Famous Temple In Kolkata: सिटी ऑफ़ जॉय नाम से प्रसिद्ध कोलकाता शहर अपनी सांस्कृतिक कल्चर के लिए विश्व प्रसिद्ध है। भारत के पूर्वी तट पर स्थित कोलकाता में घूमने के लिए कई धार्मिक स्थल है। कोलकाता में अधिकांश लोग देवी काली की पूजा बड़े उत्साह के साथ करते है। इसलिए यहाँ पर देवी काली को समर्पित कई मंदिर है। जिनमें से दक्षिणेश्वर काली मंदिर, काली घाट, बेलूर मठ, बिरला मंदिर तथा बोरो माँ की मंदिर प्रमुख है।
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता शहर संस्कृति तथा आध्यात्मिकता के लिए प्रसिद्ध है। अगर आप कोलकाता में घूमने के लिए जा रहे है तो आप इन मंदिरों का दर्शन जरुर करे। यहाँ पर दर्शन के लिए कई धार्मिक तीर्थ स्थल है।

कोलकाता में घूमने के लिए कई पवित्र स्थान है तथा अन्य महानगरों की तुलना में कोलकाता ख़रीदारी के लिए काफी सस्ता शहर है। इसके अलावा कोलकाता शहर दुर्गा पूजा त्योहार के लिए भी जाना जाता है। तथा यहाँ पर दुर्गा पूजा का त्योहार बहुत ही उत्साह और हर्षोंउल्लास के साथ मनाया जाता है।
कोलकाता में घूमने का सही समय:
कोलकाता में धार्मिक स्थलों को घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च का महीना है, क्योंकि इस समय मौसम सुहावना होता है और आप अपने यात्रा का सुखद आनंद ले सकते है। गर्मियों में कोलकाता का तापमान काफी अधिक होता है। कई बार तो यहाँ का तापमान 41 डिग्री सेलिस्यस तक पहुँच जाता है और इस दौरान कोलकाता में लू हवा चलने लगती है, इसलिए ठंड के मौसम में कोलकाता शहर का ट्रिप करना बहुत ही आसान तथा सरल होता है।
कोलकाता का आलीशान बंगले, ऐतिहासिक स्मारक और अद्धभूत धार्मिक स्थल पर्यटकों को मंत्र मुग्ध करता है। तो चलिए इस आर्टिकल के माध्यम से हम कोलकाता में स्थित धार्मिक स्थलों के बारे में विस्तार से जानते है।
Famous Temple In Kolkata: कोलकाता के प्रसिद्ध 8 धार्मिक स्थलों के बारे में सम्पूर्ण जानकारी।
दक्षिणेश्वर काली मंदिर:
दक्षिणेश्वर काली मंदिर, कोलकाता के हुगली नदी के पूर्वी तट पर स्थित है। यह मंदिर माता काली के रूप में माँ भवतारिणी को समर्पित है। कोलकाता के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक दक्षिणेश्वर मंदिर है। दक्षिणेश्वर काली मंदिर धार्मिक स्थल होने के साथ-साथ पर्यटकों का दर्शनीय स्थल भी है।

दक्षिणेश्वर काली मंदिर की स्थापना साल 1855 में परोपकारी रानी रश्मोनी द्वारा की गई थी। 20 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ दक्षिणेश्वर काली मंदिर पर्यटकों के लिए सबसे आकर्षक धार्मिक स्थल है। ऐसा माना जाता है कि दक्षिणेश्वर काली मंदिर में ही श्री राम कृष्ण परम हंस को आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त हुआ और साथ ही साथ इसी मंदिर में परम हंस को माँ काली की झलक दिखाई दी थी और इस वजह से राम कृष्ण परम हंस, दक्षिणेश्वर काली मंदिर में पुजारी के रूप में कार्य किया करते थे। अपने चमत्कारी शक्तियों के लिए प्रसिद्ध दक्षिणेश्वर काली मंदिर भक्तों के लिए प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है।
काफी बड़े क्षेत्रों में फैले होने के कारण दक्षिणेश्वर काली मंदिर में बॉलीवुड की कई फ़िल्मों की शूटिंग की जा चुकी है, जिनमें से प्रियंका चोपड़ा तथा रणवीर सिंह की फिल्म ‘गुंडे’ है।

