार्मिक स्थलों में से एक है। मंदिर की बनावट तथा इनकी अलौकिक दृश्य काफी सुशोभित प्रतीत होती है। साल 1904 में निर्मित जैन मंदिर रंगीन कला कृतियों से परिपूर्ण है तथा यह मंदिर बाबू आदिश्वर अमीचंद पनालाल द्वारा बनाया गया था।

जैन धर्म वाले लोगों के लिए यह मंदिर बेहद ही खास है तथा इस मंदिर के मुख्य द्वार के पास ही पत्थर से बने दो हाथी है।
स्थान: मालाबार हिल, दक्षिण मुंबई
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ग्लोबल विपशयना पैगोडा:
गौतम बुद्ध को समर्पित यह स्थान पर्यटकों के लिए प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है तथा पगोडा की वास्तुकला काफी मनोरम है। खास कर पगोडा का गुम्बद काफी आकर्षक है तथा इस पगोडा में लगभग 8000 लोग एक साथ ध्यान कर सकते है।

मुंबई में स्थित ग्लोबल विपशयना पैगोडा का उद्धाटन, भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर प्रतिभा पाटिल द्वारा साल 2009 में किया गया था। गौतम बुद्ध को समर्पित यह स्थान काफी शांत तथा सद्भाव प्रदान करने वाला है। पगोडा पहुँचने के लिए आपको बोरीवली जेट्टी से फेरी लेकर गोराई जेट्टी पहुँच इस धार्मिक स्थल का दर्शन कर सकते है।
स्थान: गोराई गांव, बोरिवली, पश्चिमी मुंबई
मुंबई शहर कैसे पहुँचे:
मुंबई शहर में कई धार्मिक तीर्थ स्थल है तथा इसके साथ-साथ मुंबई एक महानगर है तथा छत्रपति शिवाजी टर्मिनस मुंबई शहर की पहचान है। कला कृतियों से सजी छत्रपति शिवाजी की यह इमारत बेहद ही शानदार है। मुंबई शहर भारत के हर एक राज्य से जुड़ा हुआ है इसलिए आप रेल मार्ग, सड़क मार्ग तथा हवाई जहाज़ के माध्यम से आसानी से मुंबई पहुँच सकते है।
हवाई जहाज़ द्वारा:
हवाई जहाज़ के माध्यम से मुंबई आने के लिए आपको छत्रपति शिवाजी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा की टिकट काटनी पड़ेगी तथा इस हवाई अड्डे से मुंबई की मेन सिटी 19 किलो मीटर की दूरी पर स्थित है।
रेल मार्ग यातायात:
रेल मार्ग यातायात के माध्यम से मुंबई शहर पहुँचने के लिए आप छत्रपति शिवाजी टर्मिनल की टिकट ले, तथा छत्रपति शिवाजी टर्मिनल मुंबई के सबसे व्यवस्थित रेलवे स्टेशन में से एक है।
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मुंबई के धार्मिक स्थलों से जुड़ी अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न: FAQ
Q- मुंबई में कौन स मंदिर सबसे प्रसिद्ध है?
A- सिद्धि विनायक, मंदिर मुंबई के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है।
Q- मुंबई का सबसे पुराना मंदिर कौन स है?
A- गिरगांव चौपाटी पर स्थित बाबुल नाथ मंदिर मुंबई के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है तथा यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है।
Q- मुंबई शहर का नाम किस देवी के नाम पर रखा गया?
A- मुंबई शहर का नाम माता मुंबा देवी के नाम पर रखा गया तथा इस मंदिर का निर्माण 15वीं शताब्दी में किया गया था।
Q- मुंबई में इन धार्मिक स्थलों की यात्रा कब करे?
A- मुंबई में इन धार्मिक स्थलों की यात्रा नवंबर से मार्च के महीनों में कर सकते है क्योंकि इस समय मुंबई में मौसम काफी सुहावना होता है। बरसात के समय तथा मानसून सीजन में मुंबई में मूसला धार बारिश होती है तथा इस दौरान मुंबई शहर की यात्रा से बचे।
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