दर्शन करने का समय:
दक्षिणेश्वर काली मंदिर सुबह 5:00 बजे से लेकर दोपहर 12 बजे तक तथा शाम को 4:30 बजे से लेकर रात 9:00 बजे तक खुला रहता है
काली घाट:
कोलकाता में बंगाली लोगों के लिए काली घाट मंदिर का विशेष महत्व है। कोलकाता के प्रमुख मंदिरों में से एक काली घाट मंदिर है और यह मंदिर माता सती के 51 शक्ति पीठों में से एक है। इस तरह यहाँ पर भक्तों की काफी भिड़ उमड़ती है।

कहा जाता है कि काली घाट में माता सती की पैर की उँगली गिरी थी और तब से यह स्थान आध्यात्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। काली घाट कोलकाता के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है तथा इस मंदिर की उत्पति आज से लगभग 200 साल पहले हुई है। बंगाली में पौष के महीने में यहाँ पर काफी भिड़ उमड़ती है तथा इस दौरान लाखों श्रद्धालु माँ काली के दर्शन के लिए यहाँ आते है।
15वीं शताब्दी में निर्मित मंदिर का वास्तुकला आपको मंत्र मुग्ध कर देता है तथा माता काली की मूर्ति काले पत्थर से बनी हुई है और सोने के आभूषण से सजा यह मूर्ति माता काली के उग्र रूप को दर्शाती है।
दर्शन करने का समय:
काली घाट मंदिर सुबह 5:00 बजे से लेकर दोपहर 1:30 बजे तक खुला रहता है। उसके बाद मंदिर का कपाट बंद कर दिया जाता है तथा संध्या की आरती के लिए माँ काली का कपाट शाम को 5:00 बजे से लेकर 10:30 बजे तक खुला रहता है।
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बिरला मंदिर:
कोलकाता में स्थित बिरला मंदिर अपने अद्भुत वास्तुकला के रूप में जाना जाता है तथा इस मंदिर को बनाने में पूरे 26 साल लग गए। बिरला मंदिर का निर्माण बलुआ पत्थर तथा सफेद संगमरमर के पत्थरों से किया गया है। इस तरह मंदिर का निर्माण कार्य 1996 में पूरा हुआ।

बिरला मंदिर, भगवान कृष्ण तथा माता राधा को समर्पित है इसके अलावा इस मंदिर में भगवान गणेश, भगवान शिव, भगवान हनुमान के अलावा देवी दुर्गा की प्रतिमा भी स्थापित है। शाम के समय बिरला मंदिर दियों की रोशनी से जगमगा उठता है तथा इस दौरान भजन और कृतन के साथ शाम की आरती की जाती है और मंदिर की ख़ूबसूरती में चार चांद लग जाता है। बिरला मंदिर की बाहरी ढ़ाचा काफी आकर्षक और भव्य है।
दर्शन करने का समय:
बिरला मंदिर ओल्ड बालीगंज रोड पर स्थित है तथा यह मंदिर सुबह 5:30 बजे से लेकर दोपहर 11 बजे तक और शाम 4:30 बजे से लेकर रात 9:00 बजे तक खुला रहता है।
परेश नाथ जैन मंदिर:
साल 1867 में राय बद्रीदास बहादुर द्वारा निर्मित परेश नाथ जैन मंदिर अपनी शानदार वास्तु कला के लिए प्रसिद्ध है। संगमरमर के पत्थरों से बना इस मंदिर में रंगीन काँच की खिड़कियाँ है तथा परेश नाथ जैन मंदिर कोलकाता के नॉर्थ में स्थित है।

जैन समुदाय वाले लोगों के लिए परेश नाथ जैन मंदिर एक धार्मिक स्थलों में से एक है। मंदिर के चारों ओर हरा भरा बगीचा है तथा इस बगीचे के बीच में फ़व्वारे है जो मंदिर की रौनक़ में चार चांद लगाता है। मंदिर के आस-पास एरिया में कई छोटे-छोटे स्टॉल तथा दुकानें लगे हुए है तथा इन दुकानों से आप कोलकाता के प्रसिद्ध स्ट्रीट फूड का स्वाद चख सकते है।
दर्शन करने का समय:
परेश नाथ जैन मंदिर की यात्रा के लिए आप अपने घर से सुबह ही निकले क्योंकि इस मंदिर की कपाट सुबह 5:00 बजे खुल जाती है और उसके बाद से मंदिर में काफी भिड़ उमड़ती है।
बेलूर मठ:
रामकृष्ण परमहंस को समर्पित यह मंदिर स्वामी विवेकानंद द्वारा बनाया गया था। यह कोलकाता के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। मंदिर के अंदर राम कृष्ण परमहंस की विशाल प्रतिमा स्थापित है और इसके साथ-साथ स्वामी विवेकानंद तथा श्री शारदा देवी की भी मूर्ति रखी गई है। बेलूर मठ की वास्तुकला हिंदू, ईसाई, बौद्ध और इस्लामी शैलियों का मिश्रण है, जो काफी अद्धभूत तथा अनोखा है। धार्मिक स्थलों में से एक बेलूर मठ में विदेशी पर्यटक भी इस मंदिर का भ्रमण करने के लिए यहाँ आते है।

बेलूर मठ मंदिर में एक बहुत बड़ा प्रार्थना कक्ष है तथा इस कक्ष में स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं का कार्यक्रम किया जाता है। हुगली नदी के पश्चिमी तट पर स्थित बेलूर मठ एक शांति पूर्ण तथा आध्यात्मिक स्थान है तथा नदी के किनारे स्थित होने के कारण यहाँ से डूबते सूरज का दृश्य काफी मनोरम प्रतीत होता है।
बोरो माँ:
कोलकाता में नैहाटी रेलवे स्टेशन से पाँच मिनट की पैदल दूरी पर स्थित माता काली की भव्य मूर्ति जिसे बोरो माँ के नाम से जाना जाता है। शमशान काली के रूप में बोरो माँ की प्रतिमा अपने भक्तों पर कृपा बरसाती है।

काली पूजा के दौरान नैहाटी में बोरो माँ की भव्य प्रतिमा स्थापित की जाती है तथा इस दौरान भक्त माँ काली के चरणों के सामने दंडी काटते हुए अपनी आस्था को पूरा करते है। पौराणिक कथाओं तथा स्थानीय लोगों के अनुसार आज से लगभग 100 साल पहले नैहाटी के रहने वाले भवतोष चक्रवर्ती ने अपने पाँच दोस्तों के साथ मिलकर बोरो माँ की प्रतिमा स्थापित किए थे।
काली पूजा के दौरान नैहाटी शहर में काफी भिड़ उमड़ती है तथा यहाँ पर अन्य मूर्ति की तुलना में बोरो माँ की प्रतिमा ही सबसे बड़ी होती है। साल 2023 में बोरो माँ की प्रतिमा ने 100 सालों का सफर पूरा किया, और इस तरह बोरो माँ की प्रतिमा का श्रिंगार क़रीब 100 किलो सोना और 200 भरी चाँदी के गहनों से तैयार किया गया था।
काली बाड़ी:
कोलकाता के सबसे पुराने धार्मिक स्थलों में से एक काली बाड़ी है। इस मंदिर में माता काली के रूप में माता सिद्धेश्वरी की पूजा की जाती है। काली बाड़ी में सप्ताह के दो दिन मंगलवार तथा शनिवार को काफी भिड़ रहती है। थंथनिया काली बाड़ी के रूप में मंदिर की स्थापना 1803 ईसवी में की गई थी। काली बाड़ी उत्तरी कोलकाता में स्थित, कॉलेज स्ट्रीट के पास है।
इस्कॉन मंदिर:
कोलकाता के कृष्णा नगर क्षेत्र में स्थित इस्कॉन मंदिर भगवान कृष्ण तथा माता राधा की प्रतिमा के लिए विख्यात है। हिंदू मंदिरों में सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थल इस्कॉन मंदिर है तथा इस्कॉन मंदिर में शाम के समय भजन और कृतन किया जाता है और इस दौरान इस्कॉन मंदिर में भक्तों की ताँता लगी रहती है।
इसके साथ-साथ इस्कॉन मंदिर प्रसाद वितरण के लिए भी जाना जाता है। प्रसाद वितरण के रूप में मंदिर के बाहरी कक्ष में सात्विक भोजन करवाया जाता है। कृष्ण का जन्म दिन अर्थात् जन्माष्टमी के दौरान इस्कॉन मंदिर में काफी भिड़ उमड़ती है तथा इस उत्साह में श्रद्धालु भगवान कृष्ण की दर्शन के लिए यहाँ आते है।
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कोलकाता के धार्मिक स्थलों से जुड़े प्रश्न: FAQ
Q- कोलकाता के प्रसिद्ध मंदिर कौन-कौन स है?
A- काली घाट, दक्षिणेश्वर काली मंदिर, बेलूर मठ, बिड़ला मंदिर तथा बड़ों माँ जैसे धार्मिक स्थलों का नाम शुमार है।
Q- कोलकाता के प्रमुख रेलवे स्टेशन कौन स है?
A- पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता एक महानगर है। हावड़ा जक्शन तथा सियालदह कोलकाता के दो प्रमुख रेलवे स्टेशन है।
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